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भाभी

Editor: Providentia Translations

अगली सुबह निंग क्षी के जाने के बाद लू टिंग ने काफी बेचैनी में लू जींगली को फोन किया, " किसी को सेट पर भेजो जल्दी।"

"क्या हुआ भाई, कोई भाभी को परेशान कर रहा है क्या?' ऐसा हर उस शख्स के साथ होता है जो सितारा बनना चाहता है यहाँ, यह सब उसे और मजबूत बनाएगा| अगर वह इन सब से नहीं गुज़रेगी तो खुद से खड़े होना कैसे सीखेगी?" जींगली ने यह सब उसी तरह से कहा जैसे लू टिंग कहा करता था।

लू टिंग बोला, " उसे इन सबकी जरूरत नहीं होगी ..."मतलब लू टिंग निंग क्षी के पीछे हर बार खड़ा होगा।"

लू जींगली केवल हँसकर रह गया... "हा हा हा"

जींगली को थोड़ा बुरा लगा , क्योंकि पिछले साल लू टिंग ने जींगली को द ग्लोरी वर्ल्ड संभालने को दे दिया था और किसी को उसकी मदद भी नहीं करने दी थी। 

" ठीक है, ठीक है। भेजता हूँ मैं किसी को सेट पर आप चिंता न करे| उसका बाल भी बांका नहीं होने दूँगा।" लू जींगली ने अपने भाई को आश्वस्त किया।

" तुम अगले महीने एक हफ्ते की छुट्टी ले सकते हो।"लू टिंग ने अचानक कहा।

"भाई! ये क्या बोल रहे हो आप? लू जींगली को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था| आप मुझे छुट्टी दे रहे हो वो भी पूरे एक हफ्ते की? आपने पिछले 3 सालो मे मुझे एक दिन भी छुट्टी नहीं लेने दी है।" जींगली ने खुशी से कहा।

"नहीं चाहिए क्या?"

"चाहिए।"

पर वह सोचने लगा अचानक ऐसा क्या हुआ की भाई इतना मेहरबान हो गया। वह याद करने लगा की उसने अभी-अभी क्या-क्या कहा भाई से| तब उसे याद आया की उसने निंग क्षी को भाभी कहा। इसीलिए भाई ने खुश होकर छुट्टी दी।

.......

"साहब आपसे मिलने डॉक्टर किन आए है|" किसी ने आ कर लू टिंग को बताया।

एक दुबला पतला आदमी साफ कपड़ो में चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लिए अंदर आया। लू टिंग अपना फोन रखकर मेहमान की तरफ मुड़ा, " आइए, बैठिए।"

किन मुफेन अपना बेग नीचे रख कर सोफ़े पर बैठ गया|

 "बोलिए क्या हुआ , क्या लिटिल की तबियत ठीक नहीं हैं?"

" आप खुद ही देख ले, वह रसोई घर मे है," लू टिंग ने जवाब दिया।

"रसोई घर?" किन मुफेन आश्चर्य से पूछता हुआ रसोई घर की तरफ चला गया।

2मिनट के बाद डॉ बाहर आया और खुशी से बोला "लिटिल को जूस बनाने का शौक कब से लग गया? वह बहुत खुश नज़र आ रहा है। क्या कुछ विशेष हुआ?"

"कुछ दिन पहले मैं अपने काम मे कुछ ज्यादा ही व्यस्त था तो जींगली इसकी देखभाल कर रहा था, एक दिन जींगली मुझे बगैर बताए लिटिल को बार में ले गया।" लू टिंग ने डॉक्टर को फिर सारी बातें विस्तार से बताई।

डॉक्टर ने लू टिंग की सारी बाते ध्यान से सुनी , फिर कहा "चलो जो होता है अच्छे के लिए ही होता है, पहले लिटिल कितना बुझा-बुझा सा रहता था| उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता था| यह अच्छा हो गया कि वह कुछ नया करने लगा है| तुम उस लड़की को किसी नैनी या शिक्षीका के रूप में लू टिंग के लिए क्यों नहीं रख लेते?"

"क्योंकि वह लिटिल ट्रेजर की होने वाली माँ के रूप में यहाँ रहने वाली है।"लू टिंग ने कहा ।

 डॉक्टर किन एक दम आश्चर्यचकित रह गया, " क्या बात कर रहे हो तुम ? यह तुम लिटिल के लिए कर रहे हो या खुद के लिए?"

लू टिंग के भाव विहीन चेहरे पर अब थोड़ी सी मुस्कुराहट आ गयी, " डॉ , आपका अंदाजा सही है।"

" ओहो, हे भगवान , तुम्हें प्यार हो गया है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। मेरा अंदाजा सही था| तुम असेक्सुयल कैसे हो सकते हो? कुछ और बताओ मुझे| क्या उसे देखकर तुम्हारे दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं? क्या तुम्हारा खून गरम होने लगता है? क्या उसके पास जाने का मन करता है? क्या उसे छूने का मन करता है?"

लू ये सब सुन के थोड़ा सोचा, फिर कहा " हाँ! आप सही कह रहे हो।"

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