गु नियानजी को इस बात का बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि वो किस तरह इस अभिमानी पर बेहद आकर्षक मेजर जनरल को अपने प्यार में दीवाना बना सके। उसकी आँखें गहरी और गंभीर थीं.... “मुझे लुभाओ। अगर तुम यह करने की काबिलियत रखती हो तो, मैं तुम्हारा हूँ”। गु नियांजी: “!!!” चेतावनी: जो कहानी आप पढ़ने जा रहे हैं उसमें गैर-सहमती वाली हरकतों, मानसिक उत्पीड़न वाले रिश्तों और महिलाओं के उत्पीड़न जैसे विषयों के बारे में बात की गई है। पाठकों को सावधानी से पढ़ने की राय दी जाती है।