तारीख १७ जनवरी २०१४ जब रोहन नाम इक्कीस साल का जवान लड़का अपने किसी दोस्त के घर से अपने घर बाइक से जा रहा था. रात काफी हो चुकी थी और रास्ते में रोहन की बाइक के अलावा किसिकिभी गाड़ी दिख नही रही थी. रात के १.३० बज रहे थे. और रास्ता काफी सुनसान था. चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा दिखाई दे रहा था. रोहन काफी चिंतित था क्युकी उसे पता था कि उसे घरवालों से बोहोत ज्यादा डाट पड़ने वाली हे. और इसीलिए रोहन अपनी बाईक की तेजी को बढ़ा लेता है. और रास्ते में आसपास कोई गाड़िया भी नही है तो वो बाइक को तेज भगाकर घर जल्दी चला जाएगा.
थोड़ी देर आगे बढ़ने के बाद आगे रोहन देखता ही की सामने बोहोत बड़ा एक टनल आरहाहे तो वो देख कर रोहन काफी ज्यादा हैरान हो गया क्युकी जब रोहन इस रास्ते से अपने दोस्त के घर आया था तब उस रास्ते पर कोई भी टनल नहीं था. और अब ये अचानक से टनल कहा से आगया. लेकिन रात इतनी हो चुकी थी की बीच रास्ते में बाइक को रोककर उसके पास सोचने का समय नहीं था. और घर जाने के लिए उसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं था और उसको घर जल्द से जल्द पहोचना था. तब रोहन बिना कुछ सोचे tunnel के अंदर से जाने लगता है. जैसे ही वो tunnel के अंदर घुसता हे वेसेही वो देखता ही की tunnel के अंदर काफी ज्यादा अंधेरा था. Tunnel के अंदर की रोशनी बोहोत ही कम थी. लेकिन बाइक के headlight के कारण रोहन को जाने में उतनी मुश्किल नहीं हो रहा था.
थोड़ी देर तक सफर करने के बाद रोहन को महसूस होता है की वे कबसे tunnel के अंदर ही है. अभी तक tunnel खतम केसे नही हुआ. लेकिन फिरभी रोहन आगे बढ़ते रहता है. बाइक चलाते चलाते रोहन को अजीब घबराहट सी होने लगती है. क्योंकि उसे अचानक से ऐसा महसूस होता है की उसके पीछे कोई बेटा है. लेकिन जब वो पीछे मुड़कर देखता ही तो कोई नहीं होता तब मानो रोहन की जान में जान आई हो अब तो रोहन tunnel से जल्द से जल्द निकलना चाहता है. थोड़ी देर के बाद अचानक से खून से लटपट जख्मी आदमी रोहन की बाइक के सामने आकर उसे रोकता है. यह देखकर तो रोहन देर के लिए डर जाता हे. वो सोचता ही की सुनसान tunnel के अंदर एक जख्मी आदमी क्या कर रहा हे. रोहन उस जख्मी आदमी से पूछता है. तुम कोन हो इस सुनसान tunnel मे तुम क्या कर रहे हो, और तुम्हारी ये हालत केसे हुई. उसके बाद वह आदमी जवाब में यह कहता है की में अपने परिवार के साथ गाड़ी से बाहर घूमने जा रहे थे और हमारी गाड़ी tunnel के अंदर आतेही गाड़ी के ब्रेक अचानक से खराब हो गए और हमारी गाड़ी tunnel के दीवार से जाकर टकरागई. मेरी बीवी और बेटी दोनों बुरी हालत में है, उन्हें बचा लीजिए यह सुनकर रोहन को उस जख्मी आदमी पर तरस आया रोहन ने उस जख्मी आदमी से पूछा कि वह दोनों कहां पर है. तब उस जख्मी आदमी ने कहा कि वह दोनों गाड़ी में ही है प्लीज उन्हें बचा लीजिए वरना वह मर जाएंगे. उसके बाद रोहन बाइक से उतरकर उसे जख्मी आदमी के साथ उसके परिवार को देखने जा रहा होता है.
Tunnel के अंदर काफी ज्यादा अंधेरा होता है, रोहन मुश्किल से कुछ देख पा रहा था तभी उसे दिखाई देता है कि दूर वहां पर एक गाड़ी खड़ी है जिसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी. तब वह गाड़ी के नजदीक जाकर देखता है की गाड़ी के अंदर एक औरत और एक छोटी सी बच्ची दोनों साथ में हालत में बहुत बुरी थी. रोहन की तो समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था कि वह क्या करें. तभी वह जख्मी आदमी रोहन से विनती करते कहता है की तुम पहले मेरी बेटी को अस्पताल में लेकर जाओ वरना वह मर जाएगी. पहले उसकी जान बचाओ. और वहां से हमारे लिए मदद लेकर आना. उसकी यह बात मान कर रोहन बच्ची को बाइक के पीछे वाली सीट में बिठा देता है. और उसके बाद रोहन बाइक से आगे जा रहा होता है तभी अचानक से बहुत ज्यादा अंधेरा होने लगता है इतना अंधेरा कि उसे दिखता भी नहीं. लेकिन एक बात अच्छी थी कि उसकी बाइक की रोशनी से उसे थोड़ा बहुत दिखता. रोहन आधे घंटे तक बाइक चलाकर tunnel के बाहर जाने की कोशिश करता है लेकिन उसे यहां मालूम पड़ता है कि वह एक ही जगह पर बाइक को घुमा रहा है वह tunnel के बाहर जाएं नहीं पा रहा है. अब रोहन को पक्का यकीन हो चुका था कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है. थोड़ी बाइक चलाने के बाद वह उसी रास्ते पर आजाता हे जहा उस परिवार की की गाड़ी का एक्सिडेंट हुआ था. तब उसे वह जख्मी आदमी मिलता है और रोहन से कहता है की आप अकेले क्यूं चले गए आपने मेरी बेटी को तो यहां पेही छोड़के चले गए. ये सुन कर रोहन ने पीछे सीट पर देखा तो वहा पर कोई नहीं था. और बच्ची भी अपनी गाड़ी के अंदर थी. यह देख कर रोहन के हाथ पर एकदम से सुन्न हो चुके थे. रोहन के तो पसीने छूट रहे थे समझ नहीं अरहा था की वो क्या करे लेकिन वो जान चुका था की ये लोग इंसान नही कोई प्रेत ही हे. बच्ची को देखने के बाद वो जेसेही जख्मी आदमी की तरफ देखता हे तो उस आदमी की जगह पे उसकी पत्नी जो जो गाड़ी के अंदर थी वो खड़ी थी. और उसका जो जख्मी आदमी था वो गाड़ी उसी बेहोश था जहा उसकी पत्नी थी.
पत्नी रोहन से उसी तरह मदद मांग रही थी जिस तरह उसका पति मांग रहा था. और यह कहती है की हमारे गाड़ी एक्सिडेंट हुआ है और मेरे पति और बेटा बोहोत बुरी हालत में उन्हें बचा लीजिए. हा जिस तरह आप चोक गए उस तरह उसी तरह रोहन भी यह सुन कर चोक गया की गाड़ी बेटी की जगह पे बेटा आ गया था. यह देख कर तो रोहन इतना डर चुका था की उसके मुंह से आवाज भी नही आरही थी. वो जेसेहि भागने के लिए बाइक को start करने की कोशिश करता है तो उसकी बाइक की अचानक से बंद पद जाति है. यह देख कर वह जख्मी आदमी और बच्चा गाड़ी के अंदर से और पत्नी बाहर सीता जोर जोर से हस रहे थे मानो उसे जाल में फसा दिया हो यह देख करतो रोहन बिना बाइक के ही पेरो से भागने लगता है. क्योंकि वो जान गया था की वो खड़ा रहा तो नही बच पाएगा. लेकिन पूरे tunnel मे अंधेरा था रोहन को कुछ नही दिखाई दे रहा था. वो कहा जा रहा था उसे कुछ नहीं पता था. उसके कानो में बस एक ही आवाज सुनाई देरही थी. और वो थी उस परिवार की जो बार बार कह रहे थे " हमे बचाओ "
बही यही चीज रोहन सुनाई दे रही थी और रोहन को कुछ दिख भी नही रहा था. अंत में जाकर tunnel के बाहर से रोहन की आवाज आती है जो चीख चीख के मदद मांग रहा होता मगर कोई नही आता उसके बाद से रोहन अपने घर नही जा पाया वाहकी पुलिस उसकी तलाश कर रही होती है और रोहन का कुछ पता नही चल पाता.