ख़ामोशी मे जो मजा है
वो बहस मे नहीं है
खामोश जब हम रहते है
तो दिमाग़ भी ठीक से काम करते है
नई नई ख़याले आते है
नई कहानियाँ बनती है
वो बहस मे नाही है
----Raj