webnovel

Shairy No 6

अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाइयेगा

हम याद करतें है अक्सर उसे जिसे हम दोस्त कहते हैं

हम याद करतें है अक्सर उसे जिसे हम दोस्त कहते हैं

पर क्या पता उसे हम याद आते भी या नहीं जिसे हम दोस्त कहते हैं

Próximo capítulo