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अपनी गोद में खींच लिया

Editor: Providentia Translations

उसके चेहरे से मुस्कराहट गायब हो रही थी, नान जी ने अपनी भौंह के हल्के उभार के साथ सोफे पर बैठे सुंदर आदमी को देखा। "क्या आपको मानव भाषा समझ नहीं आती हैं? मैंने कहा कि आपके कमरे के लोगों ने गलती की है, मैं वो नहीं हूं जो आप समझ रहे हैं।"

पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया।

इतनी शांति हो गई थी की पिन के गिरने की आवाज भी सुनाई देती।

एक महिला ने अविश्वास में अपना मुंह ढंक लिया, वो नान जी की तरफ ऐसे घूर रही थी जैसे वो एक राक्षस हो।

ये महिला, क्या इसका दिमाग खराब है?

कैसे वो युवा मास्टर म्यू का खंडन करने की हिम्मत कर सकती है!

वे सभी इस बात के गवाह थे कि जब वो क्रोधित होता था तो युवा मास्टर म्यू कितना खतरनाक हो जाता था।

यहां तक ​​कि म्यू सिहान के सबसे अच्छे दोस्त, लैन यान्झी भी अविश्वास की नजर से ये सब देख रहा था, अगर वातावरण में इतना तनाव नहीं होता तो उसके चेहरे की हैरान अभिव्यक्ति हास्यप्रद होती। ऐसा लग रहा था कि नान जी के अलावा, किसी भी महिला ने कभी भी चौथे भाई से इस तरह बात करने की हिम्मत नहीं की थी।

इस लड़की के पास बहुत हिम्मत थी।

"ये कमीनी कहां से आई है, तुमने युवा मास्टर म्यू को फटकारने की हिम्मत कैसे की। क्या तुम मृत्यु की तलाश कर रही हो!" क्लब हाउस में काम करने वाली एक महिला,जो म्यू सिहान की लंबे समय से प्रशंसक थी, आगे बढ़ी, और उसने थप्पड़ मारने के लिए नान जी के चेहरे की ओर हाथ बढ़ाया।

नान जी ने अपना बचाव किया, एक गिलास रेड वाइन उठाई और महिला के चेहरे पर फेंक दी। "कमीनी कौन है?"

"कमीनी तुम्हारे बारे में बात कर रही है!"

कुछ सेकंड बाद, कमरे में हंसी की आवाज आई।

"मियाओमियाओ, तुमने खुद को क्यों डांटा!" लैन यान्झी ने मुस्कराते हुए, मजाक किया।

मियाओमियाओ ने अपने चेहरे से रेड वाइन को पोंछा, उसका चेहरा गुस्से से भर गया। उसने पतले कपड़े पहने थे, जो अब शराब के लाल रंग से खराब हो गए थे और शराब से लथपथ होने के बाद, उसकी त्वचा पर चिपक गए थे। उसने अंदर ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी और उसके स्तन आसानी से दिख रहे थे। वो झुककर, सोफे पर सिगार पीते हुए आदमी को देख रही थी और निराशा से बोली, "युवा मास्टर म्यू, देखो, इस बेशर्म औरत ने मेरे साथ क्या किया है! मैं नहीं देख सकती थी कि वो आपका कैसे अपमान कर रही थी!"

जब वो बोल रही थी, तो वो अपने चमकदार होंठों को बाहर की ओर निकाल रही थी, और जानबूझकर नीचे झुक रही थी ताकि उसकी पोषक का गला नीचे हो और उसके स्तन दिखाई दें। उसने अपनी लंबी पलकों को झपकाते हुए कहा, "युवा मास्टर म्यू, आपको मेरी खातिर उससे हिसाब लेना होगा ..."

म्यू सिहान ने धुएं का एक कश छोड़ा, उसकी ठंडी आंखे आधी बंद थी। "मुझसे दूर हो जाओ, मुझे सिलिकॉन स्तनों में कोई दिलचस्पी नहीं है।"

मियाओमियाओ पीछे हो गई जैसे की उसे थप्पड़ पड़ा हो, उसके गाल शर्मिंदगी से गहरे लाल हो गए थे ..

नान जी, जो जाने वाली थी, खुद को रोक नहीं सकी और जोर से हंस दी।

न केवल इसकी आंखे तेज थीं, ये आदमी भी बहुत मतलबी था।

मियाओमियाओ कमरे से चली गई, उसका सिर नीचे था और होंठ कांप रहे थे और वो नान जी के बगल से निकल गई।

"तुम रूको।" युवा मास्टर म्यू के शब्द अचानक एक छोटे आदेश जैसे सुनाई दिए।

मियाओमियाओ खुश हो गई और म्यू सिहान से पूछने वाली थी कि क्या वो उसे रहने के लिए कह रहे हैं, जब उसने युवा मास्टर म्यू, जिसने पहले स्वेच्छा से किसी महिला को नहीं छूआ था, को नान जी की कलाई को पकड़कर उसे अपने मजबूत और दृढ़ पैरों पर जबरन खींचते हुए देखा।

ईर्ष्या मियाओमियाओ के खून में जैसी भर गई। उस महिला की हिम्मत कैसे हुई! वो कितना चाहती थी कि उसकी जगह वो युवा मास्टर म्यू की गोद में बैठी होती!

लेकिन युवा मास्टर म्यू की गोद में बैठी नान जी बहुत अलग मूड में थी। उसकी स्कर्ट के नीचे आदमी की जांघें दृढ़ और मजबूत थीं। वो उसकी त्वचा से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर सकती थी, भले ही उनके बीच में कपड़े की दो परतें थीं।

अचानक हुई हरकत से सकपकायी नान जी ने अपनी उंगलियों को मोड़ा और उसके दाहिने हाथ में कुछ चुभा।

तापमान बढ़ रहा था ...

एक पल में, नान जी ने महसूस किया कि उसने क्या पकड़ा हुआ था। उसने जल्दी से अपने हाथों को दूर हटाया, अपने नाखूनों को पतलून की पतली चैन से रगड़ते हुए।

उसका दिल बेकाबू होने लगा।

उसे लगा जैसे वो एक बच्ची थी, जिसकी मां ने उसे गलती करने के बाद सजा देने वाली थी।

उसने अपनी आंखों को उसे पकड़े हुए आदमी की ओर किया और उसकी बांह उसकी कमर के चारों ओर एक अंतरंग तरीके से लिपटी हुई थी।

मंद प्रकाश के नीचे, उसकी नक्काशीदार विशेषताएं तेज और गर्वित दिख रहीं थीं, उसकी लंबी और संकीर्ण आंखे काली और गहरी थीं। उसने अपना दूसरा हाथ सोफे के पीछे रखा हुआ था, जिससे वो फुर्सती और घमंडी लग रहा था।

नान जी ऐसे आदमी से कभी नहीं मिली थी। यहां तक ​​कि उसकी एक झलक से ही वो कांप रही थी। उसने महसूस किया कि जो कोई भी दस सेकंड से अधिक समय के लिए उसकी आंखों में आंखे डालकर देख सकता है, उसके पास एक मनोवैज्ञानिक शक्ति होगी जैसी डेविड के पास थी, जब उसने गोलियत का सामना किया था।

नान जी उतनी मजबूत नहीं थी। वो केवल चार या पांच सेकंड के लिए उसकी आंखों को देख पाई, और फिर उसने अपनी टकटकी उसकी छाती की ओर कर दी।

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