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धोखेबाज़

Editor: Providentia Translations

"धोखेबाज़! बड़ा धोखेबाज़!"

एक गुस्से से भरी गर्जना सुनाई दे रही थी| फिर, ब्लूस्टोन के बने फुटपाथ पर हड़बड़ाये हुए क़दमों की आवाज़ गूँज उठी|

ज़हाँग वान ने मजबूर होकर अपने दोनों हाथों को उठाकर बोला, "मैं धोखेबाज़ नहीं हूँ, मैं स्कूल का एक टीचर हूँ, और मैं तुमको सिर्फ अपना स्टूडेंट बनाना चाहता हूँ! और धोखेबाज़ के आगे 'बड़ा' लगाने की क्या ज़रूरत है? ऐसा लगता है मानो कि मैं एक कलंकित मुज़रिम हूँ|"

उसके बाद अचानक उसे प्रिंसिपल की बातें याद आ गई, "यह सत्रहवीं बार हो चुका है! अगर मैं आज स्टूडेंट ढूंढने में नाकामयाब रहा, तो मुझे अपना सामान बांध कर निकल जाना होगा!

ज़हाँग वान इस दुनिया से नहीं था, वह सिर्फ हाई स्कूल में एक मामूली सा लाइब्रेरियन था| उसे सिर्फ सुलगते हुए अंगारे याद थे| उसके सिवा और कुछ नहीं| जब वह एक बार फिर से जागा, तो वह इस दुनिया में आ चुका था|

यह दुनिया बिलकुल उन किताबों जैसी थी, जहाँ पर मार्शल आर्टस में उसकी नीव रखी गयी थी, और जहाँ पर ताक़त हुक़ूमत करती थी!

उसने सोचा था कि अब जब उसने एक अलग सी दुनिया में कदम रखा हैं, वह एक बेकार टैलेंट बनकर रहेगा जिसे उसकी मंगेतर तक ने ठुकरा दिया है| इसके बाद, वह उन बेवकूफों के खिलाफ जवाबी हमला करेगा, उन्हें लज्जित करेगा, और उसके बाद से उसकी ज़िंदगी आसानी से गुज़र जाएगी| पर शायद वह इस बात को लेकर कुछ ज़्यादा सोच रहा था| उसे यह समझ ने में देर नहीं लगी की वह एक स्टूडेंट नहीं बल्कि टीचर है|

पूरे स्कूल में सबसे निकम्मा टीचर! 

दूसरे टीचर्स के लेक्चर्स लोगों से हमेशा इतने भरे रहते थे कि वहाँ पर बैठने की जगह नहीं होती थी | दूसरी ओर, उसकी क्लास में एक भी स्टूडेंट नहीं था| ज़रा से स्टूडेंट्स को भी इकट्ठा करना, उसके लिये मुश्किल होता था लेकिन आख़िर में, वे लोग उसको धोखेबाज़ का दर्जा देकर भाग खड़े हो जाते!

ग़ौरतलब था, कि जिस आदमी का शरीर उसने धारण किया था वह पूरे कैम्पस का सबसे कमज़ोर टीचर था, और वह हुनर परखने में अनाड़ी था| मुसीबत की जड़ यह थी कि, उसने एक स्टूडेंट को कुछ गलत सिखा दिया था, जिसकी वजह से उस स्टूडेंट की पहले की सारी मेहनत गड़बड़ा गयी|

यह कुछ ऐसा था, मानो किसी डॉक्टर के रिकॉर्ड में किसी मरे हुए पेशेंट का होना| स्कूल में उससे सब नफरत करने लगे, और उसकी इज़्ज़त पर धब्बा लग गया था|

यहाँ तक की नए स्टूडेंट्स भी उससे दूर रहना पसंद करते थे, उन्हें डर था कि अगर वे उसके चंगुल में फँस गये तो, उनकी हालत भी उस स्टूडेंट जैसी होगी|

अपने बुरे ट्रैक-रिकॉर्ड और स्टूडेंट्स के कमी के वजह से वह पिछले साल स्कूल के 'टीचर क्वालिफिकेशन एग्जामिनेशन' में, सबसे आखिर में था| स्कूल की तमाम हिस्ट्री में पहली बार उसको ही ज़ीरो मिला था |

निराश होकर, इस शरीर के पिछले मेज़बान ने शराब के ज़रिये अपना ग़म डुबाने की कोशिश की।आख़िरकार जैसा उसने चाहा था... वह मर गया| इस तरह से, ज़हाँग वान को इस दुनिया में छलांग लगाने के लिये मौका मिला|

नये टर्म की शुरुआत में, स्कूल ने उसको एक अल्टीमेटम जारी किया| अगर वह सेमेस्टर की शुरुआत में अपने लेसन में एक भी स्टूडेंट को दाखिला देने में नाकामयाब रहा, तो उसके टीचर का क्वालिफिकेशन रद्द कर दिया जायेगा!

उसके क्लासरूम के सामने से आज सत्रह नये स्टूडेंट पास हुए, लेकिन जैसे ही उन्होंने उसका नाम सुना, उनमें से हर एक इंसान तेज़ी से भाग खड़ा हो गया, मानो जैसे एक शक्की चाचा से जवान लड़कियाँ भाग रही हो| 

"मुझे अपने लेसन के लिये कम से कम एक बंदे को पटाने का ज़रिया खोजना पड़ेगा!"

जब वह अपने लेसन के लिये किसी को मनाने का प्लान बना रहा था, उसने दरवाज़े पर खड़ी एक लड़की को देखा जिसके चेहरे पर एक अजीब अचरज भरे हाव-भाव थे|

"क्या मैं जान सकती हूँ कि क्या यह टीचर 'लू युन' का क्लासरूम है?"

उसका रंग-रूप प्यारा और सुशील था, उसकी आवाज़ कानों में शहद की तरह महसूस हो रही थी |

लू युन स्कूल का स्टार टीचर था। उनके लेक्चर्स हमेशा खचा-खच भरे रहते थे, और उसके कारण ही कई लोग इस स्कूल में भर्ती हुए थे|

"मैं इसे फ़ुसला लूँगा!" किसी को सीधे उसके जाल में आते देखकर, ज़हाँग वान की आँखें चमक उठी|

अपने पिछले जीवन में सीखी गई सभी तरह के 'एक्टिंग कूल' तकनीकें उसको याद आने लगी,और आखिरकार, वह अपनी कुर्सी में शांत बैठा रहा| शांत और ज्ञानी का रूप धारण करके बोला, "तुम उसकी स्टूडेंट बनना चाहती हो?"

वह ज़ोर से सिर हिलाने लगी, मानो आदर से भरी उसकी गहरी काली आँखें चमक उठी हो, "मैंने सुना है कि टीचर लू युन 'होंगतियन' स्कूल के सबसे अच्छे टीचर है| उन्होंने जिन स्टूडेंट्स को पढ़ाया हैं, वे सभी अनोखी कामयाबी हासिल कर चुके हैं, और उनकी क्लास में भर्ती होना अपने आप में ही एक सम्मान की बात है| 

"ज़रूरी नहीं कि सारी अफवाहें सच्ची हों! टीचर जूतों की तरह होते है; उनको फिट बैठना सबसे ज़रूरी बात है! चाहे वह कितने भी अच्छे क्यों न सिखा सके, अगर उनकी तकनीकों के तरीके आपके लिये सही न हो, तो आप तरक्की की राह से भटक सकते है, और आप ऊँची उड़ान नहीं भर पायेंगे! आपकी प्रगति अवगति में बदल जायेगी| भले ही टीचर मशहूर न हो, अगर उनकी थ्योरी आपकी स्किल के साथ मेल खा ले तो आप में भी धीरे से निखार आ जायेगा और आप ज़रूर आगे बढ़ोगे!"

"अच्छा? मैंने अपने बड़े भाई को पहले भी इसी तरह के बातें कहते हुए सुना है!" जवान लड़की की खूबसूरत आँखें अनिश्चितता से भर गई| 

"लेकिन, मुझे नहीं पता कि मुझे किस तरह के लेसंस जचेंगे!"

उसकी अनिश्चितता भाँप कर, ज़हाँग वान की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स जैसे महान लोगों के सूझ-बूझ भरे विचारों को दिमाग में दोहराते हुए, उसने शब्दों का जाल बुनना शुरू किया। अपने चेहरे की भावों को कठिन बनाते हुए, उसने कहा, "हमारा मिलना भाग्य का खेल भी हो सकता है। क्योंकि मैं भी इस अकेडमी का टीचर हूं, मैं आपका, आपकी प्रतिभा और व्यक्तित्व का निरीक्षण करके आपको एक उपयुक्त टीचर खोजने में मदद कर सकता हूँ!"

"टीचर, आपको बेकार ही परेशानी होगी!" उसे उम्मीद नहीं थी कि अचानक ही मिला हुआ कोई टीचर उसके प्रति इतना मददगार और मिलनसार होगा। उसने तुरंत उत्साह से सिर हिलाया।

"पहले अपने हुनर का प्रदर्शन करो!"

ज़हाँग वान की आँखें आधी खुली हुई थीं, और उसकी थोड़ी आलसी और लापरवाही यह कहती दिख रही थी कि यह उसके लिए बाएं हाथ का खेल था।

"हाँ!"

हू...!

युवती के मुक्कों की ताकत से उत्पन्न शॉकवेव से कमरे के भीतर हवा का एक झोंका आया। आध्यात्मिक ऊर्जा की लहरें इकट्ठी हुईं और युवती के शरीर को झकझोर दिया। उसकी उर्जा तुरंत ही छिन्न-भिन्न नहीं हुई। उसका औरा भी शक्तिशाली तथा अनछुआ था । स्पष्ट था, उसका प्राथमिक प्रशिक्षण सुदृढ़ था।

"ठीक है, मैं कह सकता हूं कि आप पूरी लगन से प्रशिक्षण ले रही हैं। आपकी नींव ठोस है और आपकी प्रतिभा अपूर्व है। आप प्रतिभाशाली हैं!" जैसे ही युवती ने पंचिंग खत्म की, ज़हाँग वान ने तुरंत संतुष्टि में सिर हिलाया।

वह दुनिया के उन भाग्य विधाताओं की नकल कर रहा था जिस दुनिया से वह आया था, जिसमें फिसलन भरे शब्द थे और उनकी अनेक व्याख्याएँ की जा सकती थीं। इस वजह से, सुनने वालों के लिए उसके शब्दों में दोष निकालना कठिन हो जाता था। इसके बजाय, वे आश्चर्यचकित हो जाते थे कि उनका मूल्यांकन कितना सही है।

"आपके पैरों की ताकत ही आपको विशिष्ट बनाएगी। उनके पास अपार शक्ति हो सकती है, एक भारी अजगर जितनी। हर एक हरकत नदी के प्रचंड प्रवाह की तरह महसूस होती है, ताकत से भरी। अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं, आपका भविष्य होगा... उज्ज्वल ..."

"टीचर, मेरे पैर ज़ख्मी हैं। डॉक्टर ने कहा है कि मेरे पैर किसी अपंग की अपेक्षा ज़्यादा काबिल नहीं हैं..." युवती ने अनिश्चितता से ज़हाँग वान को रोकते हुए कहा।

"चोट लगी है?" ज़हाँग वान चिंतित हो उठा। लेकिन, वह काफी मोटी चमड़ी का था और दूसरों के लिए उसके चेहरे के भाव पढ़ पाना कठिन था। वह चिंता के कोई संकेत दिखाए बिना आगे बोला, "क्या आपको लगता है कि मैं इतना नहीं बता सकता! मैं उसी पल इस बात को जान गया था, जब से आपने अपनी ताकत दिखाना शुरू किया था। मैंने जो कहा है उसका कारण यह है कि ... केवल विनाश के बाद ही पुनर्जन्म होता है! आपके पैर घायल हो सकते हैं, लेकिन इसने आपको एक अवसर प्रदान किया है। जब आप इसे समझ जाएँगी, आपके पैर आपकी सबसे बड़ी ताकत बन जाएंगे! "

किसी भी तरह से, इस युवती को झाँसे में करना सबसे ज़रूरी काम था। यदि बकवास काम कर सकती, तो वह पूरे दिन बकवास कर सकता था।

"अवसर? टीचर, अवसर से आपका क्या मतलब है?" उन शब्दों को सुनकर उस लड़की की आँखें चमक उठी।

जब से उसके पैर घायल हुए थे, वह हमेशा खुद को दूसरों से हीन महसूस करती थी, जिसके परिणामस्वरूप उसका आत्मसम्मान कम हो चला था। उसने सोचा नहीं था कि उसके इस दुर्भाग्य को एक अवसर की तरह पेश किया जाएगा।

"यदि आप इस अवसर का लाभ उठा लेती हैं, तो आप तुरंत ही शीर्ष पर पहुँच सकते हैं। आपके लिए नए स्टूडेंट्स के बीच सर्वोच्च स्थान प्राप्त करना बहुत मुश्किल नहीं होगा। आखिरकार, आपकी प्रतिभा असाधारण है। आपकी क्षमता का व्यक्ति अभी तक इतिहास में नहीं आया है। हालांकि..." ज़हाँग वान आगे बढ़ता गया। वह उस युवती को फुसलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता था।

यह सुनकर कि वह अपने साथियों से श्रेष्ठ साबित हो सकती है, लड़की का हौसला बढ़ गया। लड़की थोड़ा शरमाई, पर उसने पूछना जारी रखा, "हालांकि कैसा अवसर?"

"हालांकि ..." ज़हाँग वान ने ठंडी सांस भरी। यह आह किसी विलक्षण प्रतिभा को खो देने के विलाप जैसी थी। "जो टीचर आपके भीतर प्रतिभा को नोटिस करने और बाहर लाने में सक्षम हैं, वे इस अकेडमी में ज़्यादा नहीं हैं! मुझे मिला कर, केवल तीन ऐसे हैं जो इस तरह की काबिलियत रखते हैं। अन्य दो ने तीन साल पहले से ही छात्रों को स्वीकार करना बंद कर दिया है। अगर मैं तुम्हारी सिफ़ारिश भी करूँ, तब भी वे तुम्हें स्वीकार नहीं करेंगे।"

"छात्रों को स्वीकार करना बंद कर दिया?" ज़हाँग वान की तारीफ़ों से लड़की की आशा जागी थी, लेकिन इन शब्दों को सुनकर उसका दिल डूब गया। फिर, एक क्षण के लिए वह रुकी और उसने पूछा, "वे छात्रों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन टीचर, क्या आप ... किसी को स्वीकार कर रहे हैं?"

"हाँ क्यों नहीं! लेकिन, जैसा की तुम देख सकती हो, मेरी दिलचस्पी प्रसिद्धि पाने में नहीं है, और मेरे पास इतना समय भी नहीं!" ज़हाँग वान ने अपने चेहरे पर कठोर भाव लाकर कहा। "अगर कोई विलक्षण प्रतिभाशाली ना हो, तो मैं उसे हरगिज़ स्वीकार नहीं करूँगा..."

बढ़िया!

इससे पहले कि वह अपने शब्दों को समाप्त कर पाता, युवती पहले ही प्रभावित हो चुकी थी, और उसने कहा, "मुझे पता है कि एक टीचर विशेषज्ञ होता है, कृपया मुझे अपना छात्र स्वीकार करें! मैं आपको निराश नहीं करुँगी!"

ज़हाँग वान के दिल में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन सतह पर, उन्होंने एक असमंजस का भाव रखा।

"आपके छात्र के रूप में, मैं आपको कभी परेशान नहीं करुँगी जब तक यह आपातकाल न हो!" यह देखते हुए कि ज़हाँग वान अभी भी अनिच्छुक थी, युवती ने तुरंत अपने चेहरे पर पूरी निष्ठा के साथ ज़ोरदार सिर हिलाया।

"मेरे पास ज़्यादा स्टूडेंट्स नहीं हैं, इसलिये, मेरे साधनों की तुलना दूसरे टीचर्स से नहीं की जा सकती हैं| इसके आलावा भी ज़हाँग वान ने अपनी बात को जारी रखा, "तुमको शायद थोड़ी आलोचना सहनी पड़े |

वह लड़की ने आखिर में हिचकिचाती हुई बोली, "क्या ऐसी बात है?.... मैंने सुना है कि ट्रेनिंग रिसोर्सेज ज़रूरी होते हैं| "

एक टीचर, स्कूल से साधनों की मांग कर सकते हैं, अगर उसके पास स्टूडेंट्स हों और वे परीक्षा में अच्छे अंक लाने में सक्षम हों| यह सब साधन ज़रूरी होते हैं, और उनके बिना आगे बढ़ना बहुत मुश्किल हो जाता है|

"यह मैंने तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए कहा था| चूँकि तुम ईमानदार हो, मैं तुम्हें अपना विद्यार्थी क़ुबूल करता हूँ!" 

उसकी हिचकिचाहट को ध्यान में रखते हुए, ज़हाँग वान ने तुरंत उसको रोक दिया और बोला "चलो हम अपना रिश्ता सील कर लेते है!"

"आह?"

उसने सोचा नहीं ,कि उसके सामने जो टीचर था वह अपना रवैया जल्द से जल्द किताबों के पन्नों जैसे बदलेगा| दंग रहकर, उस लड़की ने भावशून्य होकर ज़हाँग वान के द्वारा दिये गये टोकन को ले लिया| यह टोकन इस बात का प्रतिनिधित्व करेगा कि वह ज़हाँग वान की स्टूडेंट है|

जैसे ही वह सोच रही थी कि क्या उसको रिश्ता कबूल कर लेना चाहिये, उस शांत से दिखने वाले ज़हाँग ने उसका हाथ अपने तरफ खींचते हुए एक तेज़ खंजर से छोटा घाव बना दिया| उसके खून का एक बूँद टोकन पर गिरा|

वैंग!! 

लाइट चमक गयी!

"आह..."

लड़की हक्का-बक्का रह गई| 

क्या टीचर ने यह नहीं कहा था कि उन्हें इस मामले पर ध्यान से सोचना था? यह शोहरत और किस्मत उनके लिए मामूली चीज़ नहीं थी? अगर यह बात सच थी, तो उनकी चाल इतना तेज़ क्यों थी.... ऐसा लग रहा था मानो उसने पहले से ही खंजर को तैयार कर रखा था? 

"आज से तुम मेरी स्टूडेंट हो!" खून की गवाही के बाद, ज़हाँग वान ने लम्बी साँसे भरी| फिर, एक प्रबुद्धजीवी वाली अपनी भूमिका में वापस आ गया, उसने पूछा, "आपका नाम क्या है?"

"टीचर, मैं वांग यिंग हूँ!"

यह जानते हुए की यह निर्णय हटा नहीं जा सकता था, लड़की ने इस बात पर वक़्त न ज़ाहिर करते हुए इज़्ज़त से जवाब दिया| 

"अपने आइडेंटिटी टोकन के ज़रिये अपना बेडिंग और किताबें कलेक्ट कर लेना, और अपने लिये रहने की जगह ढूंढ लेना| हम कल से लेसंस शुरू करने वाले हैं!"

ज़हाँग वान ने हाथ हिलाया| 

"हाँ! " वांग यिंग जाने से पहले सर हिलाते हुए बोली| 

"हम्म !मैंने सफलतापूर्वक एक स्टूडेंट को पटा लिया!" 

एक स्टूडेंट को सफलतापूर्वक दाखिल करने के बाद, ज़हाँग वान ने आराम की साँसे भरी और मुस्करा उठा|

एक एक्सपर्ट होने के नाते इस बात को टाल देना आसान नहीं था | उसको सफलता मिलना नामुमकिन था,अगर उसने 'एक्टिंग कूल' के तकनीकों को इंटरनेट से नहीं सीखा होता |

इस स्टूडेंट के होने से, वह स्कूल से निकाल देने के दुःखद घटना से बच गया था| अब तक, जो बोझ ज़हाँग वान पर था वह मिट गया था, और उसकी रूह को सुकून मिल गया|

"निश्चिन्त हो न! अब जो मैं तुम्हारे बदन में हूँ, मैं तुम्हारी जगह मैं(mein) रह लूँगा! "

पुराना ज़हाँग वान नये स्टूडेंट्स को दाखिल न करने के वजह से मर गया था| उसका खेद इतना तीव्र था कि वह उसकी मौत के बाद भी इस दुनिया में भटकते ही रह गया|

धीरे धीरे, उसके मन का जूनून मिट गया | 

एक नया स्टूडेंट दाखिल हो गया और वह अपने आख़िरी खेद को संतुष्ट कर पाया, उसकी बाकी सब चाह मिट गयी | ज़हाँग वान ने आख़िरकार अपने शरीर पर पूरा काबू पा लिया|

बूम! 

इस बात को सुलझाने के बाद, ज़हाँग वान ने सोचा की वह कई और स्टूडेंट्स को पटाने की कोशिश करेगा| 

लेकिन, उसने अचानक अपने सिर में एक थरथरी सी महसूस हुई, और पुरातन घंटियाँ उसके सिर में गूँजी|

"यह लापरवाह दुनिया सभी इंसानों को तुच्छ चीटियों के भांति मानती हैं | ..."

"डूबते सूरज और ढलते हुए चाँद के बीच में, यह दुनिया अपूर्णताओं से भरी हुई है|"

बूम!

गहरी बातों से ज़हाँग वान चकरा सा गया| फिर, उसके मन में, एक बड़े महल का आभास हुआ| एंट्रेंस के ऊपर, पट्टियों पर चार शब्द चमकने लगे|

'लाइब्रेरी ऑफ़ हेवेन्स पाथ!'

ज़हाँग वान ने दरवाज़ा ढकेल के खोला और अंदर चला गया | किताबों की बड़ी बड़ी अलमारियाँ खड़ी थी, और अनगिनत कई तरह की किताबें रखी थीं | वह स्थान इतना विशाल था कि उसको उसका दूसरा छोर दिखाई नहीं दे रहा था|

"क्या यह ट्रांसेंडर्स के लिए एक गिफ्ट पैक हो सकता है? एक लाइब्रेरी? लानत है, मैं अपने पिछले जन्म में भी एक लाइब्रेरियन था| क्या मुझे इस जन्म में भी यह काम करना पड़ेगा?"

वह गिफ्ट पैक जो दूसरों को मिला था वे किसी पुराने पुरखे का चोगा, सिस्टम्स, या फिर कोई शक्तिशाली टूल| और मेरा गिफ्ट पैक एक लाइब्रेरी है? 

ज़हाँग वान की नज़र के सामने अँधेरा छा गया, और निराश होकर वह बेहोश होने वाला था| 

लाइब्रेरी? क्या ज़रुरत है इसकी? क्या मैं लड़ाई के वक़्त में किताबें फेंकूंगा, जब दूसरे लोग तलवार फेंक रहे होंगे?

"चलो छोड़ो, मुझे पहले किताबों को देखना चाहिये|"

कोई और चारा ना पाकर ज़हाँग वान का हाथ खाली बुकशेल्फ पर गुज़रा, लेकिन हवा के सिवा उसे कुछ हाथ नहीं आया|

"क्या मज़ाक है ये? मुझे एक लाइब्रेरी देते हो, और मुझे उन्हें हाथ में लेने से या उन्हें पढ़ने से रोक देते हो, क्या चाहते हो तुम?"

उसकी रुलाई छूट गयी, पर आँसू नहीं निकल रहे थे, ज़हाँग वान चुप रह गया| 

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