फ्लैशबैक कंटिन्यू,,,,,
रघुवंशी निवास,,,,
रूहानी डोर के पास ही खड़े हो कर एक टक सामने देख रही थी।
हाल में इस वक्त, ऋषभ के सामने एक लड़का बैठा हुआ था।जिससे ऋषभ बहुत ही प्यार से बात कर रहा था।
वही ऋषभ के बगल में ही बैठी हुई प्रीति की नजर रूहानी पर जाती है।तो वह उसे आवाज देते हुए कहती है,"_रूह, वहा क्यों खड़ी हो अंदर आ जाओ बेटा,देखो कोन आया है ? "
प्रीति जी यह बोलते हुए विशाल को देखने लगी।विशाल की नजर रूहानी पर ही था।हाल में इस वक्त रुहानी की दो बहने नित्या और विधि भी बैठे हुए थे। वह दोनो उठ कर रूहानी के पास जाते है।
रुहानी अपने जगह में ही जम गई थी। क्यों की सामने का माहोल थोड़ा अलग लग रहा था। कॉफी टेबल पर इस वक्त अलग अलग फलों का प्लेट,सुहागन की कुछ चीजें सब कुछ रखा गया था।ऐसा लग रहा था की वहा किसी की शादी की बात हो रहा हो।
नित्या, रूह के पास जा कर धीरे से उसके कान में कहती है,"_ रूह दिदू,पापा ने आपकी शादी विशाल के साथ फिक्स करा दि|
रुहानी की आंखे बड़ी हो गई।उसे इसका बिलकुल उम्मीद नहीं था।तभी ऋषभ रुहानी को अपने पास आने का इशारा करते है तो रुहानी एक नजर विशाल को देख ,जा कर ऋषभ के पास ही बैठ जाती है।
विशाल को रुहानी पहले से ही जानती थी।उसका डॉक्टर कोर्स उसके साथ ही तो कंप्लीट हुआ था,वह बस उसे अच्छा दोस्त मानती थी।
ऋषभ, रुहानी की सर पर हाथ फेरते हुए कहता है,"_ रूह ,आज ट्रैफिक में बहुत बड़ा मसला हो गया था ,वहा से निकलने विशाल ने ही मेरा हेल्प किया था और मुझे पता चला कि यह तुम्हारा दोस्त है| "
रुहानी विशाल के तरफ देख कर उससे कहती है,"_ थैंक यू विशाल|
" अरे उसे क्यों थैंक यू बोल रही है, वह तो अब तुम्हारे होने वाला पति है। " ऋषभ हल्के से रुह को डांटते हुए कहते है तो रुहानी ऋषभ से कुछ कहने को हुई की तभी ऋषभ बोले,""_ विशाल तुमसे प्यार करता है रूह,वह आज हमारे घर यही बात करने आने वाला था लेकिन रास्ते में ही मिल गया,और मुझे विशाल तुम्हारे लिए परफेक्ट भी लग रहा था तो मैंने हा भी कह दिया |
रुहानी के मन में विशाल के लिए कुछ नही था।वह कुछ सोचते हुए अपने मन में बोली,""_ शादी करने से उस पागल से मेरा पीछा छूट गया तो,वैसे भी विशाल बहुत ही अच्छा लड़का है,मुझे सोचने की जरूरत ही नही है हा कह देती हु| "
रुहानी बस हा में सर हिला देती है।तो ऋषभ विशाल को देखते हुए रुहानी से कहता है,""_ ठीक है रूह,विशाल को एक मंथ के लिए आउट ऑफ टाउन जाना है उसके आते ही हम तुम्हारे शादी विशाल से करा देंगे। "
यहां शादी की बात चित चल रही थी।वहा रिहांश का पागलपन रूहानी के लिए बढ़ते जा रहा था।
अभिनव इस वक्त फोन में अंकिता से बात कर रहा था।रिहांश की तबियत का अपडेट तो उसे अंकिता को हर दिन देना ही था।
तभी उधर से अंकिता बोली,""_ इसका मतलब आज पूरा दिन रिहांश ने कोई दवाई नही ली?
" No ma'am, उस लड़की के वजह से बॉस दवाई को छु भी नही रहे !! " अभिनव ,अंकिता की सवाल का जवाब देते हुए कहता है तो अंकिता चुप हो कर कॉल काट देती है।
अंकिता को रूहानी की बात याद थी।रूहानी ने उसे कहा था कि दवाई को ज्यादा लेने से रिहांश की जान पर खतरा हो सकता है।अभिनव की बात सुन कर अंकिता को अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी ,अच्छा इसीलिए क्यों की रिहांश का लत दवाई का था जो अब छूटती जा रहा था।और बुरा इसीलिए क्यों की रूहानी इसमें फसती जा रही थी।
रात का वक्त,,,
रूहानी का रूम,, रुहानी इस वक्त बेड पर लेटी हुई थी।उसके दिमाग में बस रिहांश ही चल रहा था।उसे रिहांश समझ नही आ रहा था।वह उसे अपने साथ ऐसे ले जाता था की जैसे वह उसे अपने पास ही रखना चाहता हो लेकिन जब वह थोड़ा नॉर्मल हो जाता तो उसे जाने के लिए कह देता।
रुहानी रिहांश के बारे में ही सोच रही थी की तभी उसका फोन रिंग होने लगा तो रुहानी उठ कर फोन चेक करती है। कॉल इस वक्त मानसा का था।
रूहानी कॉल पिक कर कुछ कहती उससे पहले ही उधर से मानसा थोड़ा टेंशन में बोली,""_ रुहानी तुम ठीक हो न ? सॉरी रुहानी मेरी वजह से तुम रिहांश आर्यन की हाथों में लग गई। "
रुहानी थोड़ी देर चुप हो जाती है।वह एक गहरी सांस ले कर उन्हे कुछ कहने को हुई की तभी उसके फोन में एक नोटिफिकेशन आया तो रुहानी फोन चेक करती है। रिहांश का ही मैसेज था।
यह देख रूहानी की आंखे हैरानी से बड़ी हो गई।उसमे लिखा था की वह इस वक्त घर के बाहर है उसे मिलने आ जाए।नही तो वह खुद अंदर आ जाएगा।
वही रूहानी को कुछ भी न बोलता देख मानसा रूहानी से कहती है,""_ रूहानी तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो ? रूहानी,,,,,!!! "
रुहानी उनकी बात बीच में ही रोकते हुए कहती है,"_ डॉक्टर, मैं कल हॉस्पिटल आ कर आपसे मिल लूंगी|
रुहानी कॉल काट कर बाहर चली जाती है।
बाहर इस वक्त कार में रिहांश अपना सर सीट को टिका कर बैठा हुआ था।उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था लेकिन उसका चेहरा हल्के हल्के पसीने से भरा हुआ था।और उसके दोनो हाथों का मुट्ठी बनी हुई थी।वह थोड़ा कांप भी रहा था।
तभी उसे कार के पास रूहानी का होने का एहसास हुआ तो रिहांश बिना देरी किए ही डोर ओपन कर रूहानी को अंदर खींच लेता है।
अचानक से ऐसा होने से रुहानी को कुछ समझ नहीं आया था।वह कुछ समझ पाती उससे पहले ही रिहांश ने उसे अपने बाहों में भर चुका था।
रिहांश उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर उसे स्निफ करते हुए अपने आप को शांत करने लगा।वही रूहानी उससे छुटने की कोशिश करने लगी।उसे इस इंसान का बिहेवियर ही समझ नही रहा था।
" रिहांश,,,यह आप क्या कर रहे है ? छोड़िए हमे " रुहानी उसके बाजू में मारते हुए कहती है।लेकिन रिहांश तो रिहांश था अगर उसे छोड़ना ही होता तो वह इतनी रात को वहा उसके पास आता ही क्यों?
रिहांश उसकी बात सुन कर बेहद कोल्ड वाइस में कहता है, ""_ don't Move रूह |
रूहानी अपने जगह में ही जम गई।वह जैसे जैसे उससे छुटने की कोशिश कर रही थी वैसे वैसे रिहांश का पकड़ उस पर मजबूत हो रहा था।और उसकी आवाज हद से ज्यादा डरा देना वाला था।इसीलिए वह बिना हिले ही चुप बैठ गई।
थोड़ी देर बाद रिहांश रूहानी से अलग हो कर उसे देखने लगा।रूहानी की आंखे नम थी।वह उसे ही रोते हुए देखने लगी थी।वही रिहांश उसके आंसू पोछते हुए उससे कहता है,""_ सिर्फ पांच मिनट है तुम्हारे पास ,जा कर अपने परिवार से मिल कर आओ। "
रूहानी उसे ही सवालिया नजरों से देखने लगी।तो रिहांश ने उसके गाल पर अपना होंठ चलाते हुए कहा,""_ मुझे एक बिजनेस डील के लिए आउट ऑफ टाउन जाना है रूह लगभग वन मंथ हो जाएगा लौटने,और इतना वक्त के लिए मैं तुमसे दूर नही रह सकता तो इसीलिए कह रहा हु मिल कर आओ अगर नही मिलना है तो हम अभी निकल रहे है| "
रिहांश ने यह सब बहुत ही धीमी मगर बेहद सख्त आवाज में कहा था।यह सुन कर रूहानी भी सुन्न हो गई थी।वह रोते हुए उसे खुद से अलग कर कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश अपना सर ना में हिला कर उससे कहता है,""_ No words रूह just Go "
रिहांश ने फिर कार का डोर ओपन कर दिया।रूहानी को कुछ समझ नहीं आ रहा था।रिहांश उसे बोलने का भी मौका नहीं दे रहा था।रूहानी फिर घर में चली जाती है।वह चिल्ला कर उससे मना करती लेकिन वह रिहांश की पॉवर से अंजान नही थी।वैसे भी रिहांश ने आज उसके डैड के साथ बहुत बुरा किया था तो अब रूहानी के पास इतना हिम्मत नही था की वह उसे कुछ भी कहे।
रुहानी अपने आंसू पोछ कर ऋषभ और प्रीति की कमरे के पास जा कर डोर नॉक करती है।दो तीन बार नॉक करने के बाद रूम का डोर खुला।सामने ऋषभ और प्रीति दोनो ही खड़े थे।
रुहानी को देख ऋषभ बोले,""_ क्या हुआ रूह? तुम्हे कुछ चाहिए था ? "
रूहानी अपना सर ना में हिला कर उनसे कहती है,""_ पापा एक पेशेंट का हालत बहुत क्रिटिकल है मुझे अभी जाना होगा | "
" ठीक है बेटा तुम जाओ |" ऋषभ उससे कहता है तो रुहानी उनसे थोड़ा हिचकिचाते हुए कहती है,"_ पापा ,वापस आने में एक मंथ लग सकता है।"
ऋषभ और प्रीति एक दूसरे का चेहरा देखने लगे।तभी प्रीति रूहानी से कहती है ,""_ शादी भी एक मंथ में ही है रुह और तुम इतने दिन तक कैसे जा सकती हो ? "
रूहानी थोड़ी देर के लिए छुप हो गई।तभी उन तीनो को बाहर से हॉर्न बजने का साउंड आया तो तीनों एक साथ डोर के तरफ देखते है।वही रूहानी का पसीना छूट रहा था।वह फिर बोली,"__ पेशेंट को सैकियाट्रिस्ट की जरूरत है मम्मा,जाना ही पड़ेगा,शादी की सारी तैयारियां कर लीजिएगा हम वक्त रहते ही आ जाएंगे!!! "
ऋषभ और प्रीति का ध्यान बाहर की तरफ ही था क्यों कि हॉर्न बजना अभी तक बंद हुआ ही नहीं था। लगादार हॉर्न बजने से रूहानी को डर भी लग रहा था।तभी ऋषभ रूहानी की सर पर हाथ फेरते हुए कहता है,""_ ठीक है बेटा तुम जाओ लगता है ज्यादा ही इमरजेंसी होगी,तुम जाओ| "
रूहानी हा में सर हिला कर बाहर आ जाती है।रिहांश ने उसे बैग लेने का भी टाइम नही दिया था।
रूहानी आ कर कार में बैठ जाती है।वही रिहांश उसे ही घूर कर देख रहा था।वह उसे अपने गोद में बैठा कर उससे थोड़ा टंडे लहजे में कहता है, ""_ सिर्फ पांच मिनिट दिया था रूह और तुम पूरे दस मिनट लेट हो| "
" तो ? " रूहानी को उसकी हरकत से गुस्सा आ रहा था।पता नही वह कितने झूठ को इकट्ठा कर के अपने मां बाप को बोल कर आई थी और यह आदमी उसे लेट होने से गुस्सा कर रहा है।
रिहांश का एक आईब्रो रेंज हो गया।उसका पकड़ भी रूहानी पर कस गई।रूहानी ने उससे गुस्से में जो बात की थी।वही रिहांश का ओरा इस तरह बदलता देख रूहानी अपने थूक निंगलते हुए उससे कहती है,""_ रिहांश,,पापा मान नहीं रहे थे तो उन्हें मना कर आने में वक्त लगा| "
रिहांश रूहानी को ही देख रहा था।वह फिर उसे अपने आप से सटा कर ड्राइवर से कहता है, ""_ एयरपोर्ट चलो। "
ना चाहते हुए भी रूहानी को रिहांश के साथ एक मंथ के लिए आउट ऑफ टाउन जाना ही पड़ा।
एक मंथ बाद,,,
शादी का दिन .... शाम का वक्त हो गया था। रघुवंशी निवास के सामने रिहांश का कार रूक गया।कार में इस वक्त सिर्फ रूहानी ही थी।रिहांश , एयरपोर्ट से ही सीधा अपने कंपनी के लिए निकल गया था।
रूहानी कार से बाहर आ कर अंदर चली गई।घर को पूरी तरह सजाया गया था।शादी का माहोल था सारे मेहमानो से घर भर चुका था।और शादी रात में होने वाली थी।
रूहानी अंदर जाती तो प्रीति रूहानी के पास आ कर उससे कहती है, ""_ रूह,जाओ जल्दी से जा कर रेडी हो जाओ,सारे रस्में भी शुरू करनि है।"
रूहानी फिर अपने रूम में चली गई। डर से उसका चेहरा पीला पड़ गया था।पता नही कब रिहांश उसे अपने पास बुलाने आ जाए|
पूरे एक मंथ रिहांश उससे जरा भी दूर नही रहा था।ना चाहते हुए भी हर पल रूहानी को उसके साथ ही रहना पड़ा था।और वह पूरी तरह अब उसकी लत बन चुकी थी।
रात का वक्त.. रिहांश का कार आ कर उसके विला के सामने रुक गई।रिहांश कार से बाहर आ कर अंदर चला गया।
हाल में इस वक्त अंकिता रिहांश का आने का ही wait कर रही थी।अंकिता को खबर मिल चुकी थी की आज रूहानी की शादी है और अंकिता इसी वजह से टेंशन में थी।अगर रूहानी शादी कर के चली गई तो रिहांश फिर से दवाई से एडिक्ट जाएगा इससे उसकी जान को खतरा हो सकता था।यह सोच कर ही उन्हें बहुत डर लग रहा था।
अंकिता यही सब सोच रही थी की तभी उसकी नज़र रिहांश पर जाती है।रिहांश इस वक्त शांत लग रहा था।तभी उसकी नज़र अंकिता पर जाती है।
वह फिर अंकिता के पास जा कर कुछ कहता उससे पहले ही अंकिता उससे कहती है,""_ रिहांश,, आज रूहानी की शादी है और तुम,,,!! "
अंकिता अपनी बात बीच में ही छोड़ कर रिहांश को देखने लगी। क्यों की उसके बात सुन कर भी रिहांश नॉर्मल लग रहा था।उसे देख ऐसा लग रहा था की जैसे उसे रूहानी की शादी के बारे में पहले से ही पता हो।
रिहांश अपना सर हा में हिलाते हुए कहता है,""_ हा मां मुझे पता है उसकी शादी है आज,इसमें इतना पैनिक होने की क्या बात है ?
रिहांश जा कर सोफे पर बैठ गया।वही अंकिता को उसका बिहेवियर समझ नही आया।वह फिर बोली,""_ क्या तुम्हारा लत ठीक हो गया? अब तुम्हे उस लड़की की जरूरत नहीं है| "
रिहांश अंकिता को ही देखने लगा।उनके चेहरे का भाव ही अलग था।रिहांश ने उनसे कहा,""_ लत है मां,वह लत है मेरी,ना ठीक होगा और नाही छूटेगा जब तक मेरी सांसे चलेगी तब तक उसकी जरूरत पड़ेगी| "
रिहांश का आखिर कहने का मतलब क्या है ? अंकिता को समझ नही आया तो वह फिर बोली,""_ अगर यह बात है तो उसकी शादी किसी और से होने कैसे दे रहे हो रिहांश ?अगर शादी हो गई तो वह लड़की तुम्हारे साथ क्यों आएगी,उसका पति उसका साथ होगा| "
रिहांश उन्हें ही देखने लगा।उसने इस बारे में बिल्कुल सोचा नही था सोचेगा भी क्यों रूहानी उसकी प्यार तो थी नहीं।वह लत थी उसकी और रिहांश का उससे सिर्फ यही मतलब था तो वह यह सब क्यों सोचेगा।
अंकिता उसके बगल में बैठ कर उसके गाल पर हाथ रख कर उससे कहती है,""_ उस लड़की का आज शादी है तो शादी के बाद वह तुम्हारे पास कभी नही आ सकती रिहांश, मैं यह नहीं कह रही है की तुम उसके शादी रोको,बल्कि मैं यह कहना चाहती हू की तुम्हारा जो दवाई का लत छूटा है वह अब रूहानी की दूर जाने से वापस न लग जाए। "
बार बार रूहानी की दूर जाने की बात सुन कर रिहांश का चेहरे का भाव बदलने लगा था।वह उससे कैसे दूर जा सकती है।रिहांश उठ कर अपने चेहरा बुरी तरह मसलते हुए अंकिता से कहता है,""_ आप जाइए यहां से !!"
अंकिता रिहांश को ही देख रही थी।वह उसे कुछ कहने को हुई तभी रिहांश जोर से चिल्लाते हुए कहता है,""_ Go
अंकिता फिर वहा से बाहर चली गई।वही उनकी बात सुन कर रिहांश को बेचैनी होने लगी।वह अपना सर टेढ़ा कर अपने गर्दन में हाथ रख कर बुरी तरह मसलने लगा।उसके दोनो हाथ अब कांपने लगे थे।
और उसका चेहरा पूरी तरह पसीने से भीगने लगा।वह अपने कांपती आवाज़ में कहता है,""_ नही रूह,लत है तू! मैं तुम्हे नही छोड़ सकता !!!! "
रिहांश का हालत बस कुछ ही मिनट में खराब हो गया था।उसका पूरा शरीर पसीने से भिगने लगा।उसकी गहरी काली आंखे अब हल्के से लाल रंगत ले रही थी।उसके दोनो हाथ हद से ज्यादा कांपने लगे।
वह अपनी कांपती हाथ से अपना फोन ले कर रुहानी को कॉल करने लगा लेकिन फोन नोटरीचेंबल दिखा रहा था।रिहांश गुस्से से फोन नीचे फेंक कर रूहानी के घर के लिए निकल गया।
उसे इस वक्त किसी भी हालत में रूहानी अपने साथ चाहिए था।और अब वह हमेशा के लिए रूहानी को अपने पास लाने का मन बना चुका था।
थोड़ी ही देर में रिहांश और उसके बॉडीगार्ड्स के कार्स रघुवंशी निवास के सामने रुक गए।
फ्लैशबैक एंड,,,
प्रेजेंट टाइम,,,,
अंकिता अभी भी सोफे पर बैठ कर वह सारे पलो को याद कर रही थी की कैसे रूहानी रिहांश की लत बनते गई।
अंकिता एक गहरी सांस ले कर उठ कर रिहांश के रूम के तरफ देखती है जो अभी अभी रिहांश ने रूहानी को अपने कमरे में ले गया था।
रूम में,,,
रिहांश इस वक्त पूरी तरह रूहानी के ऊपर ही लेटा हुआ था।वही रूहानी की आंखे नम थी वह इस वक्त रो रही थी।
To be continued,,,,,,,,
फ्लैशबैक एंड हो कर अब स्टोरी प्रेजेंट में आ गई guys प्लीज read karte रहिएगा , " लत है तू!!"