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Shairy No 30

अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा

एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही

एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही

की नाचती है दुनिया बस नचाने वाला चाइये

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