अगले ही क्षण लड़की ने अपनी आँखें पूरी तरीके से खोल ली|
उसने जैसे ही अपने सामने खड़े इस आदमी को देखा तो शुरू में तो उसे समझ ही नहीं आया कि माजरा क्या है, पर किसी पहचान के इंसान को अपने सपने देखकर उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े। धीरे-धीरे आँसुओ का आकार भी बढ्ने लगा|
"निंग क्षी!" लू टिंग इस लड़की के बहते हुए आँसू से अंदर तक हिल गया| "क्या हुआ?" "कहाँ दर्द हो रहा है|" रोओ मत! मैं तुम्हें अस्पताल ले चलता हूँ| मत रोओ|
लू टिंग के दिल की धड़कनें ही रुक गई|
निंग क्षी की आँखें लाल हो गयी, उसके आँसू ही रुक नहीं रहे थे| उसने अपने हाथ फैलाने की कोशिश की लेकिन फिर बीच में ही छोड़ दिया|
"क्या तुम खड़ी होना चाहती हो?" लू टिंग तुरंत झुककर निंग क्षी को उठने में मदद करने लगा|
वह जैसे ही इस लडकी को खड़े होने में मदद करने लगा, निंग क्षी ने अपनी बाँहें लू टिंग के गले में डाल दी और अपना सिर लू टिंग के कंधे पर रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी| उसका शरीर काँप रहा था| उसके बहते आंसुओं से लू टिंग का गला और शर्ट गीला होने लगा|
लू टिंग के दिल पर जैसे छुरियाँ चलने लगी थी| उसने निंग क्षी की पीठ थपथपाई| वह उसे बहुत ही प्यार से पूछकर रहा था| जैसे निंग क्षी कोई नाजुक सा काँच हो| "डरो नहीं! सब ठीक है अब| मुझे माफ कर दो...मुझे माफ कर दो|"
दिल में दबे किसी दर्द के कारण निंग क्षी लगातार दस मिनट तक रोये जा रही थी| अंत में उसे हिचकियाँ आने लगी|
लू टिंग पूरी कोशिश कर रहा था उसे सुरक्षित महसूस करने की, उसका श्वसन फिर से सामान्य करने की, वह इस वक़्त हिलने की तो सोच भी नहीं सकता था कि कहीं हिलने पर निंग क्षी फिर से डर नहीं जाए|
काफी देर बाद निंग क्षी शांत हुई, उसने रुँधे हुए गले से कहा, "भगवान का शुक्र है कि तुम आ गए|"
भरोसे से भरपूर निंग क्षी के यह शब्द सीधे लू टिंग के दिल पर जा गिरे और अंदर के अंदर कई बार गूँजते रहे|
शायद निंग क्षी को भी पता नहीं चला था कि कब वह धीरे-धीरे लू टिंग पर इतना ज्यादा भरोसा करने लगी थी|
सब कुछ सामान्य होने के बाद निंग क्षी ने जबर्दस्ती अपने चेहरे पर मुस्कान लायी| फिर टूटे हुए ह्रदय से कहा, "लू टिंग आप जानते नहीं पर आज का दिन बहुत मनहूस निकला, आपको यहाँ देखने के पहले मैं खुद को कोस रही थी, मुझे मेरे वजूद पर ही शक हो रहा था| मैंने सारी उम्मीदें खो दी थी|"
निंग क्षी को लगता था,की उसे कोई भी तोड़ नहीं सकता पर जो कुछ उसके साथ आज से पाँच साल पहले हुआ था आज फिर से वही सब होने जा रहा था, इस बात ने उसे अंदर तक आहत कर दिया था|
उसे अंदाज़ा हो गया था कि अगर झौ क्षियांग चेंग ने उसे अपने लिए नहीं उठाया था तो ज़रूर वह उसे किसी और के हवाले करने वाला था| यह सभी आदमी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे थे तो यह स्वाभाविक ही था झौ जिसे भी भेजता वह भी उसी की तरह या उससे भी कई ज्यादा घिनौना ही होगा|
पर यहाँ उसका अंदाज़ा गलत निकला| उसे क्या पता था कि झौ ने निंग क्षी को लू टिंग को खुश करने के लिए उठाया था|
लू टिंग की आंखो में अब खून उतर आया था पर जब वह निंग क्षी से बात करने लगा तो उसका लहजा काफी नर्म हो गया, "मुझे माफ कार दो, मेरे कारण यह सब हुआ| मैं तो उस दिन सिर्फ तुम्हें बचना चाहता था पर इस झौ क्सिंग चेंग ने कुछ गलत समझ लिया| मुझे इस बात का जरा सा भी अंदेशा नहीं था कि वह ऐसी हरकत करेगा|"
"मैं आपको दोष कैसे दे सकती हूँ, अपने तो मेरी मदद ही करनी चाही|" तभी निंग क्षी को अहसास हुआ कि वह काफी देर से लू टिंग से लिपट कर रो रही है| उसने सकुचाते हुए कहा, "मुझे माफ करना मैंने आपकी शर्ट गंदी कर दी|"
निंग क्षी आंखो में आँसू लिए पीछे छुकी| फूल की पंखुरिया अब उसके शरीर पर नहीं थी| उसके पारदर्शी कपड़ो से उसका पूरा बदन इस तरह दिख रहा था मानो उसने कोई कपड़े पहने ही ना हो|
लू टिंग ने हल्का सा खाँसा और अपनी नजारे एक तरफ घूमा ली|
"कोई बाद नहीं|"
खड़े होते ही निंग क्षी का शरीर फिर काँपने लगा| "क्या तुम ठीक हो? क्या मैं तुम्हें अस्पताल ले चलूँ?"
निंग क्षी को शर्म आई, फिर उसने ना में सिर हिला दिया, "उन लोगों ने मुझे ड्रग दिये हैं, इस तरीके के ड्रग का अस्पताल में भी कोई इलाज नहीं होता|"
"लू टिंग, एक बात पूंछूं?"