फ्लैशबैक कंटिन्यू,,,
आर्यन इंडस्ट्री,,,,
रिहांश का केबिन का माहौल इस वक्त हद से ज्यादा बिगड़ चुका था।क्यों कि उस इंसान की तेज़ तेज़ सांसे अब उस केबिन में गूंजने लगे थे।उसकी हाथो की मुट्ठी बन गई थी लेकिन उसके हाथ बेहद कांप रहे थे।
उसका शरीर धीरे धीरे पसीने से लतपथ हो रहा था।रिहांश अपना गर्दन टेढ़ा कर अपना गर्दन मसलने लगा।उसका चेहरा गुस्से से या यू कहे की उसकी अंदर हो रही तकलीफ से उसका चेहरा हद से ज्यादा लाल हो गया था।उसकी माथे की नसे भी उभर चुके थे।
उसके पास उसकी दवाई थी।लेकिन उसे लेना नहीं था क्यों की उसे इस वक्त सिर्फ और सिर्फ रूह चाहिए था।लेकिन उस लड़की ने उसके पास आने से मना कर दिया था।
दूसरी तरफ,,
RR हॉस्पिटल,,,
रूहानी इस वक्त अपने चैंबर में थी।वह इस वक्त बड़े ही बेचैन लग रही थी क्यों की आज पहली बार उसने अपने पेशेंट की जरूरत के टाइम उसके पास जाने से मना किया था। वजह सिर्फ इतना ही था की रिहांश का उसके साथ जो बर्ताव था बिलकुल ठीक नही था।
रिहांश का उसका करीब आना,उसे बार बार किस करना उसे बेहद अनकंपर्टेबल फील करा देता था।रूहानी अपने दोनो हाथ आपस में ही उलझा कर धीरे से कहती है " पता नही इस वक्त उस पागल इंसान का हालत कैसा होगा ? "
" खुद देखलो,,!!! " रूहानी अपने ही सोच में घूम हो कर रिहांश के बारे में सोच रही थी की तभी उसे किसी की भारी आवाज सुनाई देती है।
यह आवाज रिहांश का था।बेहद भारी और कर्कश था।वह इस वक्त हद से ज्यादा हाफते हुए बात कर रहा था।उसकी आवाज में बेहद कपकपाहट थी। उसके ऊपर नीचे हो रही सांसे इस वक्त रूहानी की चैंबर में गूंजते हुए उसके चेंबर को डरावना बना रहा था।
वही रूहानी अपना सर ऊपर कर सामने देखती उससे पहले ही वह रिहांश की बाहों में झुलने लगती है। रिहांश का लत ही ऐसा था।आर्यन इंडस्ट्री से RR हॉस्पिटल तक आने उसने किस हद तक अपने आप को संभाला था यह बताना भी मुश्किल था।
रूह उसके बाहों में से आजाद होने छटपटाने लगी।लेकिन रिहांश को इस वक्त कोई होश नही था।रूहानी को अपने बाहों में जकड़ कर वह खुद को शांत कर रहा था।उसकी कांपती हाथ रूहानी को अपने आप से और भी सटाते जा रही थी।उसका बदन जो पसीने से लथपथ था अब रूहानी को अपने बाहों में भरने से रूहानी भी पसीने से भीगने लगी थी।
रिहांश की जो सांसे इस वक्त चल रही थी न उसे सुनने से भी रूह का रूह तक कांप रहा था। उस हद तक उस इंसान की सांसे उखड़ चुकी थी।यह असर सिर्फ उसका लत का था।
रिहांश का इस रूप से रूहानी इस वक्त उसकी बाहों बिलकुल सुन्न हो गई थी।उसके साथ इस वक्त हो क्या रहा है यह समझने का मौका भी उसे मिल नही रहा था।
यह लत था उस इंसान का, जो अब धीरे धीरे उसकी बाहों में खड़ी हुई रूहानी बनती जा रही थी।उसकी बदन से आ रही है खुशबू,पता नही क्या था उसमें ? लेकिन उस इंसान की बेचैन दिल को बड़े ही शिद्दत से सुकून दे रही थी।
रिहांश का दिमाग भी यह सुन्न ही था। उस पर उसका लत हावी हो चुका था।रिहांश का लत उस दवाई से था जिसे वह वक्त पर ही लेता था लेकिन रूहानी के करीब आते ही उसका मन उस दवाई से ज्यादा रूहानी पर आ गया था।
सिर्फ एक ही दिन में रूहानी उस पर असर कर चुकी थी।रिहांश अपने होंठो को रूहानी की गर्दन में चलाते हुए उसकी खुशबू को अपने अंदर खींचते जा रहा था।वही रूहानी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।वह तो एक दम शॉक में आ गई थी।
रिहांश का होंठ और हाथ जैसे जैसे रूहानी की बदन में चलने लगी वैसे वैसे रिहांश की बढ़ती सांसे नॉर्मल हो रही थी।रिहांश रूहानी के साथ सॉफ्ट नही था उसका हर एक मूव बेहद हार्ष था।जिससे रूहानी को दर्द भी मेहसूस हो रहा था।
वही रूहानी उसे खुद से दूर करने लगी तो रिहांश उसके गर्दन में अपने दांत गडा देता है।
" अअह्ह्ह्ह, रिहांश!! "
रूहानी दर्द से उससे छूटने लगी लेकिन रिहांश का पकड़ उस पर ज्यादा ही मजबूत था।
करीब एक घंटे बाद,रिहांश धीरे धीर नॉर्मल होने लगा।लेकिन उसका पकड़ रूहानी पर जरा भी ढीला नही हुआ था।वही रूहानी की आंखे नम हो गई थी।उसे रिहांश की पकड़ से आजाद होना था क्यों की रिहांश बहुत ही जानवरों की तरह उसके साथ बरताव कर रहा था।
रिहांश अपना चेहरा ऊपर कर रूहानी को देखता है जो रोते हुए उसे ही देख रही थी।रिहांश की चेहरे पर अजीब सा भाव था जिसे देख रूह अंदर ही अंदर डर रही थी।
रिहांश अपना गर्दन टेढ़ा किया ,और एक हाथ से मसलते हुए,रूहानी की नम आंखों में देखने लगा।रूहानी का हालत इस वक्त पूरी तरह बिगड़ चुका था।वह पसीने से भीग चुकी थी।और उसकी धड़कने रिहांश के करीब आने से ऊपर नीचे हो रहे थे।
वही रिहांश अपने गर्दन से हाथ हटा कर रूह का चेहरा कसकर पकड़के अपने दांत पीसते हुए कहता है,
" मैंने कहा था न,ठीक 11 बजे तुम्हे ऑफिस आना है कहा था या नहीं ?"
रिहांश ने जिस तरह रूहानी का चेहरा पकड़ाता उस वजह से वह लड़की दर्द से उफ्फ तक आवाज नही निकाल पा रही थी। क्यों की उसकी आवाज उसकी गले में ही अटक गई थी।और इस वक्त रिहांश के बाहों में वह खुद कांप रही थी।
रिहांश का ओरा इस वक्त बेहद पागलों जैसे लग रहा था। लगना क्या है वह पागल ही था।रिहांश का पकड़ अचानक से ढीला हुआ तो रूहानी हाफते हुए कहती है,
" वो,,में,,,,,!!! "
रिहांश उसे ही बड़े ही डरा देने वाला लुक दे रहा था।उसके एक हाथ अभी भी रूहानी की चेहरे पर ही था,जो अजीब तरह से उसके चेहरे में इधर से उधर सरक रही थी।जिस वजह से रूहानी की बात उसके गले में ही अटक गई।
रिहांश अब धीरे धीर नॉर्मल हो रहा था।उसे नही पता था कि रूहानी में ऐसा क्या है जो उसकी दवाई का काम कर रहा है।लेकिन दवाई के वक्त अब दवाई नही उसे रूह चाहिए था जिसमें मर्ज़ी रूहानी का हो या न हो उसे कोई फरक नही पड़ने वाला था।
रूहानी की आंखो से आंसू बह कर उसके गाल तक आ कर गिर रहे थे।अब तक तो रिहांश का पकड़ उस पर ढीला हो चुका था लेकिन उतना भी ढीला नही था जिससे रूहानी उससे आजाद हो सके।
रूहानी उसे रोते हुए कहती है, " यह क्या बदतमीजी मिस्टर आर्यन,,,, आअह्ह्ह!!! "
रूहानी आगे कुछ भी बोलती उससे पहले ही रिहांश की पकड़ उस पर फिर से कस गई।जिस वजह से उसके मु से हल्की सी चिक निकल गई।
वही रिहांश अभी भी अपना गर्दन टेढ़ा कर उसे ही देख रहा था। रिहांश थोड़ा आगे झुका फिर उसके चेहरे को स्निफ करते हुए बेहद भारी आवाज में कहता है,
" मिस्टर आर्यन नही ,तुम्हे सिर्फ मुझे रिहांश बोलना है रूह!! "
रूहानी कांप रही थी। रिहांश का रूप हद से ज्यादा डरा रहा था।उसके चेंबर में बस वही दोनो थे।रूहानी डरते हुए उससे कहती है,
" रिहांश,, छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है !! "
रिहांश का चेहरा एक दम से डार्क हो गया।वह एक टक अपनी बेजान सी आंखों से रूहानी की डरी सी सहमी हुई आंखों में देखने लगता है जो अब नम हो चुके थे।
वही रूहानी का दिल अब बैठ रहा था।अभी अभी तो उस पागल इंसान का एक्सप्रेशन चेंज था फिर अचानक से डार्क क्यों हो गया।वही रिहांश रूहानी की टुडी पर अपने उंगली फेरने लगा।
रिहांश की हर एक एक्शन उस लड़की का रुह कांपने पर मजबूर कर रहा था।वह अच्छे से जानती थी की वह जिसकी बाहों में है वह इंसान ठीक नही है और उसका दिमागी हालत हद से ज्यादा बिगड़ी हुई है।तो ऐसे में तो उसका डरना लाजमी है।
रूहानी खुद एक डॉक्टर थी।उसे पता था कि पागल पेशेंट को कैसे हैंडल करना है।लेकिन,,लेकिन वह सामने वाले की हरकत देख खुद सुन्न हो गई थी।उसका दिमाग भी एक दम ब्लैंक हो गया था।
वही रिहांश उसकी टुडी को कसके पकड़ कर अपने चेहरे के करीब ला कर उसकी आंखो में देखते हुए कहता है,
" दर्द हो रहा है ? "
रूहानी रोते हुए अपना सर हिलाती है तो रिहांश के चेहरे पर अजीब सा स्माइल आ गया।वह झट से रूहानी को टेबल पर बैठा कर एक बार फिर उसके गर्दन के तरफ झुक कर उसे स्निफ करता है।
फिर वह अपना चेहरा ऊपर कर रूहानी को देखता है जो डर से कांप रही थी।रिहांश बोला,
" नही छोड़ सकता रूह!!! "
रूहानी अपने बड़े बड़े पलके बार बार झपकाते हुए उसे ही देखने लगती है।उसकी बातों का वह जवाब तो देना चाहती थी लेकिन रिहांश का हरकत देख कर उसकी जुबान उसकी साथ नहीं दे रहा था।
रिहांश अब तक बिलकुल नॉर्मल हो चुका था लेकिन वह ज्यादा ही गुस्से में था क्यों कि रूहानी ने उसे झूठ जो बोला था।अब बिना सजा दिए वह उसे छोड़ नही सकता था।अगर छोड़ दिया तो वह रिहांश कैसे हो सकता है।यह उस पागल इंसान का नेचर था जो बिल्कुल बेरहम था।
रूहानी जोर जोर से रोने लग गई। वह हद से ज्यादा डर गई थी।वही रिहांश उसके बेहद करीब ही खड़ा था।उसे देख ऐसा लग रहा था की रूहानी की रोने से उसे कोई फरक नही पड़ा।
रूहानी कहती है,
" तुम्हे याद दिलादु मैं तुम्हारी डॉक्टर हू और तुम मुझे,,,,,,!! "
" तो तुम अपनी पेशेंट के पास आई क्यों नही रूह? मुझे तुम्हारी हद से ज्यादा जरूरत थी यह जानते हुए भी, क्यों नहीं आई तुम ?" रूहानी अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही रिहांश ने उससे बेहद कोल्ड वाइस में कहा तो रूहानी चुप हो जाती है।उसने गलती तो की थी।अगर उसे नही जाना तो पहले ही बता देती इस तरह झूठ बोलने का क्या मतलब है।
वह रोते हुए उसे फिर से कुछ कहने को हुई तभी रिहांश उसकी आंसू पोचते हुए कहता है,
" अब तुमसे गलती हो गई है तो तुम्हे सजा भी मिलनी चाहिए न ? "
रूहानी की आंखे बड़ी हो गई।वह उसका हाथ झटका कर कुछ कहने को हुई की तभी रिहांश उसे झट से अपने आप से सटा कर उससे कहता है,
" रिहांश आर्यन को झूठ बिलकुल बर्दाश्त नही है रूह और तुमने मुझसे झूठ कहा की तुम आज ऑफिस आवोगी लेकिन तुम नहीं आई तुमने सीधा सीधा मना कर मुझे मरने के लिए छोड़ दिया। "
रिहांश जैसे जैसे अपने बोल बोल रहा था वैसे वैसे उसकी पकड़ रूहानी पर कसते जा रहा था।उसे गुस्सा आ रहा था क्यों की उस लड़की ने उसे झूठ जो बोला था।उसने कैसे उसका बेसब्री से उसका इंतजार किया था यह वह शब्दो में भी बयां नहीं कर सकता था।
तभी रूहानी का फोन बजने लगा।तो वह डरते हुए फोन के स्क्रीन को देखती है। कॉल इस वक्त रूहानी का पापा ऋषभ का था।
रूहानी फोन झट से उठाने लगी तो रिहांश फोन ले कर रूहानी की चेयर पर जा कर बैठ गया।वही रूहानी हैरानी से उसे ही देखने लगी।वह फिर टेबल से नीचे उतर कर रिहांश के पास जा कर उसके हाथ से मोबाइल लेती उससे पहले ही रिहांश उसे अपने तरफ खींच कर अपने गोद में बैठा लेता है।
वही रूहानी का चेहरा पीला पड़ रहा था क्यों की उसके फोन में ऋषभ का कॉल तभी आता था जब वह कोई टेंशन में या किसी प्रोब्लम में हो और उन्हें रूहानी की जरूरत हो।
रूहानी रिहांश से कहती है,
" रिहांश फोन दो, कॉल पापा का है वह ऐसे ही मुझे कॉल नहीं करते प्लीज फोन दो उन्हें मेरी जरूरत होगी ? "
रिहांश के चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।उसके गोद में बैठी हुई लड़की इस वक्त बेचैन हो रही थी।बिल्कुल उसी तरह जो थोड़ी देर पहले वह उसके लिए हुआ था।
रिहांश उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर उसे किस करते हुए कॉल पिक कर स्पीकर पे डाल देता है।रिहांश का इस तरह करने से रूहानी सिहर रही थी क्यों की रिहांश उसे अब किस कर रहा था।वह भी बेहद मदहोशी से।
उधर से ऋषभ थोड़ा टेंशन में कहते है, " रूह बेटा ,ट्रैफिक में हमसे गलती हो गई है जिस वजह से स्कूटी के साथ साथ सामने वालों का कार भी जख्मी हुआ है और अब वह हमसे पैसे मांग रहे है लेकिन हमारे पास उतना नहीं है तुम जल्दी से आ जाओ बेटा। "
रूहानी की चेहरे पर टेंशन साफ साफ नजर आ रहा था फोन में ऋषभ के आवाज के साथ साथ आस पास के लोगो की चिल्लाने की आवाज भी गूंज रही थी।
रुहानी रिहांश को अलग करते हुए ऋषभ से कहती है ,
" पापा हम आ रहे है अभी ,,,,। "
रूहानी अभी कह ही रही थी की तभी रिहांश ने कॉल काट दिया।वही रूहानी उससे अलग होने की कोशिश करते हुए कहती है,
" छोड़ो रिहांश ,मुझे पापा के पास जाना है उन्हे इस वक्त मेरी जरूरत है। "
रिहांश एक टक उस लड़की को देख रहा था।उसकी चेहरे पर टेंशन साफ साफ दिख रहा था।वह बेचैन हो रही थी।उसे अपने पापा के लिए डर लग रहा था क्यों कि उनके आस पास के लोग उन्हे सुना रहे थे।
" ज्यादा बेचैनी हो रही है ? " रिहांश रूहानी की गाल पर हाथ रख कर उससे पूछता है तो रूहानी उससे अलग होने की कोशिश करते हुए कहती है,
" प्लीज रिहांश छोड़ो मुझे !! "
" नही छोड़ सकता रूह, it's your पनिशमेंट!! " रिहांश उसके गाल पर अपना नोज रब करते हुए कहता है तो रूहानी उसे ही सवालिया नजरो से देखने लगती है।
रूहानी फिर हकलाते हुए उससे कहती है,
" यह सब पापा के साथ आपने किया ? "
रूहानी ने कल रात रिहांश को विश्वास के साथ बात करते हुए देख लिया था।वह कैसे अपने पापा के फैक्ट्री को जलाया है उसने सुना भी था।इसीलिए उसे अभी ऐसा लग रहा था की रिहांश ने ही ऋषभ के साथ ऐसा किया होगा।वह बिलकुल सही सोच रही थी।
रिहांश के चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह उसे कुछ कहने को हुआ की तभी रूहानी का फिर से फोन रिंग होने लगा।
रूहानी टेंशन में फोन लेने अपना हाथ आगे बढ़ाई लेकिन रिहांश खुद ही कॉल पिक कर अपने तरफ से म्यूट करता है।तभी उधर से ऋषभ थोड़ा टेंशन में कहता है,
" रूहानी तुम कहा हो ? यह सब कुछ हाथ से निकल रहा है बेटा,जल्दी से आओ। "
" पापा आप टेंशन मत लीजिए हम अभी आ रहे है। " ऋषभ की आवाज सुन कर रूहानी कहती है।वही रिहांश एक टक रूहानी को देख रहा था।
डर से रूहानी की माथे पर पसीना आ रहा था।वह अपने फैमिली से बहुत प्यार करती थी और इस वक्त उसके पापा मुसीबत में थे।
उधर से ऋषभ बोले , " रूहानी तुम बोल क्यों नहीं रही हो ? तुम्हे मेरी आवाज आ रही है न ? रूह बेटा कुछ बोलो"
ऋषभ को रूहानी की आवाज सुनाई नही दे रही थी क्यों की रिहांश ने म्यूट किया था।रूहानी रिहांश को देखने लगी तो रिहांश उसके तरफ फोन का स्क्रीन कर दिखता है की उसने म्यूट किया है।
रूहानी उससे अलग होने लगी।उसे ऋषभ के पास जाना ही था। क्यों की ऋषभ की आवाज से और उसके आस पास का भीड़ की आवाज से उसे डर लग रहा था।
रिहांश फोन को टेबल पर रख कर रूहानी को अपने आप से सटा कर उसे बेहद पागलों की तरह देखने लगता है।रूहानी रो रही थी क्यों की फोन में से उसकी पापा की आवाज उसे अभी भी सुनाई दे रहा था।
" मिस्टर ऋषभ रघुवंशी,आपको हमारे साथ स्टेशन चलना पड़ेगा। " फोन में से किसी पुलिस की आवाज आई तो रूहानी डरते हुए फोन को देखने लगती है।
वही रिहांश बस रूहानी को अपने बाहों में भर कर बैठा था।वह देख रहा था, उसकी गोद में जो लड़की बैठी है वह इस वक्त बेचैन हो रही है डर से कांप रही है।उसका हालत बिल्कुल उसी के तरह हो रहा है।जो थोड़ी देर पहले हुआ था।
रूहानी रोते हुए रिहांश के सीने पर मारने लगी।रिहांश चुप था वह बस उसे उसकी गलती की सजा दे रहा था।उसकी इस तरह रोने से मारने से उसे कोई फरक नही पड़ा।
रिहांश फिर उसके चेहरे को पकड़ कर अपने चेहरे से रब करते हुए बेहद सख्त आवाज में कहता है,
" जब मुझे तुम्हारी जरूरत थी तब मै भी ऐसा ही या यू कहूं की इससे भी ज्यादा तड़पाता रूह,इस बेचैन दिल को कैसे संभालते हुए मै यह तक आया था वह तुम सोच भी नही सकती।तुम्हारा बाप इसीलिए तड़प रहा है क्यों की मैं चाहता हु की उनकी तड़प से तुम भी वैसे ही तड़पो जैसे मैंने तड़पाता। "
" यह सब कुछ पापा के साथ आपने किया।" रूहानी रोते हुए हकलाते हुए रिहांश से पूछती है तो रिहांश अपना गर्दन टेढ़ा कर उसके तरह बेहद खतरनाक स्माइल पास करते हुए कहता है,
" yes रूह। "
रूहानी की आंसू उसके गाल तक आ गए।वह रोते हुए फोन को देखती है जो अब बंद हो गया था।वही रिहांश उसका चेहरा पकड़ कर अपने तरफ कर बेहद सख्त आवाज में कहता है,
" कैसा लग रहा है रूह? ज्यादा तकलीफ हो रहा है ? "
उस बेरहम इंसान का दिमाग बिल्कुल सही पटरी में नहीं था।वह जिस तरह बेचैन हो कर तड़पाता उसी तरह उस लड़की को तड़पाते हुए देखना चाहता था।लेकिन वह कैसे तड़पा था उतना तड़प वह रूहानी को नही दे सकता था क्यों की वह जानता था रूहानी या कोई भी उतना तकलीफ नही सह सकता जितना उसने सहा था।बस वह कुछ हद तक ही रूहानी को बेहद शिद्दत से सजा दे रहा था।
रूहानी रोते हुए उससे कहती है, " प्लीज रिहांश उन्हे छोड़ दो,आगे से मैं ऐसा बिल्कुल नहीं करूंगी,उन्हें छोड़ दो प्लीज। "
रिहांश का चेहरा सक्त हो गया।वह बिना भाव के रूहानी को देखने लगता है।जो अब जोर से रो रही थी।रिहांश फिर उसके चेहरे के बेहद करीब जा कर एक एक बात भी बेहद सक्ति से कहता है,
" रिहांश आर्यन को हल्के में मत लेना रूह,बड़े ही बेरहम हु और उतना ही पागल, मेरे पागलपन की हद तुमने अभी तक देखा नही है जितना मुझसे दूर भागोगी उतना ही मेरी पागलपन से रूबरू होगी। "
रिहांश की एक एक बात बेहद संकीपन से भरे थे जिसे सुन कर रूह थोड़ी देर के लिए एक दम सुन्न हो गई थी।वही रिहांश धीरे से झुक कर उसके होंठो को अपने दांतों के भींच में दबा लेता है।
वही उसका ऐसा करने से रूहानी की आंखे कसके बंद हो गई।और उसकी आंखो से आंसू उसके गाल से हो कर फिर से नीचे गिरने लगे थे।
रिहांश के हरकत से और उसकी धमकी से आज वह लड़की डर गई थी।वही रिहांश उसे ही किस करते हुए देख रहा था।
रिहांश फिर उसके होंठो को छोड़ कर अभिनव को आवाज देता है।जो इस वक्त रूहानी की चेंबर के बाहर ही खड़ा था।
अभिनव अंदर आया तो रिहांश रूहानी की गाल पर हाथ रख उसे सहलाते हुए अभिनव से कहता है,
" छोड़ दो उन्हे। "
रूहानी रिहांश को ही देख रही थी। रिहांश का हाथ उसके गाल से हो कर उसके पूरे चेहरे पर चल रहा था लेकिन वह इस वक्त उसका चुवन ज्यादा ही सॉफ्ट था।
रूहानी अपने पलके नीचे कर रोते हुए उससे कहती है,
" क्यों किया अपने ऐसा ? "
रिहांश रूहानी की गाल पर अपना होंठ रखते हुए कहता है,
" क्यों की तुमने मुझे ऐसे करने के लिए मजबूर किया रूह !!! "
रूहानी रोने लगी।उसे समझ नही आ रहा था की वह रिहांश को क्या कहे ?कैसे उसे हैंडल करे? वह खुद ही उसका रूप देख कर सुन्न हो गई थी।
रिहांश के होंठ रूहानी की चेहरे पर घूमते हुए रूहानी की अंदर एक अजीब सी सनसनाहट पैदा कर रही थी।रूहानी उससे अलग होने की कोशिश कर तो रही थी लेकिन उससे छूटना ना मुमकिन था।
रिहांश रूहानी के दोनो हाथ अपने एक हाथ की पकड़ में ले कर उसके होंठो को धीरे से अपने मु में भर लेता है।वही रूहानी उससे अलग होने की ना काम कोशिश कर रही थी लेकिन वह उसकी बाहों में हिल तक नही रही थी।
रिहांश की आंखे बंद थे।और उसकी चेहरे पर इस वक्त बेहद सुकून का भाव नजर आ रहा था।
To be continued,,,,,,,,,,
Story kaise lagi please comment kar batayiyega,
#divya meri pyari golden writer tumhare pyaare pyaare comments mujhe sadme me le jaare hai😂😂😂🤣aur Maine kal 3160 words likh kar daala tha phir b tum kah Rahi ho ki Maine dhokaa De Diya ,,,🫠🫠🫠🫠🫠
Thank you readers ,,apke comments padh kar hamara Dil jhum uth Raha hai 😂😂😂😂story ko aise hi pyar do,,
Raghvi,Priya,