वहां तो सच में आयशा जैसी लड़की खड़ी हुई थी,, मैं डिसाइड करता हूं जाके देखता हूं दिख तो बिल्कुल आयशा जैसी रही है सर से पूछ कर जाता हूं सर मैं टॉयल जा सकता हूं ? फिर से कुछ बच्चे हंस रहे थे मैं बहुत ज्यादा एक्साइटमेंट में जा रहा था मेरे कानों में धीमी धीमी सी आवाज आ रही थी उठ जा सुन नहीं रहा...!! ओए उठ जा कितना सोएगा छोटू उठ जा... अरे क्या हो गया तुझे 10:30 बज रहे हैं कहां खो गया मेरी बहन लगातार वोल रही थी और मैं खामोश था जैसे मेरे साथ सब कुछ सच मै हुआ हो ओह गोड मैं इतने लंबे सपने क्यों देखता हूं मैं सपना देख रहा था मुझे तो कॉलेज छोडें 2 महीने हो गए तू फिर से सपना देख रहा था ? ह वो हां पागल उठ जल्दी ,, सपने भी अजीब होते है ना ह़ीक़त से ज्यादा सच्चे लगते हैं। RajRathor_isolate_thinker.