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Unnamed

मैं तो रस्ते से जा रहा था, क्या पता था कि आज मज़ा का सजा होने वाला है। अब मैं रोज़ की तरह घूमने के लिए निकल और मज़ा भी रहा था। क्या ख़ाक मज़ा आ रहा था, ज़िन्दगी तो झंड हो गई है। रोज़ उठो , तैयार हो और ऑफिस जाओ। लग तो रहा है कि आज धरती फट जाए और मैं उसके नीचे समा जाऊं।

शांत, शांत, ... मेरे बाहुबली शांत। अब क्या करे कोई जो अपनी ज़िन्दगी से इतना परेशान हो। फिर भी ज़िन्दगी तो कत रही हैं। लोग कहते है ," चालक बनों, इतना सीधा होने नहीं चलेगा "। अब मैं जिसने कभी इन सब

के चक्कर में पड़ा नहीं वो कैसे अचानक बदल जाए।

अब मैं यह लिख रहा हूं कि आप लोगों को जिस भी नॉवेल का हिंदी अनुवाद चाहिए तो कमेंट करे।