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Poem No 39 एक दूजे से दूर

एक दूजे से दूर

हम हैं दोनों मजबूर

दिल की तम्मना है मिलु

पर हम है इतने मजबूर

आस लगये बैठे है

की कब मुलाक़ात होंगी

नजदीकिया भी अभ बन गई

खोसों मिलो की दूरी

एक दूजे से दूर

हम है दोनों मजबूर

----Raj