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रात का मिशन चैन ढूढना

फिर काजू और रोहाना दोनो अपने टेंट में जाते है।  और अपना टूर बैग लेकर चलें जाते है । फिर बह रंजीत को बोलते है की तुम भी अपना बैग ले लो क्या पता कब काम आए । फिर रंजीत भी अपना बैग लेकर आता है । और तीनो दबे पैर से वहा से भागते हैं। और फिर तीनो नदी के किनारे का पीछा करते करते उस जगह जाते है कुछ घंटे चलने के बाद उस जगह पर पहुंचते है। फिर रोहाना बोलती है । की आगर तुम ऐसी ही बहा जाओगे तो चिटी तुमें काट लेगी तो तुम सब एक काम करो की तुम बैग में से कपड़ा निकालो और आग लगा के जाओ और चैन धुनों और सब चिटी कुछ नहीं करेंगी फिर कुछ देर तक सब चैन धुनते है। पर किसी नहीं मिलता और फिर काजू रंजीत से पूछता है की तुम्हारी चैन दिखने में कैसी हैं। नॉर्मल की तरफ या गोल्ड की तरह। फिर रंजीत बोलता है चंदी की तरह ही है और उसमें मेरी मम्मी के नाम का पहला अक्षर लिखा होगा "S" अब चलो धुनते हैं । फिर बहुत देर तक धुने के बाद चैन तालाब के किनारे मिलती है। रोहाना को मिलती है और बोलती है चैन यहां है। रंजीत जैसी ही सुनता है की चैन मिल गई तो वह मसाल छोड़ देता है । 

और फिर सारी चिटी रंजीत के पास आती तो फिर रंजीत डर जाता है । और विशोष हो जाता है। फिर काजू रंजीत के पास आता है और चिटियो को भागकर रंजीत को बचाता है। फिर फिर रंजीत को कंधे पर उठा कर तालाब के किनारे ले जाता है ।  और रंजीत के चहरे पर पानी डालता है। और फिर रंजीत होश में आ जाता है। और थोडा आराम करता है । फिर बताता है की सयाद में जब चितियो से बच कर तालाब के किनारे आया था । और समान को किनारे के पास रखा था तो सयाद चैन यही छूट गई होगी । फिर तीनो वापस टेंट में जाते है । और सुबह के 5 बज चुके थे। और जल्दी जल्दी टेंट की तरफ जाते है । जिस के वजह से रोहाना के पैर में मोच आ जाती है । तो रोहाना धीरे धीरे चलती है । टाईम ज्यादा हो रहा था और अभी तीनो बहुत दुर थे। तो काजू रोहाना को कंधे पर लेता है और चलते है। कुछ दुर जाने के बाद काजू थक जाता है। पर रोहाना को नीचे नही उतार था। फिर रोहाना काजू को बोलती है की काजू रुको मुझे आराम करना है । फिर काजू रोहाना को नीचे उतारता है। और फिर रोहाना अपने बैग में से मोच की दवाई निकाल कर अपने पैरो पर लगती हे। फिर कुछ ही मिनटों में ठीक हों जाती हे। काजू बोलता है । की अगर तुम्हारे पास दवाई थी तो पहले क्यों नहीं बताया । रोहाना बोलती है । मुझे याद नही आया । काजू बोलता है ठीक जल्दी चलो सुबह होने वाली हैं । कही किसी को पाता नही चल जाए की हम टेंट में नही है। तब तीनो फिर चलते है । कुछ ही देर में तीनो टेंट के पास आते है तो देखते है की मैम उठी हुई है । तो तीनो चुपके चुपके टैंट में जाते है। पर फिर भी मैम तीनो को देख लेती है। फिर मैन पूछती है तुम तीनों कहा से आ रहे हों । रोहाना बोलती है की जोगिन से आ रहें है हम । फिर मैम बोलती है कि जाओ सारे बच्चों को उठा दो । फिर तीनो सारे बच्चों को उठा देते है और ख़ुद ही एक टैंट में सो जाते है । 

दूसरी तरफ मैम सब बच्चो को रोल नंबर के हिसाब से गिनती है । तो मैम को रोहाना काजू और रंजीत नही मिलते। फिर मैम सारे बच्चों से पूछती है की इन तीनो की बरी में जानते हो कहा पर होगे यह अभी । तब काजू का दोस्त बोलता है मैम काजू तो अपने टेंट में है सो रहे और बोला था की मैम को बोल देना की में थका हु तो में  सो जा रहा हुं । मुझे लगता है की में यह तीनों सायद टैंट में ही होगे । तब मैम काजू के दोस्त के साथ टेंट में। जाती है तो तीनो टेंट में ही सोते है। मैम बोलती हैं कि चलो इने सोने दो । सुबह जब मिले थे तो ही तीनो थके हुऐ थे । 

फिर मैम दिखती है की सारे बच्चे हैं। फिर मैम कल की लाई हुई माछी को पराई करती है। और सब को देती है। फिर मैम रोहाना काजू और रंजीत का हिस्सा अलग कर देती है।   स्कूल के सारे बच्चे मजे कराते है पर दुसरी तरफ यह तीनों सोते ही रहते है। फिर दोपहर को मैम तीनो की टैंट में आती है और तीनो को उठाती है और बोलती है अब उठ जाओ दोपहर हो गईं है अब । और तुम्हारे सारे दोस्त बाहर मजे कर रहे है और तुम यहां सो रहे हों । और हाथ मुंह धोकर सालनी मैम के पास जाओ । तीनो ही हाथ मुंह धो कर सालनी में के पास जाते है और सालनी मैम बोलती अहि यह लो तुम्हारी मछली अभी तक गर्म है । 

फिर तीनो माछी खाते है। और अपने दोस्तो के साथ मजे करते हैं । और शाम को सूरज डूबते हुए देखते है। सूरज का जो नजारा था पुरे दिन में सब से अच्छी चीज़ जो लगी थी ऊबो यह थी । फिर सभी लोग मैम के पास आते है और फिर सब खाना खाते है और कुछ देर टैंट के बाहर एक गोला बना कर गेम खेलते है । काफी देर तक गेल चलती है तो । रोहाना बोर हो कर चली जाती है अपने टेंट में । फिर काजू भी टैंट में चला जाता है रोहाना को देख कर । 

काजू के दोस्तो को रोहाना और काजू के बारे में कुछ गलत लगता है । पर कोइ भी कुछ पूछ कर टूर खराब नही करना चाहते थे। 

दुसरी तरफ रोहाना काजू के साथ टेंट में होती है। तो काजू रोहाना से पूछता है। की क्या हुआ रोहाना खेल अच्छा nhi लगा रोहाना बोलती है ऐसी कोइ बात नहीं है मुझे कमजोरी फिल हों रही है । काजू बोलता है तूमें भी हो रही है । रोहाना बोलती है की तूमें भी हो रही है क्या । काजू बोलता है हां । 

रोहाना बोलती है की मुझे पता है की कमजोरी केसे दूर होएगी। इतना बोल कर रोहाना अपने लकड़ के घर के कमरे का गेट लगती है । और फिर काजू के पास आती है । और काजू के गाल को पकड़ती है । और काजू को kiss करती हैं । फिर कुछ देर बाद काजू एक चादर बैग से निकाल कर ओड लेता है । और चादर के अंदर दोनो नॉटीपंटी करते है ।  और फिर दोनों अपनी नॉटीपंटी कर के चादर से बाहर निकलते है । तो बह दोनो गीले होते हैं। और कुछ देर तक दोनों लेत कर आराम करते है। फिर रोहाना काजू के पास आ कर उसे गाले लागा कर सो जाती है । काजू उसे दुबारा kiss करता है। और फिर काजू उस के ऊपर चढ़ जाता है । और फिर रोहाना काजू को जोर से पकड़ लेती है। और फिर दोनो दुबार नॉटीपंटी कराते है ।  और फिर दोनो अपना काम खत्म कर के सो जाते है । 

दुसरा दिन बहुत खराब होता है दोनो का । पर शाम के बाद सब ठीक और अच्छा था । आगे जाने कल सुबह बाद के एक नई मुसीबत के साथ कल कुछ तो होगा खास जब पता चल जाएगा मैम को रात का राज़। 

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