webnovel

इतने सालों की मेहनत खराब चली जायेगी!!

गायत्री जी भी बैठने को हुई तो उनके फोन पर किसी की वीडियो कॉल आई तो वो जल्दी से शिवी को देख बोली," शिवी आपकी नानी का कॉल है!! आप। पहले बात कर ले!"  उसकी बात पर उसने जल्दी से अपना हाथ साफ किया और जल्दी से वीडियो कॉल उठाया और बोली," हेलो! नानी कैसी हो आप? आपने बहुत दिनो बाद कॉल किया! हम आपसे गुस्सा हैं!" उसकी ऐसी बातों को सुन कर संध्या जी मुस्करा दी और उसे देखते हुए बोली," सॉरी हमारी राजकुमारी! हमारे पास काम आ गया था इसीलिए!" उनकी बात पर शिवी ने कहा," ok अगर आप कह रही है तो हम आपको माफ करते हैं! आज  आपको याद है आई मां का बर्थडे है!" उसकी बात पर संध्या जी को सुबह का सब याद आने लगा तो उनकी आंखों में आसूं भर आए लेकिन उन्होंने शिवी से छुपाते हुए कहा," हां लड़ो हमे पता है! इसीलिए तो हमने उनकी पसंद का हलवा बनाया था। और आप क्या कर रही हैं?" उनकी बात पर वो बोली," आज हम सब कहीं घूमने जाएंगे पापा ने प्रोमिस करा है!" ऐसे ही उन दोनो ने थोड़ी देर बात की।... संध्या जी के अलावा किसी को नही पता था की शिवांगी की एक बेटी अभी भी जिंदा है।.... सब को वहां पर लगता था की शिवांगी के साथ उसकी लड़की भी मर गई है।... रुद्र ने भी इसी चीज का फायदा उठाया और शिवी को सबसे छुपा कर रखा।.... उसकी स्कॉलिंग शुरू से घर से हुई है जिस कारण किसी को नही पता की उसकी एक बेटी है।..... वहीं संध्या जी ने कॉल पर बात करके उस जगह से बाहर गई और घर के अंदर चली गई।.... जब वो वहां से गई तो रजनी पिलर के पीछे से निकली और बोली," वाह दीदी! क्या खेल खेला है! आपने किसी को पता मुंह चलने दिया की शिवांगी की बेटी जिंदा है! अब कुछ तो करना होगा!" ये कहते हुए वो टेडा मुस्कुरा दी।  

शिवी शाम को सब के साथ घूमने के लिए बाहर गई थी।.....  वो कभी कभी ही बाहर जाती थी। उसे ये सब चीज़ें बहुत अच्छी लगती थी।..... शिवी की परवरिश को बड़े ध्यान से किया गया था। रुद्र ने उसकी स्कूलिंग घर से ही की थी। उसको बहुत सारी नई स्किल्स सिखाई गई थी। उसे दो तीन तरीके की भाषा आती थी अपनी मात्र भाषा के अलावा। उसे जूडो, टाइकोंडो, शूटिंग, तलवारबाजी जैसी भी चीज़ें सिकह्यी गई थी की कहीं अगर उसे दुश्मनों का सामना करना पड़े तो वो डरे न उनका डट कर सामना करे।.....  गायत्री जी ने उसे क्लासिकल डांस और भगवान से भी जोड़ा रखा था।..... वो हर चीज में माहिर थी । हो भी क्यों न उसकी मां और बाप दोनो अपने अपने छेत्र में बड़े माहिर थे।..... 

रात के करीब 9 बजे सब घर वापस आए तो शिवी जल्दी से रुद्र की तरफ देखते हुए बोली," आपको अपना प्रोमिस याद तो है न पापा?" ये कहते हुए वो उसे टिमटिमाती आंखो से देखने लगी तो रूद्र ने उसके बालों को सेहलाके थोड़ा हस्ते हुए कहा," हमे याद हैं! आप जाए कपड़े बदले! हम आपके कमरे में आते हैं!" उसकी बात पर वो खुश हो कर जल्दी से वहां से चली गई।

अरविंद जी, गायत्री जी को देख बोले," हमने कहा था न दोनो आपस में सब सुलझा लेंगे! देखे कैसे खुश होकर गई है!" उनकी बात पर रुद्र और गायत्री जी मुस्कुरा दिए।... सब लोग अपने अपने कमरे में चले गए।..... 

इधर रजनी अपने कमरे में बैठी कुछ सोच रही थी की तभी गेट पर किसी ने नोक किया तो उसने आने का बोल दिया।.... उसने देखा तो मनीष था।.... मनीष उसके पास आते हुए थोड़ा चिड़ते हुए बोला," क्या हुआ मां आपने ऐसे जल्दी के क्यों बुलाया? आपको पता है मुझे क्लब में जाना है सब इंतज़ार कर रहे होंगे!" 

रजनी उसकी बात पर अपना सिर पकड़ते हुए बोली," क्लब ही जाते रहना तुम! तुम्हे तो अपनी पड़ी ही नही है और न तुम्हारे उस बाप को!" उसकी बात पर मनीष वहीं बैठते हुए मुंह बनाकर बोला," अब क्या हुआ है आपको?" 

रजनी उसकी बात पर गुस्सा होते हुए बोली," मुझे कुछ नही होगा! होगा तो तुम्हे और तुम्हारे बाप को!" उनकी बात को संजय जो वाशरूम से निकले थे वो बोले," अरे अब बताओगी भी की क्या हुआ है? बस यूंही मुझे और इसे कोसती रहोगी?" उनकी बात पर रजनी और गुस्से में बोली," अरे तुम दोनो बाप बेटों को कोसो न जब तक कुछ होगा नही तुम दोनो का! एक से 13 साल से कुछ नही हो रहा की अपने बड़े भाई से कहा कर सब प्रॉपर्टी अपने बेटे के नाम कर दे  और बेटे से कितनी बार कहा की ये आयाशियां छोड़ कर शादी कर ले! लेकिन नही दोनो सुनते कहा हैं मेरी!" 

" अरे तुम बताओगी भी ये गुस्सा क्यों हैं? क्या हो गया करवा लेंगे सब! कोन सा कोई हमसे छीन लेगा ये? ये सब तो हमारा ही है!" संजय की बात पर रजनी गुस्से में बोली," ये सब नही रहेगा तुम्हारा! क्योंकि शिवांगी की बेटी जिंदा है!" रजनी की बात सुन कर दोनो के होश  उड़ गए थे।..... मनीष बोला," लेकिन उसकी तो बेटी उसी के साथ मार गई थी न तो अब कैसे जिंदा ही गई?" उसकी बात पर रजनी ने कहा," आज दुपहर को दीदी घर के पिछे जब गई थी तो मुझे कुछ उनसे पूछना था। लेकिन वो बिना कुछ सुने वहां से चली गई तो मैं भी पूछने के लिए गई तो वहां पर जाकर देखा तो वो किसी बच्ची से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी और वो बच्ची उन्हे बार बार नानी कहा रही थी।  वो भी उससे बड़े प्यार से बात कर रही थी।" उसकी बात पर संजय ने कहा," लेकिन अगर वो किसी और की हुई तो?" 

रजनी कुछ सोचते हुए बोली," मुझे नही लगता की वो कोई और है? वैसे आप पता लगवाए जरा! और तुम मनीष तुम थोड़ा सुधर जाओ! और आप जल्द से जल्द कुछ करे वरना इतने सालों की मेहनत खराब चली जाएगी!" ये कहते हुए वो कुछ सोचे जा रही थी।....  

इधर रुद्र शिवी के कमरे में आया तो देखा वो अपनी नाइट ड्रेस में रेडी थी और बेड पर बैठी सोच रही थी।.... रूद्र शिवी के पास आया और उसे सके बोला," आप क्या सोच रहें हो मेरी राजकुमारी?" उसकी बात पर शिवी का ध्यान टूटा और वो बोली," कुछ नही पापा! आप आ जाए आए जल्दी से बैठे और बताए!"  उसकी बात पर रुद्र उसके पास बैठ गया और उससे बोला," तो क्या जानना है आपको?" उसकी बात पर शिवी चहकते हुए बोली," सब कुछ! आप और मां कहा मिले? क्या हुआ था? सब कुछ!" उसकी बात पर वो रुद्र मुस्कुरा दिया।

वैसे जानना तो हमारे पाठकों को भी है तो अब ये लेखिका आप सब को फ्लैशबैक में ले जाना चाहेगी जहां आप शिवांगी और रूद्र की एक अनोखी जानेंगे।

तो बने रहे इस लेखिका के साथ आगे की कहानी के लिए। 

क्या होगा आगे? क्या है रजनी का प्लान? 

आगे जानने के लिए पढ़ते रहे," इटरनल बॉन्ड:- लव बियोंड टाइम!"

- भूमिजा 

Bab berikutnya