"ओ गॉड! आज फिर देर हो गई है, पक्का कॉलेज में देर हो जाएगी" | लेकिन मम्मी ने आज उठाया नहीं ऐसा कैसे हो सकता है|
तभी तनु ने जोर-जोर से आवाज लगाना शुरू किया- "मम्मी -मम्मी " आज आपने मुझे उठाया क्यों नहीं देखिए 8:00 बज गए ,अभी 9:00 बजे कॉलेज भी पहुंचना है | अभी मैंने नहाया नहीं है , ओहो- कैसे मैं इतनी दूर कॉलेज समय पर पहुंच पाऊंगी?
तनु जल्दी से अपने बिस्तर से उठी और आड़ा तिरछा बिस्तर समेटने लगी फिर जैसे ही पलटी तो उसे अपने सामने उसे ही ही घूरती हुई मिताली जी नजर आई जिन पर नजर जाते ही तनु ने वापस तकिया उठाकर ठीक से जमाया और जल्दी-जल्दी चादर फोल्ड करके रखा और सारा बिस्तर सलीके से जमा दिया|
मिताली जी को देखते ही तनु जैसे जम ही गई थी, उसे पता चल गया था आज तो ज्वालामुखी फटने वाला है अब तो जल्दी से भाग बेटा उसने मन में सोचा और मिताली जी से कहा-" मम्मी मैं तो बस..आपसे पूछ रहीथी कि आपने मुझे जल्दी क्यों नहीं उठा दिया और मैं वह बिस्तर जमा रही थी ना...|"
तनु की बात सुनकर मिताली जी हाथ मटका कर बोली - " वाह बेटा ! कर लो बातें सुबह से 8-10 बार उठाने आ गई मगर मजाल है कि आप बिस्तर छोड़ कर उठे | वैसे कौन सा सपना देख रही थी आप? इतना मुस्कुरा रही थी , इतना उठाने पर भी नहीं उठी|
तनु जल्दी-जल्दी अलमारी से अपने कपड़े निकाल रही थी, "अरे मम्मी डार्लिंग ! आप का होने वाला दामाद है, जो सपनों में भी मेरा पीछा नहीं छोड़ता उसे ही देख रही थी| अच्छा छोड़ो , आप भी ना कभी नहीं सुधरोगी , इतनी गप्पे मारती हो ना कि मैं कॉलेज जाने में भी लेट हो जाऊंगी , अब जल्दी नहाने दो, वरना कॉलेज के प्रोफेसर जो है वह एक खड़ूस ससुर की तरह कॉलेज में मेरा जीना हराम कर देंगे| फिर दोनों मां - बेटी ठहाके मार के हंस पड़े|
जल्दी - जल्दी कपड़े निकाल कर तनु सीधे वॉशरूम की तरफ दौड़ कर गई| बस 5 मिनट में ही फटाफट नहा कर निकल आई और जल्दी रेडी होकर ब्रेकफास्ट के लिए डाइनिंग टेबल के पास पहुंच गई।
डाइनिंग टेबल पर तनु के डैड प्रशांत जी बैठ कर नाश्ता कर रहे थे ,साथ
जल्दी - जल्दी कपड़े निकाल कर तनु सीधे वॉशरूम की तरफ दौड़ कर गई| बस 5 मिनट में ही फटाफट नहा कर निकल आई और जल्दी रेडी होकर ब्रेकफास्ट के लिए डाइनिंग टेबल के पास पहुंच गई।
डाइनिंग टेबल पर तनु के डैड प्रशांत जी बैठ कर नाश्ता कर रहे थे ,साथ में उसका छोटा भाई मोहित भी बैठा हुआ था , जो जूस पी रहा था।
जूस पीते- पीते मोहित ने बोला - दीदी क्या बात है ? आज तो आप बड़ी जल्दी नाश्ता करने आ गई, आज तो पक्का आप कॉलेज टाइम पर ही पहुंच जाओगी । खिड़की से जरा बाहर देखो , हॉर्न की आवाज सुनाई दी कि नहीं आपकी बेस्ट फ्रेंड पता नहीं कब से हॉर्न बजा रही है।
अरे यार ! पता नहीं कितनी जल्दी टाइम हो गया , सब मम्मी डार्लिंग की गलती है , उन्होंने ही आज मुझे समय पर नहीं उठाया आज तो मैं उन्हीं के कारण लेट हुई हूं- झुंझलाते हुए तनु ने कहा और जल्दी-जल्दी उठाकर जूस पीने लगी।
यह सुनते ही मिताली जी बोली - "अच्छा जी! एक तो तुम्हें आधे घंटे से उठा रही थी ,समय से ब्रेकफास्ट भी चाहिए बनाते - बनाते तीन - चार बार तुम्हें उठाने गई फिर जूस बनाया उसके बाद फिर उठाने गई । "
"तुम्हारे कान के पास अलार्म लगाया, उसके बाद भी तुम नहीं उठी । कुंभकरण की रिश्तेदार खुद तो पड़ी पड़ी सपने देख रही थी, नाम मेरा लगा रही है । "
"अभी भी कह रही हूं , सुधर जाओ! थोड़ा समय पर उठो अब कॉलेज के थर्ड ईयर में पहुंच गई हो थोड़ा ka kaam kaaj kar liya Karo..... मगर नहीं तुम्हें तो सोने से फुर्सत ही नहीं है उठा नहाए हो या और कॉलेज खाकर जाती हो और फिर उसके बाद फ्रेंड के घर चली जाती हो... तू कभी मूवी तो कभी गार्डन.....
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इतनी बड़ी हो गई हो अभी तक समय पर उठना नहीं सीखा है जब शादी हो जाएगी तो तो कैसे करोगी.....
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अरे मम्मी डार्लिंग ! चिंता मत करो ऐसा दमाद ढूंढ दूंगी, जो आपको भी खाना खिलाएगा और मुझे भी अच्छा - अच्छा खाना बनाकर खिलाएगा।" - ऐसा बोलते हुए तनु ने जल्दी-जल्दी सैंडविच को रेप करके फाइल पेपर में रखा , हाथ में पकड़ा और अपना कॉलेज बैग लेकर बाहर की ओर दौड़ पड़ी। दरवाजे की ओर पहुंचकर वह रुकी और मिताली जी की तरफ देखते हुए एक आंख मारी और सभी को बाय बोलते हुए बाहर की तरफ भाग गई।
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.मिताली जी डाइनिंग टेबल में अपने लिए प्लेट में नाश्ता निकालते हुए प्रशांत जी से बोलीं- "देख रहे हैं ना आप इसकी हरकतें, आप बोलते क्यों नहीं ? कितना समझाती हूँ, मगर सुधरने का नाम ही नहीं लेती है ये लड़की !"
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इसका बचपना अभी तक नहीं गया, आप भी इसे समझाइए थोड़ा घर का काम है , थोड़ा हमारे बिजनेस पर भी ध्यान देना जरूरी है मोहित अभी छोटा है उसकी पढ़ाई पढ़ाई भी अभी पूरी नहीं हुई है..... इसलिए उसका ध्यान पढ़ाई पर ही रहे तो ठीक है और तनु को भी हमारे बिजनेस के बारे में जानना जरूरी है.....
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नाश्ता करते -करते मिताली जी मोहित से बोलीं - "तुम्हारी बस भी आने वाली है, जल्दी बैग पैक करो, पापा तुम्हें बस स्टैंड तक छोड़ देंगे।"
मोहित नाश्ता करके डाइनिंग टेबल से उठा और अपने रूम में बैग लेने चला गया।
मोहित के जाते ही प्रशांत जी मिताली जी से बोले - " हमारा बिज़नेस दिन-ब-दिन डूबता जा रहा है, मैं बहुत संभालने की कोशिश कर रहा हूं ,पर लगता है, जल्दी हमें यह मकान छोड़कर भी छोटे मकान में शिफ्ट होना पड़ेगा। मैं इस मकान के पेपर भी रेडी करवा रहा हूं जैसे ही अच्छे दाम में बिक जाएगा हम छोटे मकान में शिफ्ट हो जाएंगे । बच्चों को थोड़ा समझा देना कहना दादी के पुश्तैनी घर मे कुछ दिनों के लिए रहने जा रहे हैं , यह पुश्तैनी मकान है, छोटा सा है मगर उसी में रहना है।"
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मिताली जी प्रशांत जी से बोली - "आप चिंता मत करिए , आपकी तबीयत भी दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है , जो किसी से भी छुपी नहीं है । आप बिजनेस को लेकर ज्यादा परेशान मत होइए भगवान ने चाहा तो सब फिर से पहले जैसा हो जाएगा....
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.क्या प्रशांत जी का बिजनेस डूब जाएगा या फिर , फिर से उनका बिज़नेस ठीक हो जाएगा और वह सभी फिर इसी बड़ी मकान में रहेंगे जानने के लिए जुड़े रहिए कॉन्ट्रैक्ट मैरेज आई मेल्ट विथ यू के अगले चैप्टर से.....
- हैलो दोस्तों! यह मेरा पहला उपन्यास है, इसका पहला चैप्टर आपको कैसा लगा मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा इसका मुझे इंतजार रहेगा ताकि मैं अपने उपन्यास में सुधार कर सकूं - आपकी tannu