webnovel

Poem No 48 जो रास्ता मैंने चुना

जो रास्ता मैंने चुना

उसकी मंज़िल तुम थे

पर तुमने ना जाना इसे

और मुझ को छोड़ चले

दर्द तो बहूत हुई इस दिल में

अब तुम्हे क्या बताऊ

क्या गुजर रहा है मुझपे

जो रास्ता मैंने चुना

उसकी मंज़िल तुम थे

----Raj

Bab berikutnya