कार मुख्य द्वार से अंदर घुसी| निंग क्षी ने सहजता से पूछा, "जियांग मुए तुम्हारे बंगले का क्या नंबर है?"
"नंबर 06"
यह सुनकर निंग क्षी एक दम सन्न रह गयी | प्लेटिनम पैलेस के बंगले अलग-अलग श्रेणी में विभाजित थे, सबसे अच्छा बंगला लू टिंग का ही था| उसके बंगले का नंबर 08 था, यह सबसे बड़ा बंगला था जिसमें एक तालाब, फूलों का बगीचा और एक गोल्फ खेलने का मैदान था। 7 नंबर का बँगला लू जींगली का था| 06 और 07 की बनावट एक जैसी थी।
नंबर 6 किसका बँगला था यह कोई नहीं जानता था और उसने उम्मीद भी नहीं की थी कि ये जियांग मुए का होगा। ले मींग दायी तरफ मुड़ने ही वाला था कि निंग क्षी ने उसे चेताया, "दायीं नहीं बायीं तरफ से चलो ये रास्ता बंद पड़ा है।"
"तुम्हें कैसे पता की यह रास्ता बंद है?" जियांग मुए ने पूछा।
निंग क्षी का दिल डर के मारे ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था पर उसने चेहरे पर उस डर को बिलकुल नहीं आने दिया था और बड़ी सहजता के साथ जवाब दिया, "वहाँ लगा चेतावनी का बोर्ड नहीं देखा क्या तुमने?"
दरअसल कल निंग क्षी यहाँ से गुजर रही थी तब उसने देखा था कि कुछ राइस बाप के बेटे शराब के नशे में गाड़ी चला रहे थे और उस दौरान दुर्घटना हो गयी थी इसलिए सड़क बंद थी।
निंग क्षी के कहे अनुसार जियांग मुए ने चेतावनी का बोर्ड देखा और हाँ में सिर हिला दिया।
निंग क्षी ने भी राहत की सांस ली।
निंग क्षी का लू टिंग के घर में रहने का एक ज़रूरी कारण था पर वो यह सब कैसे समझाये?
जैसे ही वो लोग घर पहुँचे निंग क्षी उतर के लू टिंग के घर जाना चाहती थी औऱ लिटिल ट्रेजर को गले लगाना चाहती थी।
कार से उतरते ही ले मींग ने जियांग मुए से कहा, "तुम सीधे घर में जा सकते हो, मैंने किसी को बोल कर के घर साफ करवा दिया था, वैसे तुम यहाँ रहना चाहोगे या कंपनी ने जो घर तुम्हें दिया है उसमे? यहाँ रहोगे तो रोज़ आने जाने मे दिक्कत होगी।"
निंग क्षी मन ही मन प्रार्थना करने लगी, "कृपा कर के यहाँ मत रहो। कहीं किसी दिन एक-दूसरे से टकरा गए तो क्या होगा?"
"देखता हूँ बाद में सोचूँगा इस बारे में।" जियांग मुए ने बेपरवाही से जवाब दिया और ले मींग की तरफ इस तरह से देखा जैसे कह रहा हो जल्दी जाओ यहाँ से।
ले मींग ने दोनों की तरफ देखा और जाने से पहले उन्हे याद दिलाया, " देर रात तक जागना मत तुम दोनों| याद है न? मुए याद है न कल....."
"समझ गया! समझ गया! अब तुम जाओ| ऐसा बोलकर जियांग निंग क्षी को खींचते हुए घर के अंदर ले गया।
ले मींग जानता था कि किसी भी हालत में ये दोनों सुबह जल्दी नहीं उठ पाएंगे।
घर में घुसते ही जियांग मुए अपने हाथो की उँगलियो को कड़कड़ाते हुए बोला, "निंग क्षी मींग भाई की बातों पर बिलकुल भी ध्यान मत दो| आज रात को तुम्हें मेरे साथ 300 फेरे तक खेलना होगा| तुम्हें तुम्हारी नानी न याद दिला दी तो मेरा नाम जियांग मुए नहीं।"
निंग क्षी ने उसे तिरस्कार की आँखो से देखा और कहा, " अभी-अभी तुम्हें धूल चटाई है, मैंने फिर भी ऐसी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हो। तुम्हें तो नानी मैं याद दिला दूँगी देख लेना तुम।"
"देखते हैं कौन किसको नानी याद दिलाता है|" ऐसा बोलते हुए जियांग मुए ने अपने बड़े से बैग में हाथ डाला और कुछ समान निकाला, "मैं विदेशों से कुछ अत्याधुनिक यंत्र ले करके आया हूँ और इस सब के लिए मुझे धन्यवाद देने की जरूरत नहीं।"
"और कृपा करके ये गंदा सा मेकअप साफ करो, तुम्हें देखकर न जाने मुझे क्या-क्या हो रहा है, मुझे हराने के लिए तुम कितना नीचे गिर गयी निंग क्षी! तुम्हारा ऐसा चेहरा देखकर मैं खेल नहीं पाऊँगा, अगर मैं हार गया तो मैं अपनी हार स्वीकार नहीं करूंगा।"
"बड़ा आया हार नहीं स्वीकार करूंगा।" ऐसा बोलकर निंग क्षी ने अपना भारी-भरकम नकली बालों का विग निकाला, "मैं ही जानती हूँ यह सब कर के मुझे कैसा लगा।"
जियांग मुए ने अपने लिविंग रूम में रखे बड़े से टीवी को चालू किया और विभिन्न तरीके के वायर टीवी से जोड़ने लगा। " निंग क्षी जाओ मेरे कमरे में कुछ मेरे कपड़े पड़े हैं, जाकर के पहन लो और जल्दी वापस आओ, मेरी आत्मा तुम्हारे साथ लड़ने को तरस रही है।"
निंग क्षी के पास जियांग मुए के उत्साह के लिए कोई शब्द नहीं थे। सोचने लगी कैसा पागल इंसान है यह, जहाँ विदेश से आये आदमी उसके जैसी खूबसूरत लड़की के साथ सोने के लिए मरे जाते थे, इसे मेरे साथ गेम खेलना है, वो भी पूरी रात।