लू टिंग ने अंदर आते ही पूछा, "क्या हुआ?"
लू जिंगली ने उसे बताया, "लिटिल ट्रेजर जैसे ही सो कर उठा, वह इधर-उधर देख रहा था, मुझे लगा कि वह मिस निंग क्षी को ढूंढ रहा है| मैंने उसे बताया कि निंग सी चली गई, तभी से इसने पूरा अस्पताल सर पर उठा लिया है, लगातार रोये जा रहा है।"
लू टिंग ने ट्रेजर को शांत करने की कोशिश करते हुए उसे समझाया, "तुम्हारे सेकंड अंकल ने तुम्हे जो कहा की निंग क्षी चली गई तो इसका मतलब था वह अपना इलाज करवा घर चली गई। इसका मतलब यह नहीं था कि वह भगवान के पास हमेशा के लिए चली गई जैसे तुम्हारी दादी माँ हमे छोड़ कर गई।"
लू जिंग ने आश्चय्र से कहा " हे भगवान मैंने सिर्फ इतना कहा था कि निग क्षी चली गई| इसका यह मतलब कतई नहीं था|"
नन्हे ट्रेजर के लिए इस हद तक सोच लेना इसलिए मुमकिन था क्योंकि उसने निंग क्षी को बेहोश होकर ज़मीन पर गिरते हुए देखा था| लू टिंग की बात सुनकर ट्रेजर ने रोना-चिल्लाना बंद कर दिया| शांत होकर वह लू टिंग की बातें सुनने लगा। लू टिंग ने उससे कहा, "देखो आंटी जाते वक़्त तुम्हारे लिए क्या देकर गई है| वह बोली थी कि जब नन्हा ट्रेजर जाग जाएगा तो यह उसे दे देना|"
यह कागज पर लिखा वही पत्र था जो निंग क्षी से लू टिंग ने लिखवाया था| उस समय लू जींगली को समझ मे नहीं आया था कि लू टिंग ने निंग क्षी से ये नोट क्यों लिखवाया पर अब उसे भाई के निर्णय पर खुशी हो रही थी| नन्हा ट्रेजर तुरंत नीचे उतरने को तयार हो गया, लू टिंग ने उसे गोदी में उठाकर नीचे उतार दिया| जो काम लू जींगली और अस्पताल का पूरा का पूरा स्टाफ नहीं कर पाया वह काम एक कागज के पुर्जे ने कर दिया।"
नन्हे ट्रेजर को पढ़ना नहीं आता था, लू टिंग ने उसे पत्र पढ़कर सुनाया|
कागज के टुकड़े पर लिखा था, "नन्हे से फरिश्ते, मुझे बचाने के लिए शुक्रिया! तुम बहुत ही अच्छे हो!"
कागज पर लिखे इन शब्दों और उसके साथ बने छोटे से दिल को देख नन्हे ट्रेजर की आँखें चमक उठी, वह खुशी से मुस्कुरा उठा!
नन्हे ट्रेजर को इस तरह मुसकुराता देख के लू जींगली भी झूम उठा और बोला, "भाई देखा आपने कैसे मुस्कुरा रहा है? आपको याद है, आखरी बार इसे हम ने इस तरह से मुस्कुराते हुए कब देखा था? मैं भी तोदेखूँ कि निंग ऐसा क्या लिखकर गई है मेरे राजकुमार के लिए कि मेरा राजकुमार इतना खुश है", ऐसा कहकर उसने उस कागज़ में झाँकने की कोशिश की पर नन्हे ट्रेजर ने नोट छुपा लिया|
आखिर जींगली ने देख ही लिया कि उसमें क्या लिखा है। यह तो एकदम साधारण सा ही संदेश था पर बच्चा कितना ज्यादा खुश है इसे पाकर।ये निंग क्षी का जादू है क्या? ये लड़की वाक़ई साधारण नहीं है, कुछ तो बात है इसमें, मानना पड़ेगा|
लू टिंग अपने बच्चे को खुश देखकर मन ही मन काफी संतुष्ट था| वह उसे घर ले आया और उसने उसके साथ रहने के लिए अपनी सारी मीटिंग्स कैंसिल कर दी|
उधर रात में , प्लेटिनम बंगला नं 8 में
लू टिंग ओर नन्हा ट्रेजर खाने की टेबल पर एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे| लू टिंग ट्रेजर को खाने के लिए मनाए जा रहा था, पर नन्हा ट्रेजर बिना कुछ बोले चुपचाप बैठा था| खाना तो दूर वह खाने की तरफ देखना भी नहीं चाहता था|
लू टिंग झल्लाकर बोला, " मैं आखिरी बार बोल रहा हूँ तुम्हें, खाना खाओ!"
नन्हे ट्रेजर पर इसका कोई असर नहीं हुआ| वह वैसे ही चुपचाप आँखें बंद कर बैठा रहा।
लू टिंग गुस्से से बोला, " तुम्हें क्या लगता है इस तरह भूख हड़ताल कर तुम मुझे डरा लोगे, अपनी बात मनवा लोगे?"
नन्हा ट्रेजर फिर चुप हो गया| कोई जवाब नहीं !!
एक घंटा बीत जाने पर भी नन्हे ट्रेजर ने एक कौर भी मुँह में नहीं डाला| आखिरकार हारकर कर लू टिंग ने लू जिंगली को कॉल किया," हैलो, मुझे निंग क्षी का पता 10 मिनट में चाहिए।"
लू जींगली ने कई सवाल पूछे, क्यों चाहिए, किसलिए चाहिए आदि पर उसे किसी बात का उत्तर नहीं मिला|
नन्हे ट्रेजर ने जब देखा कि पापा ने कार की चाबी उठाई है तो वह भी तुरंत उसके पीछे चलने लगा।
लू टिंग ने उससे कहा, "यह आखिरी बार है| अगली बार से ये मनमानी नहीं चलेगी।"