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अनुष्का, इशानी को मिली एक पागल अंजान औरत।

वह राजपूताना हवेली एक जंगल के अंदर थी।शाम के वक्त अनुष्का अपने कमरे की खिड़की पर खड़ी थी। और वहां से जंगल का नज़ारा बहुत सुंदर दिख रहा था। तो अनुष्का ने जंगल घूमने का मन बना लिया। और जंगल से सीधे शहर जाकर कुछ सामान भी लाना था। इसीलिए अनुष्का ईशानी को लेकर घूमने चली गई। जंगल घूमने के बाद और अपना जरूरत का सामान लाने के बाद रास्ते में उन दोनों की बातें कुछ इस प्रकार थी।

अनुष्का- ईशानी.... मुझे लगता है मैंने हर्ष को कहीं देखा है। बहुत अच्छे से देखा है।

ईशानी- हां यार अनुष्का देखती तो है तू उसे। लेकिन इन्हीं दो-तीन दिनों में तूने उसे इतना देख लिया है कि अब तू अपने past में भी उसे ही देख रही है।

अनुष्का-बकवास मत कर यार मैं सच बोल रही हूं।

ईशानी- मैं भी सुबह सच ही बोल रही थी।

अनुष्का- ईशानी..... अच्छा चल एक बार के लिए मैंने मान लिया कि तूने सच बोला था। लेकिन वह जगह हमें मिली?? नहीं ना!वह जगह हमें कहीं नहीं मिली। और जैसा बरामदा तूने बताया... लाल रंग का बड़ा सा झूमर..... रानी की तस्वीर..... ऐसा पूरी हवेली में कहीं नहीं दिखा मुझे।

तभी उनकी कार के आगे अचानक एक बूढ़ी औरत आ जाती है। अनुष्का हड़बड़ा कर कार के ब्रेक मारती है। वह औरत भाग कर उनकी कार के पास आती है और कहती है।

अंजान औरत- मत जाओ..... मत जाओ....! मार डालेगी..... मार डालेगी....! कोई नहीं बचेगा, सब मारे जाओगे। खा जाएगी तुम्हें....!

तब इशानी अनुष्का से बोली.…....

ईशानी- तू क्या उसकी बकवास सुन रही है। आगे गाड़ी चलाओ....

अनुष्का- हां.... हां चलाती हूं। पागल थी शायद कोई??

ईशानी- पागल नहीं महा पागल। (हंसने लग जाती है)

दोस्तों लगातार मेरे साथ बनें रहीये। उल्टी की आज्ञा की कहानी में क्या होता है ।

Gourav_Shekhawatcreators' thoughts