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Poem No 68 इक ख़लिश जाती नहीं

इक ख़लिश जाती नहीं

क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं

तुम्हे तो पा लिया हमने

डरता हूं कही को ना दूँ

प्यार तुमसे किया हैं हमने

तुम्हे खोने की ख़लिश हैं

इक ख़लिश जाती नहीं

क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं

----Raj

ख़ालिस - चिंता