Poem No 66 तेरे पास ही थे हम
तेरे पास ही थे हम
काश तुम देखें होते
तुम ना समजा हमें
ये मेरा कसूर नहीं
तुम्हे वक़्त ही कहाँ
जो इस गरीब को देखें
मोहब्बत की थी हमने
तुमसे दिलों जान से
तुम्हे वक़्त ही कहाँ
जो इस गरीब को देखें
मोहब्बत की थी हमने
तुमसे दिलों जान से
----Raj