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रात

कमाल की ये रात हे ,

जेसी हररोज बीती वैसी ही आज हे ,

हर रात नशे मे चूर रहता हू ,

ना जाने क्यू उसके ख़यालों मे बहता हू,

वो बेवफा तो कब की छोड़ के चली गयी , फ़िर ना जाने क्यू उसकी तलाश मे रेहता हू... .

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