webnovel

Gene Warrior : The Saga of Rebirth

Romance
Actuel · 1K Affichage
  • 6 Shc
    Contenu
  • audimat
  • N/A
    SOUTIEN
Synopsis

Chapter 1अध्याय 1: अजीब घटना

रघु एक छोटे से गाँव में अपने परिवार के साथ रहता था। उसका जीवन बहुत ही साधारण था, जहाँ सुबह सूरज की किरण के साथ उसकी दिनचर्या शुरू होती थी और रात को चाँद की हल्की रौशनी में वह थककर सो जाता। उसका काम मुख्य रूप से खेतों में था, जहाँ वह अपने पिता के साथ खेती-बाड़ी करता। हालाँकि, उसे खेती से अधिक रुचि नहीं थी, लेकिन यह उसकी ज़िंदगी का हिस्सा था, और वह इसे चुपचाप करता था।

आज भी ऐसा ही था, लेकिन उस दिन कुछ खास था। रघु ने जैसे ही सुबह उठकर अपने काम की शुरुआत की, उसे एहसास हुआ कि कुछ ठीक नहीं है! उस रात की नींद के दौरान उसके साथ एक अजीब घटना घटी थी। उसकी आँखें भारी थीं, और सिर में एक असहनीय दर्द हो रहा था। वह अक्सर ऐसे दर्द से जूझता था, लेकिन इस बार यह अलग था! जैसे कुछ अंदर से उसे खींच रहा हो।

"क्या हुआ था मुझे!?" रघु ने खुद से पूछा। वह सोचने लगा, "क्या मैं बीमार हूँ?" लेकिन उसे इसका कोई जवाब नहीं मिला। उसने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोली और सामने देखा, तो उसकी आँखें चौड़ी हो गईं! अंधेरे में एक चमकदार गोला उसकी खिड़की के पास था, जो किसी एलियन वस्तु की तरह उसकी ओर बढ़ रहा था! वह घबराया हुआ था, लेकिन वह पूरी तरह से खड़ा हुआ और उस चीज़ को देखता रहा। गोला जैसे ही उसकी ओर आया, उसे अचानक एक अजीब सी ऊर्जा महसूस हुई, जैसे उसके शरीर में कुछ जाग गया हो!

लेकिन फिर वह कुछ नहीं समझ पाया! गोला एक झपकी की तरह लुप्त हो गया! रघु अभी भी अपनी आँखों से उस चमकते हुए गोले को ढूंढ रहा था, लेकिन कुछ भी नहीं था! वह चौंका हुआ था, "क्या यह सपना था!? क्या यह सच था!?" वह घबराया हुआ अपनी बिस्तर से उठा और खिड़की से बाहर देखने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी नहीं था! वह फिर से बिस्तर पर लौट आया, और उसने खुद को समझाया, "यह सिर्फ एक भ्रम था! बस एक सपना था।"

लेकिन उसकी वह घबराहट और सिर में घूमते विचार उसे चैन से बैठने नहीं दे रहे थे! उसने सोचा कि यह रात की नींद का असर था, लेकिन फिर भी उसे लगा कि कुछ गड़बड़ था! वह उठकर अपने कमरे के बाहर आ गया। तभी उसकी बहन पूजा की आवाज़ सुनाई दी, "रघु... तुम ठीक हो!?"

पूजा की आवाज़ में कुछ चिंताजनक था, और रघु ने उसे समझाया, "हाँ, बस थोडा सा सिर दर्द है, कुछ नहीं।" लेकिन अंदर ही अंदर वह परेशान था। यह घटना कुछ और थी, और उसे इसका मतलब समझने की कोशिश करनी थी।

अब रघु जानता था कि उसकी ज़िंदगी में कुछ बड़ा होने वाला था! वह नहीं जानता था कि वह क्या था, लेकिन वह जानता था कि उसे इसका सामना करना पड़ेगा!

Vous aimerez aussi

द टाइम मशीन - अतीत और भविष्य की दुनिया

एक ऐसी मशीन है, जो हमें अपने अतीत में ले जाती है, जहां हम अपने अतीत को बदल सकते हैं। वैज्ञानिक मुकुल लगभग 30 सालों से ऐसी टाइम मशीन बनाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि वे अपने मरे हुए माता-पिता को फिर से जीवित करने के लिए अतीत में जाकर उस समय पहुंच सकें, जब उनके माता-पिता की जान जाने वाली थी। वैज्ञानिक मुकुल ने ऐसी मशीन बनाई, लेकिन पहली बार प्रयोग करते समय मशीन का विस्फोट हो गया। इस हादसे में उनका दोस्त भास्कर, जो उस समय छोटा था, मुश्किल से बच पाया। इस घटना के बाद उनकी दोस्ती टूट गई। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें कोई भी नहीं बदल सकता। इंसान चाहे कितनी भी कोशिश करे, वह कुदरत के खिलाफ नहीं जा सकता। अगर वह ऐसा करने की कोशिश करता है, तो कुदरत खुद उसे रोक देती है। वैज्ञानिक मुकुल भी कुदरत के खिलाफ जाकर कुछ ऐसा ही बना रहे थे। उन्होंने दूसरी बार एक नई टाइम मशीन बनाई, तब वे सफल हो गए। अब इंसान अतीत में जा सकता था। इस बार, कुदरत ने फिर से अपना करिश्मा दिखाया और भास्कर की पत्नी सैली की मौत हो गई। भास्कर अपनी पत्नी को बचाने के लिए कई बार टाइम ट्रेवल करता है, लेकिन हर बार असफल रहता है। आखिरकार, वे समझ जाते हैं कि हम टाइम ट्रेवल करके अतीत को बदल नहीं सकते। जब वे दोनों हार मान लेते हैं, तब कुदरत उन्हें फिर से अपनी गलती सुधारने का एक मौका देती है। इस कहानी में वैज्ञानिक मुकुल, भास्कर और उसकी पत्नी सैली की जिंदगी का विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही, टाइम ट्रेवल के हर रोमांचक किस्से को भी बताया गया है।

AKASH_CHOUGULE · Romance
Pas assez d’évaluations
21 Chs

audimat

  • Tarif global
  • Qualité de l’écriture
  • Mise à jour de la stabilité
  • Développement de l’histoire
  • Conception des personnages
  • Contexte mondial
Critiques
Pleurage! Vous seriez le premier commentateur si vous laissez vos commentaires dès maintenant !

SOUTIEN