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भावनाएँ...

Éditeur: Providentia Translations

दोनों के शरीर आपस में जुड़े हुए थे,और पूरी तरह से पसीने में भीगे हुए थे।

दोनों के अंदर एक जैसी भावनाएं उठ रही थीं, और दोनों एक दूसरे में तीव्रता से पिघल रहे थे, जैसे कि वे एक के शरीर को दूसरे पर छाप रहे हों।

यह बेहद शानदार और सुखद एहसास था।

उसके तुरंत बाद, एक अवर्णनीय खुशी की लहर महसूस हुई।

युन शीशी,जो खुशी में डूब रही थी,म्यू याज़हे के कंधों पर चिपक गयी, और उसकी चौड़ी हथेलियों को पकड़ लिया। उसने अपनी उंगलियों को म्यू याज़हे की उँगलियों में फंसाया, और उसके हाथों से अपने गरम गालों को सहलाने लगी।

म्यू याज़हे की हथेलियाँ कुछ खुरदरी और गुदगुदी थीं, फिर भी उनमें एक सुरक्षा का एहसास था !

लगभग कांपते हुए, उसने अपने होंठों को म्यू याज़हे के पतले और ठंडे होठों से चिपका दिया।

वो स्पर्श सौम्य और गर्म था, और इससे म्यू याज़हे का दिल तेजी से धड़कने लगा। 

म्यू याज़हे की साँस रुक गई। वो वास्तव में उसके अंतरंग और कोमल चुंबन से खुश था,जो की बिलकुल वैसा था जैसा कि,एक प्यार करने वाले जोड़े के बीच में होता है।

वो इस बार दूर नहीं हुआ और इसके बजाय, उसने दृढ़ता से अपने होंठ उसके होठों से चिपकाये रखे।

म्यू याज़हे ने अपनी आँखें बंद कर लीं और फिर उन्हें खोला। उसकी आँखों के काले गोले उस आकर्षक लड़की को अच्छे से देख रहे थे,जो उसके नीचे एक फूल की तरह खिल रही थी। वो उस पर हावी हो गया और बिस्तर पर उसे अपना गुलाम बना लिया था।

युन शीशी ने एक गहरी सांस बाहर फेंकी और उसके होंठ खुल गए -आखिर उसकी प्यास बुझ गयी थी।

म्यू याज़हे ने उसके बालों की खुशबू को सूँघते हुए, अपना चेहरा उसकी गर्दन में दबा दिया।

मानो उनके दिमाग में सफेद रोशनी चमकी, और वे उस आसमान में लहरा रहे थे।

इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि,लव हंटिंग पाउडर का प्रभाव बहुत ज़ोरदार था।

म्यू याज़हे ने युन शीशी को अपने नीचे रखा और,इससे पहले कि दवा का प्रभाव कम हो, वो तीन बार उसके अंदर चला गया।

जब वो उस सुस्त आनंद के बाद अपने होश में लौटा, तो आकाश में उजाला हो चुका था।

उसकी बाँहों में पकड़े इंसान,पर पाउडर का प्रभाव भी कम हो गया था। वो इतनी थकी हुई थी कि,वो सो गयी। उसकी नाज़ुक और दुबली-पतली बाहें म्यू याज़हे के कूल्हों के चारों ओर लिपटी हुई थीं।

वे दोनों गीले और सिर से पैर तक चिपचिपे हो रहे थे। युन शीशी के लंबे और नम बाल म्यू याज़हे की छाती से चिपक गए, जिससे उसे थोड़ी सी गुदगुदी हुई।

युन शीशी का शरीर चुम्बन के लाल और बैंगनी निशानों से भरा हुआ था।

हर निशान, पूरी रात उस पर हुए आक्रमक हमलों का सबूत था।

उसने ज़रूर पागलों की तरह यह सब किया होगा....

भले ही तीन सालों से उसकी सगाई हो गयी थी,लेकिन आत्म-नियंत्रण में वो हमेशा से दूसरों की तुलना में बेहतर था,और इससे पहले उसने एक बार भी किसी महिला को नहीं छुआ था,फिर भी इस लड़की के सामने वो बार-बार खुद पर नियंत्रण खो रहा था।

उसका दिल आत्मीयता और अपनेपन के खिलाफ था,लेकिन,पहले भी,जब यह लड़की जो लिटिल यिचेन की असली मां थी,उसके सामने आयी थी,तब भी उसे खुद पर 'आत्म-नियंत्रण' नहीं रहा था।

म्यू याज़हे ने उसके नाजुक शरीर पर अपनी नज़र डाली।

वो सही में बहुत पतली थी - इतनी पतली कि म्यू याज़हे की बड़ी सी हथेलियों ने उसके गालों को पूरी तरह से ढँक दिया था।

वो हैरान था कि,इस लड़की ने पिछले छह साल कैसे गुजारे होंगे,और उसका जीवन कैसे बीता होगा।

वह बड़ी सी धनराशि जो उसने उस लड़की को दी थी,वह एक सामान्य इंसान के लिए जीवन भर की तनख्वाह के लगभग बराबर थी।

वह इतनी पर्याप्त थी कि,वो उससे अपना पूरा जीवन आसानी से बिता सकती थी।

हालांकि,वो छह साल पहले की तुलना में कमज़ोर दिख रही थी। उसके चेहरे का रंग भी कुछ हद तक पीला पड़ गया था,और उसके कूल्हों को वो अपने एक हाथ में ही पकड़ सकता था- वो बहुत नाजुक थी।

इन छह वर्षों में, क्या उसने अपनी शिक्षा पूरी कर ली, एक अच्छी नौकरी पाई, उसके पास एक उचित परिवार था, या फिर ...उसने शादी कर ली?

इन सभी ख्यालों से म्यू याज़हे का दिल अचानक थम गया...उसके अंदर कुछ अजीब सी भावनाएं उठने लगीं।

क्या उसकी शादी हो गयी थी?

वो सच में इस बारे में बहुत चिंतित था!

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