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एक अपरिचित, फिर भी परिचित चेहरा...

Éditeur: Providentia Translations

उस लड़की के आँसुओं को न रुकते देख,म्यू याज़हे ने और समय नहीं गंवाया। उसने अपना सिर नीचे किया और अपने बटुए को बाहर निकाला। उसमें से कुछ बड़े बैंकनोट्स निकालकर,उसने अपने चेहरे पर बिना किसी भावों के युन शीशी के आगे पकड़े।

जो समस्याएं पैसे से हल की जा सकती थीं,वो उसके लिए समस्याएँ नहीं थीं।

वो बस जल्दी से इस मामले को निपटाना चाहता था।

युन शीशी ने अपनी आँखें थोड़ी ऊपर कीं। बैंकनोटों को पकड़ने वाले हाथ की उंगलियां पतली थीं,उसके नाखून सफाई से कटे हुए थे,और अनामिका में हीरे की अंगूठी पहनी हुई थी। एक नज़र में ही कोई भी बता सकता था कि यह आदमी काफी रईस था।

उसके हाथ में पैसा देखकर वो दंग रह गई। वो रोना भी भूल गई।

म्यू याज़हे ने उसकी चुप्पी को गलत समझा,और सोचा कि वो इतने पैसे से खुश नहीं है। उसने भौहें चढ़ा कर पूछा,"क्या यह कम हैं?"

उसने पहले भी कई लालची लोगों को देखा था,और सोचा कि निश्चित रूप से उस लड़की को वह पैसे कम लग रहे होंगे।

उसके उत्तर की प्रतीक्षा न करते हुए,उसने अपने बटुए से कुछ और बैंकनोट निकाले। फिर उसने वो सारे रूपये उसे दे दिए। म्यू याज़हे को अपने साथ बहुत ज्यादा नकद रखने की आदत नहीं थी,इसलिए उसके बटुए में सिर्फ लगभग 2000 डॉलर थे। हालांकि,यह राशि उसके घावों को ठीक करने के लिए काफी ज्यादा थी।

युन शीशी चुप थी। वो उसकी इस हरकत से चकित थी। हालाँकि,म्यू याज़हे युन शीशी के ऐसे व्यवहार को गलत समझ रहा था।

उसे वो महिला कल्पना से ज्यादा लालची लग रही थी।

म्यू याज़हे बनावटी ढंग से मुस्कुराया,और अपने बटुए में से सारे पैसे निकाल लिए। वो इससे अधिक चाहती थी या नहीं,यह जानने के लिए वो अब और समय नहीं बर्बाद करना चाहता था। म्यू याज़हे ने देखा कि लड़की के पास जेब नहीं थी,इसलिए उसने पैसे को रोल किया,उसके करीब गया, और उसकी छाती में पैसे घुसेड़ दिए।

उसकी ठंडी उँगलियों ने धीरे से युन शीशी की त्वचा को छूआ। युन शीशी उसकी इस हरकत से स्तब्ध थी। उसने अपना चेहरा थोड़ा सा उठाया,और उसकी आँखों पर ढँके हुए बालों के बीच से, उसने उस आदमी के मुँह के उभरे हुए कोनों को देखा। उसकी मुस्कान के पीछे एक बिल्कुल अलग मतलब था,और वो खुशी से नहीं मुस्कुरा रहा था।

उस शख्स की लंबाई लगभग 1.9 मीटर थी और चेहरे की बनावट बहुत सुन्दर थी।

उसके शरीर की बनावट देवताओं की मूर्तियों जैसी थी, उभरे हुए नैन-नक्श,और बादाम के आकार की आंखों के कारण,उसकी आभा एक सम्राट जैसी लग रही थी। सिर्फ एक नज़र में, कोई भी यह बता सकता था कि इस आदमी ने अनगिनत तूफानों का सामना किया हुआ था- वो एक रौबदार आदमी था,जो दूसरों के जीवन और मृत्यु को नियंत्रित कर सकता था।

यहां तक कि उसकी मुस्कान में भी कोई गर्मी नहीं थी।

युन शीशी की ओर देखते हुए उसकी आँखों में केवल दया थी।

दया? वो उसकी ओर दया से क्यों देख रहा था?

अचानक,युन शीशी के अंदर का सारा क्रोध और आक्रोश बाहर आ गया!

अगले क्षण में,उसने देखा कि उस आदमी ने एक पेन निकाला,और उसके सीने पर एक नंबर लिख दिया।"अगर यह कम है, तो इस नंबर पर कॉल कर लेना।"

उसकी इन हरकतों से युन शीशी क्रोध से भड़क गयी।

उसका अनजाने में ऐसा करना,युन शीशी के लिए अपमानजनक था !

"सर,इसका क्या मतलब है? क्या यह इसलिए है क्योंकि आप अमीर हैं?" उसकी आँखें क्रोध से जल रही थीं,और उसकी आवाज़ में चिड़चिड़ापन था। "आपने किसी को घायल कर दिया,लेकिन माफी मांगने के बजाय आप पैसे दे रहे हैं। आपको लगता है कि पैसे से सब कुछ हल हो सकता है?"

युन शीशी बिना वजह किसी को परेशान करने वालों में से नहीं थी। वो यह भी जानती थी कि,यह उसकी ही गलती थी कि,वो बिना सोचे समझे सड़क पार कर रही थी। हालाँकि,उसकी छाती में पैसा फँसा देने का उसका तरीका,जो भीख देने के समान था,उससे युन शीशी बहुत नाराज हो गयी थी! म्यू याज़हे का रवैया बहुत ही ज्यादा बुरा और अपमान जनक था।

युन शीशी उसे बगैर दूसरा शब्द कहे उसे घूरती रही।

आखिर,वो उसके बारे में कुछ नहीं जानती थी!

युन शीशी ने अपना सिर उठाया, अपने सीने से पैसे निकाले,और उस आदमी के बड़े से हाथ को ऊपर खींचकर,उसपर पैसे पटक दिए!

उसने अपना चेहरा उठाया और सीधे उस आदमी की ओर अपनी नम आँखों से देखा। म्यू याज़हे की फीकी सी मुस्कान अचानक से जम गई। उसकी आँखों की पुतलियां एक ही जगह ठहर गयीं,और वो उसे एक टक घूरता रहा।

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