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यूयू उसे जान से प्यारा था।

Éditeur: Providentia Translations

आपातकालीन मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद,नवजात शिशु को आख़िरकार मौत के मुँह से बचा लिया गया। हालाँकि, उसकी शारीरावस्था बहुत कमजोर थी, और वो हमेशा बीमार रहता था। ऊपर से,वो बिचारा बच्चा जन्म से ही पिता के प्यार के बिना पला था। इस कमी को पूरा करने के लिए,युन शीशी ने दिलो जान से उसका ख्याल रखा। उसने उसे अपना सारा प्यार दिया। ऐसा उसने यूयू को यह समझाने के लिए किया था कि,पिता के बिना भी उसे बहुत सारा प्यार मिल सकता है!

इसलिए,उसने उसे 'युन तियानयु' नाम दिया। उसने भगवान को उसके जीवन में यूयू देने के लिए धन्यवाद दिया, और उसने यह भी चाहा कि वो हमेशा स्वस्थ रहे।

जहाँ तक मु याज़े का सवाल था, युन शीशी के पिता ने उससे सच्चाई छुपाने में युन शीशी की मदद की। युन शीशी के पिता के उस अस्पताल के डायरेक्टर के साथ बहुत अच्छे संबंध थे, और उस इंसान ने अपनी व्यावसायिक नीतियों के खिलाफ जाकर; अस्पताल के रिकॉर्ड को गलत साबित करने में उनकी मदद की। इस प्रकार, मु याज़े इस बात से अनजान था कि दूसरा बच्चा बच गया था,और इसलिए यूयू अपनी माँ के साथ रह पा रहा था। अगर उस आदमी को यूयू के बारे में पता चल जाता, तो वो ज़रूर उसे भी युन शीशी से दूर ले जाता। वो यूयू के बिना जीने का सोच भी नहीं सकती थी!

बच्चों को जन्म देने के बाद,वो अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए विश्वविद्यालय लौट आई। आखिरकार, उसके पिता की कंपनी अभी भी घाटे में चल रही थी, और फिर उन्होंने अदालत में अपना दिवाला निकलवा दिया। मु याज़े ने अपना वादा पूरा किया था; उसके वादे अनुसार यदि वो एक बेटे को जन्म देती है तो, उसे तय राशि से ज्यादा राशि का भुगतान किया जायेगा। वो आदमी वास्तव में उदार था।

इससे उसके कई बोझ भी दूर हो गए, और उस धनराशि ने उसके पिता के कर्ज भी चुकाने में मदद की।

कंपनी के बंद होने के बाद, युन येचेंग ने छोटा सा काम शुरू किया। बहरहाल,अब उनकी उम्र बढ़ रही थी, और अपने जीवन में इतनी परेशानी से गुजरने के बाद, उनमें अब हालात से लड़ने की ताकत ख़त्म हो गयी थी। वो फिर से कड़ी मेहनत करने और कठिनाईयों को झेलने के लिए तैयार नहीं थे।

युन शीशी की दत्तक मां,ली किन, से वैभव और धन दौलत छिन जाने के बाद, उन्हें युन येचेंग से शादी करने का अफसोस हो रहा था। वो मूल रूप से एक गृहिणी थी, लेकिन जीवन की परेशानियों के कारण, उसे बाहर जाकर अजीब काम करने पड़ रहे थे। हालाँकि, अपने पिछले आरामपरस्त जीवन के कारण,उन्हें मीन-मेख निकालने की आदत हो गयी थी,और इसी वजह से उन्हें अक्सर नौकरी से निकाल दिया जाता था। काम पर दूसरों की डाँट सुनकर,ली किन अपना गुस्सा युन शीशी और उसके बेटे पर निकालती थी।

युन ना, उसकी दत्तक छोटी बहन,पढ़ाई में बहुत अच्छी नहीं थी। उसके हाई स्कूल के परिणाम की वजह से उसे विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिला था, इसलिए उसे व्यावसायिक स्कूल में दाखिला लेना पड़ा। हालांकि, उसका रौब ज़माने वाला रवैया कई बार उसे परेशानियों में डाल देता था; इसलिए लगभग रोज़ ही उनके दरवाजे पर कोई ना कोई बदमाश दस्तक देने आ जाते थे।

अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद,वो आवारागर्दी करती रहती थी। उसकी महत्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी थीं, लेकिन उन्हें पूरा करने की उसमें कोई क्षमता नहीं थी। कोई भी ढंग की नौकरी ना मिलने के कारण,वो घर पर बेकार बैठी रहती थी, और उन आवारा बदमाशों के साथ बाहर घूमती रहती थी। वर्तमान में,पूरा घर उसके पिता की छोटी सी आय पर निर्भर था,फिर भी युन ना अक्सर गलत व्यवहार करती थी,वो अक्सर नाइट क्लबों में जाती थी, और बहुत सारी परेशानियां खड़ी कर देती थी।

जब यूयू का जन्म हुआ, तो युन शीशी को उसे स्तनपान कराना पड़ता था,यह उसकी पढ़ाई को बाधित करता था। यह उसके जीवन का सबसे कठिन दौर था। वो अपनी क्लास में ठीक से बैठ भी नहीं पाती थी। क्यूंकि उसे एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिला मिला था, इसलिए उसपर काम का बोझ बहुत अधिक था। जब भी वो फ्री होती थी,तो उसे पुराना बचा हुआ काम करना पड़ता था। एक सामान्य दिन में,वो पार्ट-टाइम नौकरी भी करती थी और यूयू का ख्याल भी रखती थी। उसे लगता था जैसे वो कभी भी बेहोश हो जाएगी।

विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होने के बाद,उसे एक अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिल गयी,जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ था। जब वो काम के लिए घर से बाहर रहती थी और उसकी दत्तक माँ और बहन घर पर होती थीं,तो वो यह सोच कर डरती थी कि,वो दोनों यूयू के साथ वैसा ही व्यवहार करेंगी जैसा कि उसके साथ करती थीं।

शुरुवात में,जब वो पहली बार यूयू को घर लेकर आई,तो युन ना ने उसे उदासीनता से घूरा। वो अब तक नहीं भूल पायी थी कि,युन ना यूयू को छोटा ह**मी कहकर बुलाती थी। इसलिए,जैसे ही उसे नौकरी मिली, उसने यूयू के साथ घर छोड़ दिया,और किराए के अपार्टमेंट में रहने चली गयी।

जब वो काम पर जाती थी, तो यूयू को बाल विहार भेज देती थी, और जब उसकी छुट्टी हो जाती,तो वो प्रवेश द्वार पर उसका इंतज़ार करता रहता था।

वो खुश थी कि यूयू एक समझदार बच्चा था। अपनी छोटी सी उम्र के बावजूद,वो बहुत विचारशील था और शायद ही उसने कभी किसी चीज़ के लिए ज़िद्द की थी। अब वो अपनी माँ के बिना अकेले ही घर लौटने में सक्षम हो गया था।

(डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर क्या युन शीशी अपने दूसरे बेटे को देख पाएगी?जानने के लिए पढ़िए अगला अध्याय...)

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