लिटिल वैसे तो शान्त बच्चा था, खाना खाकर सीधे कमरे में जाता था| उसे किसी से बात करना पसंद ही नहीं, नोकर भी रात के खाने के बाद उसके कमरे के पास आवाज़ नही कर सकते। दादी लू रात में कभी कभी बीच मे उसे देखने जाती थी, खाना नही खाता तो कमरे में जाकर खिलाती थी, इसी बात से एक दिन नाराज़ हो के उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। दादा-दादी दोनों लिटिल को बहुत प्यार करते थे, पर लिटिल उनके साथ एक कमरे में नही रहना पसंद करता था।
वही लिटिल आज अपने कमरे से निकल के बाहर आया तो इस बात ने दोनों लू भाइयों को हैरान कर दिया था।
लिटिल दौडकर आया और लू टिंग को पैरो से जकड़ लिया| लू टिंग बच्चे की अनकही ज़िद को समझ गया था और कड़क स्वर में बोला, "बिल्कुल नही कल हमने तुम्हारी बात मानी थी और वहाँ गए थे लेकिन आज नही।
फिर लिटिल ने आस भारी निगाह से जींगली के सेल फ़ोन की तरफ देखा| लू टिंग ने फिर कहा, "नही बिल्कुल नही हम शाम में ही एक बार बात कर चुके हैं।"
लू जंगली को समझ आ गया कि क्या चल रहा है।
टिंग के सामने अपनी दाल नही गलती देख लिटिल अब अंकल जंगली से चिपक गया।
जिंगली ने लिटिल से कहा, " मुझ पर डोरे डालना बन्द करो मेरे लाल, मैं तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए मना नही कर पाता हूँ यह तुम्हें भी मालूम है।" ऐसे ही लिटिल इतना ज़्यादा प्यारा था, ऊपर से उसकी भोली-भाली आंखे उसे और ज्यादा मासूम बना देती थीं| उसे इस घर में किसी चीज़ के लिए कोई मना कर सकता था तो वो था लू टिंग।
अंकल जिंगली ने कहा, " पापा ने मना कर दिया तो मै भी कुछ नही कर सकता अब।"
निराश लिटिल दौड़कर लिविंग रूम की ओर भागा| डरकर लू जिंगली ने अपने भाई को देखा तो लू टिंग ने सिर्फ इतना कहा कि वह आज खाना खा चुका है तो डरो नही, भूख हड़ताल वाली ज़िद नही चलेगी।
जिंगली भाई की बातों से थोड़ा सहज महसूस कर ही रह था कि तभी लिविंग रूम से कुछ धडाम। कर गिरने की आवाज आई|
दोनों भाइयो ने एक दूसरे की तरफ देखा और वे सीढ़ियो से नीचे की ओर भागे।
इतने कम समय मे पूरा लिविंग रूम बिखरा पड़ा था ,करीब पाँच फीट का लंबा सा फूल दान नीचे जमीन पर पड़ा था , इसी तरह की कई सारी चिजे ऐसी ही ज़मीन पर टूटी पडी थी |
" लू जींगयु !"
लू टिंग लिटिल ट्रेशर का पूरा नाम तभी लेता था जब वो बहुत ज्यादा ही गुस्से मे हो|
लू टिंग का गुस्सा तो लू जींगली भी नहीं झेल पाता था , तो फिर ये तो छोटा सा बच्चा था |
लिटिल ट्रेशरे अपने पिता का ये रूप देख कर डर से काँपने लगा ,वो ओर भी ज्यादा उतेजीत हो गया और उसकी भावनाए ओर भी ज्यादा भयानक हो गयी , वो गला फाड़ फाड़ के ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा ,और कमरे मे दौड़ने लगा , और दूसरी चीज़ें भी फेकने लगा |
लू जींगली उसके पीछे भागा , जमीन पर कई चीजों के टुकड़े पड़े थे जो उन दोनों को नुकसान पहुंचा सकते थे |