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11)तुम हो न,अब दवाई की क्या जरूरत है रूह? वैसे भी,,,,,,!!! "

फ्लैशबैक कंटिन्यू,,

RR हॉस्पिटल,,,

रिहांश रूहानी को अपने बाहों में जकड़ कर उसके होंठो पर टूट पड़ा था।वही रुहानी रोते हुए उससे अलग होने की कोशिश कर रही थी लेकिन रिहांश की पकड़ से छूट पाना बहुत ही मुश्किल था।

रुहानी की सांसे जब उखड़ने लगी तो वह रिहांश के बाहों में ही छटापटाने लगी।रिहांश अपने आंखे खोल कर रूहानी को देखता है।उसने अभी तक उसके होंठो को रिहा नहीं किया था। क्यों की उसका अभी रूह की होंठो को छोड़ने का बिलकुल मूड नहीं था।

रूहानी की दोनो हाथों को रिहांश ने अपने एक ही हाथ में पकड़ रखा था।वही रूहानी अपने पैर चलाने लगी,तो रिहांश उसे अपने आप से सटा कर उसे सांस देते हुए ही किस करने लगा।

रिहांश का इस तरह करने से रूहानी थोड़ा शांत होने लगी लेकिन उसे गुस्सा बहुत आ रहा था।|

जी भर कर रूहानी की होंठो का रस पीने के बाद रिहांश रूहानी की होंठो को छोड़ देता है।उसके छोड़ते ही रूहानी गहरी गहरी सांसे लेने लगी।उसका चेहरा हद से ज्यादा लाल हुआ था।वह गुस्से से रिहांश को ही देखने लगी जो बेहद खातिलाना स्माइल करते हुए,अपने होंठो पर उंगली फेरते हुए उसे ही देख रहा था।

वही रूहानी गुस्से से उस पर बिपरते हुए कहती है ""_यह सब आप,,,,,,,,!!!!!

" शश्शश,,,,आवाज नीचे रूह!!! " रूह गुस्से से उस पर लगभग चिल्लाते हुए ही कह रही थी लेकिन वह अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही रिहांश बेहद कोल्ड वॉइस में मगर धीरे से कहता है तो रूह डरते हुए रिहांश को देखने लगती है।

रिहांश के चेहरे पर जो थोड़ी देर पहले स्माइल थी वह अब कही नजर नहीं आ रहा था।उसकी गहरी काली आंखे हल्के से लाल भी हो गए थे।वही रूहानी उसे बिना कुछ कहे चुप हो जाती है। क्यों की उसे रिहांश को कुछ भी कहना बेकार लग रहा था।

थोड़ी देर वह एक दम शांति छाई रही।वही रूहानी को अपने ऊपर रिहांश की इंटेंस नजरे मेहसूस हो रही थी।लेकिन वह अपना सर ऊपर कर उसे देखने का हिम्मत नही कर रही थी।

भले ही रिहांश रूहानी का पेशेंट था लेकिन अब रूहानी की मन में उसने डर पैदा कर दिया था।वह लड़की उससे डर रही थी तो इस हाल में उसका ट्रीटमेंट करना इंपॉसिबल था।और सबसे बड़ी बात रिहांश की ट्रीटमेंट करने का सोच अब रूह की दिमाग से भी उड़ चुका था।रूहानी की दिल और दिमाग में अब रिहांश के लिए सिर्फ और सिर्फ डर बैठ गया था।

वह बस उसके सामने बैठे बैठे उससे कैसे अपना पीछा छुड़वाए यह सोचने लगी थी।

रिहांश बेहद जुनुनियत से या यू कहे की बेहद पागलपन से उस लड़की को देख रहा था। जब वह पहली बार उसके सामने आई थी तब वह एक दम शेरनी जैसे थी लेकिन अब जो उसका हालत बिल्कुल बिगी बिल्ली की तरह हो गया था। उस पागल इंसान ने रूहानी के दिल में रिहांश आर्यन का पागलपन दिखा कर डर पैदा कर चुका था।

रिहांश उसकी टूडी को अपने दो उंगलियों से पकड़ कर थोड़ा ऊपर कर उसे देखते हुए कहता है,

" look at me रूह। "

रूहानी ने अपने पलके नीचे ही किया था।रिहांश की बात सुन कर वह उसे देखने लगती है। डर से उसका चेहरा अब तक पिला पड़ चुका था।वह अपना रोनी सी शकल बना कर उससे कहती है,""_ प्लीज मुझे छोड़ दो। "

रूहानी की बात सुन कर रिहांश के चेहरे का भाव बिलकुल नहीं बदला।वह उसी तरह उसे एक टक देख रहा था।तभी रूहानी उसका हाथ अपने टूडी से हटा कर उससे फिर से कहती है,

" तुम ऐसा क्यों कर रहे हो मेरे साथ ? तुम मेरे पेशेंट नहीं हो तुम डॉक्टर मानसा की,,,,,,,, आआह्ह्हह्ह। "

रूह आगे अपनी बात पूरी करती उससे पहले ही रिहांश का हाथ वापस उसके टुडी पर आ गया था,लेकिन उसका पकड़ बिल्कुल सॉफ्ट नही था।

वहीं रूह दर्द से करहाते हुए उसका हाथ हटाने लगी।तभी रिहांश ने अपना गरदन थोड़ा टेढ़ा किया।फिर अपनी थीकी नजरे रुहानी की नम आंखों पर टिकाते हुए बेहद सर्द मगर धीरे से कहता है,

" तुमने मेरा हाथ अपने टुडी से हटाया कैसे रूह? "

रूहानी की हाथ रूक गया।जो वह अभी भी उसका हाथ अपने टुडी से हटा रही थी।उसे नही लगा था की बस उसका हाथ हटाने से ही रिहांश उसे अपना यह रूप दिखाने लग जाएगा।

रूहानी की रूह कांप रही थी क्यों की वह इस वक्त किसी निर्मल इंसान की पकड़ में नहीं थी।वह पागल था जिसका पागलपन की कोई हद ही नही था।वही रिहांश अपना चेहरा रूहानी की चेहरे के करीब ला कर उसके चेहरे को पागलों की तरह स्निफ करते हुए कहता है,

" जवाब दो रुह। "

उसकी आवाज ,,, उफ्फ वह आवाज किसी का दिल बैठाने का काम कर रहा था।रूहानी डर से कांप रही थी।रिहांश का यह रूप देख कर वह लड़की ज्यादा डर गई थी।वह अपना थूक निंगलते हुए धीरे से हकलाते हुए रिहांश को कुछ कहने लगी "" _वह,,,मैं ,,,रिहांश मैने बस हाथ,,,,,,!!! "

रूहानी की आवाज में हद से ज्यादा कपकपाहट थी।उसकी जुबान भी आज उसका साथ नहीं दे रहा था।रिहांश इस वक्त रूहानी की चेहरे के बेहद करीब था।उसकी कपकपाहट को वह खुद मेहसूस भी कर रहा था।

रिहांश फिर बोला, " डर अच्छी बात है रूह,कि तुम मुझे देख कर डर रही हो i like it। "

" मुझे जाना है। " रुहानी रोते हुए कहती है तो रिहांश उसके गाल पर होंठ रख कर उसके आंसू पीते हुए कहता है,

" मुझे भी रूह,इस चेंबर में मै बिल्कुल कंपर्ट नही हू चलो विला चलते है। "

रिहांश इतना बोल कर झट से रूहानी को अपने गोद में ले कर बाहर जाने लगा।वही रूहानी उसे ही हैरानी से देखने लगी।वह उसे रोकते हुए कहती है,

" क्या कर रहे हो रिहांश,मुझे नीचे उतारो !!! "

रूहानी बस बोलती रही।लेकिन रिहांश ने उसका एक नहीं सुना।वही अभिनव बस रिहांश और रूह को जाते हुए देख रहा था तभी डॉक्टर मानसा अभिनव के पास आते हुए कहती है "" _मिस्टर अभिनव यह सब क्या है ?

" पागलपन है ma'am!! " अभिनव बिना मुड़े एक टक रिहांश को जाते हुए देख कहता है।

हॉस्पिटल में माहौल एक दम से गंभीर हो गया था। इतना भीड़ होने के बावजूद भी वह पर सन्नाटा पसरा हुआ था।

" यह आप क्या कह रहे है मिस्टर अभिनव? " अभिनव का जवाब सुन कर मानसा उसे वापस सवाल करती है तो अभिनव उनके तरफ मुड़ गया।वह फिर बोला,

" आप बॉस के डॉक्टर है ,उनकी हालत कैसी है यह आपको अच्छे पता है ma'am लेकिन आपने उस लड़की को बॉस के पास भेज कर बहुत बड़ी गलती कर दी !!! "

मानसा उसे ही देखने लगी।तो अभिनव उससे फिर से कहता है,

" बॉस को जिस चीज का लत था वह जगह अब उस लड़की ने ले रखा है,अब यह नहीं छूटेगा। "

अभिनव इतना बोल कर वहा से चला गया।वही मानसा को रूहानी के लिए बुरा लग रहा था।वही उनके थोड़ी ही दूरी पर श्रेया खड़ी थी।रिहांश के जाते ही श्रेया ने रूहानी के बारे में पता लगा दिया था।और यहा का सारा नज़ारा देख कर उसके अंदर इस वक्त आग लगी हुई थी।

वह गुस्से से किसी को कॉल करते हुए हॉस्पिटल से बाहर जाने लगी।

कार में,,,

रिहांश रूहानी को अपने गोद में ही ले कर बैठा हुआ था।वही रुहानी रोते हुए उससे अलग होने की कोशिश कर रही थी।लेकिन कोशिश बेकार था।

" आप मुझे अपने साथ क्यों ले जारे है,प्लीज मुझे छोड़ो। " रुहानी रोते हुए कहती है तो रिहांश उससे धीरे से कहता है,

" नही छोड़ सकता रूह,सुना तुमने मैने क्या कहा? मैं तुम्हे बिलकुल नहीं छोड़ सकता। "

रिहांश ने अपने एक एक बात भी चबाते हुए कहा था।जिसे सुन कर रूहानी एक दम से सुन्न हो गई थी।तभी अभिनव कार में आ कर कार स्टार्ट कर देता है।

रिहांश रूहानी की गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर उसके फ्रेगरेंस को स्निफ करते हुए उसे अपने गले लगा लेता है।

रुहानी का गला भर गया था।वह रोते हुए उसके गर्म सांसों को अपने गर्दन में मेहसूस करने लगी।वही रिहांश का एक हाथ उसके बालो पर था।वह बड़े ही प्यार से सहलाते हुए उसकी खुशबू में खोते जा रहा था।

थोड़ी देर बाद,,

रिहांश का कार आ कर उसका प्राइवेट विला के सामने रुक गई।वही रिहांश रूहानी से अलग हो कर उसे देखने लगता है जो रो रो कर अपना हालत खराब कर रही थी।

रिहांश उसके आंसू पोछते हुए थोड़ा सक्ति से कहता है"" _stop crying रूह,otherwise,,,,!!!

रिहांश अपनी बात बीच में ही रोक कर रूहानी की गाल पर हाथ फेरने लगा।वही रुहानी सिसकते हुए उसे ही देखने लगी।रिहांश की बातो में वार्निग अच्छे से उसे समझ आ गया था।

वही रिहांश उसे अपने गोद में ले कर कार से बाहर आया। फिर रिहांश उसे ले कर विला के अंदर चला गया।

रिहांश अभी अंदर जा ही रहा था की उसकी नजर हाल में बैठे हुए दो लोगो पर जाती है।

हाल में इस वक्त अंकिता बैठी हुई थी और उसके बगल में ही श्रेया। उन दोनो को यह देख कर रिहांश की आंखे छोटी हो गई। क्यों की रिहांश को अपने विला में किसी का आना जाना पसंद नही था।

वह उनके पास अपने कदम बढ़ाते हुए कुछ कहता उससे पहले ही रूहानी अंकिता को देख रोते हुए कहती है,

" Ma'am, आप प्लीज अपने पागल बेटे को कहिए की मुझे छोड़ दे,कब से तंग कर रहे है। "

रिहांश की नजर रूहानी पर आ गई। वह घूर कर उसे देखने लगता है।जो उसके ही गोद में बैठ कर उसके सामने ही उसकी ही शिकायते कर रही थी।

वही अंकिता रूहानी को एक नज़र देख कर रिहांश से कहती है,""_रिहांश,यह क्या बदतमीजी है छोड़ो उसे !!!

" आप यह क्यों आई है मां ? " अंकिता की सवाल को इग्नोर कर रिहांश रूहानी को देखते हुए ही उनसे सवाल करते हुए कहता है तो अंकिता एक नजर श्रेया को देखती है।

श्रेया की नजर सिर्फ रूहानी पर थी।रिहांश का इस तरह उसे गोद में उठाना उसे बिलकुल अच्छा नही लग रहा था।अंकिता फिर रूहानी को देखती है।रूहानी डरते हुए रिहांश को देख रही थी क्यों की रिहांश की नजर उस पर से हट ही नहीं रहे थे।

रिहांश फिर रूहानी को अपने रूम के तरफ ले जाने लगा तो अंकिता उसे रोकते हुए कहती है""_ रिहांश, उस लड़की को छोड़ो वह डर रही है। "

अंकिता की बात सुन कर रिहांश अपना गर्दन टेढ़ा कर अंकिता को देखता है।जो उसे ही आस भरी नज़रों से देख रही थी।वही रिहांश का पकड़ रूहानी पर कसती जा रही थी जिससे उसका दर्द उसके चेहरे पर भी दिखाई दे रहा था।

रिहांश अंकिता को बेहद धीमी आवाज में मगर सक्ति से कहता है,"" _ रिहांश आर्यन को वही करना होता है जो वह करना चाहता है मां यह लड़की मेरा लत बनते जा रही है जिससे मुझे बेहद सुकून मिल रहा है इससे छोड़ना तो दूर इसे अब मै अपने नजारों से भी दूर नही कर सकता।

रिहांश इतना बोल कर रूहानी को ले कर अपने रूम में जाने लगा।लेकिन वह फिर रुक कर बिना मुड़े अंकिता से कहता है,""_ मेरे विला में सिर्फ आपको ही आने का इजाजत है मां, उम्मीद करता हु की अगली बार सिर्फ आप ही यह आयेंगे।

रिहांश रूहानी को ले कर अपने रूम में चला गया।वही अंकिता श्रेया को देख रही थी।रिहांश की बातो से यही लग रहा था की श्रेया को देख कर रिहांश बिल्कुल ना खुश है।

वही श्रेया को भी यह बात समझ आ गया था।वह अंकिता के पास आ कर उससे कहती है,""_चले आंटी !!

अंकिता एक नजर रिहांश के रूम के तरफ देख कर वहा से बाहर चली गई।

रूम में रिहांश रूहानी को बेड पर गिरा कर उसे ही अपने आंखे छोटी कर घूर रहा था।लेकिन रूहानी की नज़र इस वक्त पूरे रूम में दीवार पर लगाए हुए फोटोज पर थी।

रूहानी की हर तरह कि फोटोज इस वक्त उस रूम के दीवारों में लगाया गया था।रूहानी को इस तरह हैरानी से देखता देख रिहांश के चेहरे पर टेढ़ी स्माइल आ गई।वह अपने बालो में हाथ फेरते उसके करीब जा कर बेहद सेडक्टिव टोन में कहता है,""_ मेरी इन पागल आंखों को तुम्हे देखने की लत लग गई है रूह,अजीब लत है लेकिन बेहद सुकुन से भरा है। "

रूहानी फिर रिहांश को हैरानी से देखने लगती है।बस एक ही दिन में कोई उसके लिए इतना पागल कैसे हो सकता है ? उसे समझ नही आ रहा था।शायद वह कल ज्यादा ही उसकी करीब आ गई थी।

रिहांश उसके बगल में बैठ कर उसे आपने ऊपर खींच कर उसके डरी हुई सहमी सी आंखों में देखते हुए कहता है,

" रूह मेरी इस पागलपन को प्यार मत समझना यह प्यार नही रूह यह सिर्फ लत है।और तू हमेशा मेरी लत ही रहेगी। "

" हमेशा,,,? " रूहानी डरते हुए उससे कहती है तो रिहांश अपना गर्दन हल्के से टेढ़ा कर अपना हाथ गर्दन पर रख कर रब करने लगा।उसे ऐसे देख रूहानी पीछे हटने लगी तो रिहांश दूसरे हाथ से उसे अपने आप से सटा कर उसके आंखो में देखते हुए उसकी चेहरे को स्निफ करने लगा।

रूहानी को रिहांश का बिहेवियर बिलकुल समझ नही आ रहा था।आएगा भी कैसे वह पागल था उसकी पगलापन का कोई हद ही नही था।

रिहांश फिर उसके आंखों में देखते हुए बेहद कोल्ड वाइस में कहता है, "" _ हा रूह हमेशा!!अगर प्यार होता तो छूट जाता लत है तू मेरी अब नही छूटेगा। "

डर से रूहानी को हल्के हल्के से पसीना आने लगी।वह एक टक रिहांश को देखते हुए अपने मन में बोली,""_रूह,इस पागल इंसान से बचने का कोई तो रास्ता होगा ही ,कुछ सोच रूह इससे पहले मैं इसकी पकड़ में पूरी तरह आ जावू,उससे पहले ही मुझे कुछ तो सोचना पड़ेगा।|

वही रिहांश की चेहरे पर इस वक्त बेहद सुकून का भाव था।उसके हाथ रूहानी की चेहरे पर अभी भी चलने लगी थी।

वही रूहानी उससे थोड़ा हिचकिचाते हुए कहती है,""_ रिहांश आपने दवाई ली ? "

रिहांश एक टक रूहानी को देखने लगा।फिर वह टेढ़ी स्माइल कर उसे ले कर लेटते हुए कहता है,

" तुम हो न,अब दवाई की क्या जरूरत है रूह? वैसे भी,,,,,,!!! "

रिहांश का चेहरा थोड़ा डार्क हो गया।वह अपनी बात बीच में ही छोड़ कर रूहानी को घूरने लगा।वही रिहांश का इस तरह अचानक से भाव बदलता देख रूहानी को डर लग रहा था वह उसे कुछ पूछती उससे पहले ही रिहांश थोड़ा गुस्से में उससे कहता है,

" तुमने ही दवाई लेने के लिया मना किया था ना ? उस दवाई को लेने से मेरी जान को खतरा हो सकता है, तुमने ही यह मां से कहा था ना ? तो अब लेने के लिए क्यों कह रही हो रूह? "

रिहांश की बात सुन कर रूहानी की सांसे उसके गले में ही अटक गई।वह थोड़ा उसे समझाते हुए उससे कहती है,

" री,,,रिहांश,, मैं उस दवाई की बात नही कर रही हू ,मैंने जो तुम्हारे लिए लिख कर दिया था न उसकी बात कर रही हू। "

रिहांश की चेहरे पर हल्के से स्माइल आ गया।वह झुक कर उसके चेहरे को स्निफ करते हुए कहता है,

" hmmmm,,रूह कोई भी दवाई हो अब मुझमें उतना असर नही करेगा जितना तुम्हारे पास होने से होगा, उन कड़वी दवाई में अब उतना नशा नहीं है जितना तुम्हारे बदन की खुशबू में है,बेहद नशा सा चढ़ रहा है बेहद लत सी लग गई है। "

रिहांश का लत अब कैसे परवान चढ़ते जाएगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए , " लत है तू !! "