webnovel

पहला मौका

मैं उनको होठों से बीयर पिलाने लगी, तो उन्होंने बीयर पीते पीते मुझे चूमना शुरू किया और मेरे रसीले होठों के पंखुड़ियों से मेरे जवानी का रस भी पीते गए। फिर दोनो हाथों से मेरा ब्लाउज निकाल दिया और मेरे हाथ में बोतल और गिलास होने के कारण मैं कुछ नही कर पाई। और मेरा मुंह भी बंद था चूमती हुई उनकी गर्मी से। मैं उस tent house में अधनंगी खड़ी थी और राजपूत साब मेरे चारों ओर घूमके मेरी जवानी किस तरह से ज्यादा लुटानी चाहिए उसका अंदाजा लगा रहे थे। मेरी ब्लाउज निकालकें एक ओर रख दी और मुझे पीठ पर चूमने लगे और दोनो हाथों से मेरी नितम्ब को दबाने लगे। और मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में उस उत्तेजना भरी रात को मेरे मन में समेटने लगी। थोड़ी ही देर में उन्होंने मेरी खुली हुई शरीर का हर एक हिस्सा चूम लिया। वो सिर्फ आंखों से बोलने लगे और मैं आंखों से ही जवाब देने लगी। जब बीयर बोतल खतम किया होठों से पीना तो मैंने साइड टेबल पर बोतल और गिलास रख दी और उन्होंने मुझे प्यार से गले लगा लिया और मैंने उनको हाथोंसे कसके पकड़ लिया, और मेरे होंठ उनके हवाले कर दिए। थोड़ी गहरी चुम्मा चाटी के बाद, उन्होंने मेरे पैंटी को हल्के से नीचे धकेला और मेरा Butt plug धीरे धीरे बाहर निकाला । उसके साथ मेरी सिसकियां बढ़ गई और मैं चौपाई को पकड़ के मेरे पैरों को हिलाने लगी। बजती हुई पायल के साथ मेरा butt plug एक झटके में उनके हाथ आ गया और उन्होंने मेरे हाथ में पकड़ा दिया, बोले "अब जब तक मैं न बोलूं इसको अंदर मत डालना।" और उन्होंने मेरी पैंटी ऊपर खींच दी। मैं पूरी तरह से नंगी होने के लिए वहा खड़ी थी मगर शायद वक्त नही आया था। मुझे चूमते चूमते और मेरी गांड़ को मसलते मसलते वो भी नंगे हो गए। मेरी गांड़ की छेद को अब हवा मिलने लगी तो तड़प ज्यादा होने लगी और मेरे हाथ में butt plug देख उन्होंने बोला "तुम्हे छेद में कुछ भी डाले बिना खड़ा रखना जुर्म जैसा है, है ना?".. मैने हां कह दिया तो, वो मेरे पीछे चिपक गए पूरे नंगे। मुझे उनके लन्ड का पहला स्पर्श मिला और मैं सिर्फ उसकी लंबाई या गोलाई का सिर्फ मन में अंदाजा लगा सकती थी। उनके लन्ड के फोटो भेजे थे उन्होंने मगर असलियत में जो मिलता है उसका मजा कुछ और ही होता है।

Siguiente capítulo