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इम्तिहान (पार्ट 39)

क्या ये लीं कि आवाज़ है मास्टर? शिन जुई ने दबी सी आवाज़ में सोवी से कहा!

सोवी ने शिन जुई को चुप रहने का इशारा किया , धीरे धीरे काली आत्माओं की आवाजे एक काले साए से भी अधिक डरावनी हो गई। चांदनी रात, काली अंधेरी रात में बदल गई और हवा तेज बहाव के साथ चलने लगी। उन अस्पष्ट आवाजों का सोवी पर अधिक असर नहीं हो रहा था लेकिन शिन जुई उस आवाज़ के वश में होने लगी थी ,सोवी ने जैसे ही शिन जुई का हाथ पकड़ा अदृश्य होने के लिए उससे पहले ही एक नीली रोशनी छप्पर को चीरती हुई सोवी और शिन जुई पर हमला कर चुकी थी और शिन जुई और सोवी दोनो ही मायावी रूप से बंध चुके थे यानी वो दोनो हिल भी नही पा रहे थे काली आत्माओं के सिपाही ने उन लोगों को घेर लिया और और पीछे से किसी ल़डकी के हसने की आवाज़ आई! जब वो ल़डकी हस्ते हुए सोवी के सामने आईं तो सोवी दंग रह गया क्युकी वो लड़की कोई और नहीं बल्कि लीं ही थी?

,,,, क्या हुआ हैरानी हुई? लीं ने हंसते हुए पूछा। क्या लगा? तुम लोगों को मैं कोई बेचारी राजकुमारी लगती हूं! हां?बेचारी असली राजकुमारी तो सालो से कैद है हमारे महल में । ये तो बस एक छोटा सा जाल था जियान को तुम लोगों से अलग करने के लिए ।

शिन जुई ने चिल्लाते हुए कहा ओह तो ये सब तुम्हारा बिछाया हुआ जाल था । जियान कहां है? बोलो मुझे जियान कहा है? तुम उसे कहा लेकर गई? मास्टर इससे पूछो जियान कहा है?

शिन जुई के आसू देख कर लीं को अलग ही मजा आ रहा था, वो जोर से हंसते हुए बोली "तुम्हे तो जियान पसंद नहीं था फिर उसकी फिक्र क्यों हो रही है? फिर वो सोवी की तरफ देखते हुए बोली तुम्हारा सोलमेट है न वो? क्या लगा तुम्हे ,हमे कुछ पता नहीं है ? हां

हम शुरू से सब जानते है हमने आसानी से तुम लोगों को आने दिया क्युकी हमे स्वान कबीले के वंश के सोलमेट की जरूरत थी यानी की जियान की जरूरत थी, मैने इतना सारा जाल बिछाया ताकि जियान को अकेले ले जा सकू । लीं की बातो से एक नफ़रत दिख रही थी जिससे साफ जाहिर हो रहा था कि लावोमेन कबीले की उन काली आत्माओं के सिपाहियो में से एक है।

उसने सोवी को घूरते हुए कहा फिक्र मत करों हम उसे मारेगे नही! हमे तो बस जियान की स्पिरिट चाहिएं उसके स्पिरिट को पाने के बाद ही वो पुस्तक जागृत होगी इसके बाद हम उसे छोड़ देगे बिना स्पिरिट के वो ज्यादा दिन जिंदा भी नहीं रहेगा। ले चलो इन लोगों को, उसने सिपाहियो से कहा । सोवी एक बेहतरीन योद्धा है वो चाहे तो आसानी से निकल सकता था लेकिन वो जियान के पास पहुंचना चाहता था जो की लीं के माध्यम से पहुंचा जा सकता था ।

सोवी और शिन जुई को लावोमेन के महल ले जाया गया । जियान को एक ऊंचे चौतरे पर लिटाया गया था वो बेहोश था और उसके हाथ पैर में एक जंजीर बंधी हुई थी जो चौतरे एक पत्थर से बंधा हुआ था सोवी हैरान था कि जियान जैसे योद्धा को कोई इस तरह भी पकड़ सकता था वो समझ गया था कि जरूर जियान को छल से बेहोश किया गया होगा । शिन जुई ने जियान को देखते ही चिल्लाना शुरू किया लेकिन जियान तो बेहोश था वो भाग कर जियान के पास जाना चाहती थी लेकिन काली आत्माओं के सिपाहियो ने उन दोनो को पकड़ रखा था ।

शिन जुई ने चिल्लाते हुए कहा "क्या किया है तुमने जियान के साथ अगर उसे कुछ हो गया था मास्टर का गुस्सा नही झेल पाओगे । वो रोते हुए बोले जा रही थी ।

"अभी हमने उस खुबसूरत से नौजवान के साथ कुछ नहीं किया है! हमें तो बस उसकी स्पिरिट चाहिएं। इससे ज्यादा हम क्या कर सकते है ! किसी ने बहुत तेज आवाज़ में कहा!

उसकी आवाज़ सुनते ही हवाएं तेज हो गई और काली आत्माओं के सिपाहियो ने सर झुका लिया ,लीं भी उसके अभिवादन में झुक गई । ये कोई और नहीं बल्कि लावोमेन कबीले का कुल प्रमुख चैंग था। जिसके दरिंदगी के किस्से दूर दूर के कबीले में था !बुराई की पहचान ही चैंग से होती थीं ! उसने काला जादू सीखा हुआ था उसके पास बुराई की अध्यात्म शक्ति थी। उसके आस पास सिपाही चल रहे थे जैसे वो कोई शाही और खानदानी राजा हो। शिन जुई और सोवी भी उसे देख रहे थे ,वो उस चौतरे के पास गया जहा जियान को बेहोश करके लिटाया गया था, जियान के पास पहुंच कर उसने सोवी को झुकाने के लिए कहा" ये नौजवान तो निहायती खुबसूरत है! कैसा रहेगा जब इसे पता चलेगा कि इसने अपनी स्पिरिट खो दी है , कैसा लगेगाउसे जब पता चलेगा कि जिस अध्यात्म शक्ती का वो बेहतरीन योद्धा था उसी स्पिरिट को उससे छीन लिया गया, और बिना स्पिरिट के तो ३ महीनो में मौत होनी तय होती है लेकिन शायद ये खुबसूरत नौजवान खुद को शक्तिहीन पाकर उससे पहले ही मौत को गले लगा लेगा। उसकी दरिंदगी भरी बातो को सुन कर बाकी सिपाही हंस पड़े।

सोवी ने कहा" बुरा का अंत बुरा ही होता है! जिंदगी और मौत तय करने वाला ईश्वर है!

चैंग ने जियान को चेहरे पर तलवार की नोक को रखते हुए बोला। "अरे स्वान कबीले के राजकुमार ! और होने वाले कुल प्रमुख ये नौजवान तुम्हारा हमसफर है न? इसके खुबसूरत से चेहरे को तुम पसंद करते हो न ! मै इसका चेहरा बिगाड़ दू तो कैसा रहेगा? चैंग ने तलवार की नोक को जियान के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा!

सोवी ने कहा" नही! दूर रहो उससे !तुम्हे योद्धा की स्पिरिट ही चाहिएं तो तुम मेरी स्पिरिट ले लो ! लेकिन जियान को छोड़ दो ! शिन जुई रो रही थी वो अपने मास्टर के लिए कुछ करना चाहतीं थी लेकिन वो बेबस थी वो ख़ुद जियान और सोवी के साथ कुछ बुरा होते हुए नही देख सकती थी।

सोवी समझ गया था कि आज उसके लिए इम्तिहान की घड़ी है शायद उसे पुस्तक और जियान में से किसी एक को चुनना पड़ेगा लेकिन दोनो ही सोवी के लिए जिंदगी कि तरह थे , वो जियान को कुछ नही होने देना चाहता था भले ही उसके लिए जान ही क्यो न देना पड़े! जियान और उसकी स्पिरिट को बचाने के लिए सोवी आपनी आखिरी सांस तक प्रयास करना चाहता था।

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