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अदृश्य धागा (पार्ट 7)

अगले दिन सुबह सुबह सभी व्याखान सभा में उपस्थित हुए सोवी और जियान भी जाने की अनुमति लेने के लिए उपस्थित हुए, स्वान कबीले के लोग सोवी ओर जियान को आशीर्वाद देने के लिए आए थे उनकी आशावादी नजरे उम्मीद के साथ जियान और सोवी को आशीर्वाद दे रहें थे।

कुल प्रमुख _ ने सोवी से कहा याद रहें राजकुमार स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक तुम्हारी जिंदगी से भी अहम है वो पुस्तक न केवल स्वान अपितु अन्य कबीले की रक्षा के लिए है ,खाली हाथ लौटकर मत आना और फिर जियान से कहा जियान इतनी बड़ी अनहोनी केवल तुम्हारे कारण हुई है तुम हर हाल में सफर में सोवी की बात मानोगे और स्वान के अस्तित्व के लिए वो पुस्तक वापस लेने में पूरी कोशिश करोगे।

सोवी ने घुटनों के बल बैठकर कुलप्रमुख और स्वान कबीले वासियों से कहा मै हर कीमत पर वो पुस्तक वापस लाऊंगा जियान ने भी सोवी का साथ दिया।

तभी पुरखों ने आगाह करते हुऐ कहा कि याद रहे वो पुस्तक अगले दिनों में जागृत होने वाली है जो तीन महीनो तक जागृत रहेगी तुम्हे पुस्तक वापस पाने में ३दिन से३ माह का समय लग सकता है। लाओमेन कबीले सात जादुई पहाड़ियों के उस पार है रास्ते में सफर चुनौती से भरा है हमे उम्मीद है कि तुम दोनो जल्द वापस आओगे। और जियान वापस आकर तुमको नियमो को तोड़ने की सजा दी जाएगी।

दोनो ने कुल प्रमुख और पुरखों और स्वान कबीले के अन्य लोगो से आशीर्वाद लेकर सफर की शुरुआत की।

सोवी और जियान ने जैसे ही स्वान कबीले की सीमा को पार किया तभी सोवी रुक गया।

जियान मुह बना कर बोलता है" अब क्या हुआ?

सोवी गुस्से मे कहता है,चुप रहो थोड़ी देर!

जियान_ झट से जवाब देता है "मै तुमसे डरता हूं क्या ?जो तुम्हारी बात मानूगा।

सोवी बोलता है "तुम ये कहना कब छोड़ोगे ?

जियान कहता है "कभी नहीं फिर वह जोर से हंसा।

सोवी फिर बोला! अब चुप रहो और मुझे स्वान कबीले की सीमा के रक्षा कवच को और मजबूत करने दो । जियान ये सुन कर चुप हो गया सोवी ने आंख बंद करके रक्षा कवच के मंत्रो को गढ़ना शुरू किया, अदृश्य रक्षा कवच का निर्माण सोवी के अलावा कोई नहीं कर सकता था।

जियान उसे ध्यान से देख रहा था जियान सोच रहा था मेरे कबीले की लड़कियां वैसे ही नही सोवी पर फिदा हैं वाकई में ये देखने में बहुत आकर्षक और सुंदर है,

अगर मै लड़की होता तो शायद मै भी इस पर फिदा हो गया होता, लेकिन सुंदर होने से क्या होता है? ये है बहुत ही अकडू इंसान हैं ।

इतने में सोवी ने रक्षा कवच मजबूत कर दिया था उसने आंख खोल कर देखा तो जियान उसे ही देख रहा था।

सोवी ने कहा जियान चलो। तभी जियान ने अपनी नजरे उस पर से हटाई ।

दोनो ने अपना सफर शुरू कर दिया था।

जियान ने कहा ओह कितना अजीब है न?

सोवी ने पूछा क्या अजीब है

जियान उसे चिढ़ाते हुए बोला यही की मुझ जैसे योद्धा को तुम्हारे जैसे शांत इंसान के साथ सफर करना पड़ रहा है फिर वह शैतानी हसीं हंसा ।

वास्तव मे अब जियान को अच्छा लगने लगा था सोवी को परेशान करना ।

सोवी जियान की बात सुन कर चुप चाप चलता रहा।

जियान फिर बोला अब क्या तुम पूरे सफर में ऐसे चुप रहने वाले हो?

सोवी फिर भी चुप रहा ।

उन दोनो काफी चलने के बाद एक गांव आने वाला था

गांव को देखते ही जियान बहुत खुश हुआ जियान बोला ये अच्छा है कुछ तो ऐसा मिला जहां इनसान रहते है ।

जियान जल्दी से चलकर सोवी के बराबर आकर चलते हुए बोला ।

वो पुस्तक को तुम पहचानोगे कैसे अगर लाओमेन वालो ने असली पुस्तक कही और छुपा कर रख दी तब।

सोवी ने कहा वो पुस्तक स्वान वासियों को पहचानती है उसे हमारे पुरखों ने रचा है असली पुस्तक मुझे संकेत दे देगी।

जियान ने कहा मतलब वो पुस्तक की पहचान मै नही कर सकता क्यूंकि कुल प्रमुख ने कहा था वो पुस्तक बस तुम ही छू सकते हो।

सोवी ने कहा वो पुस्तक तुम भी पहचान सकते हो जियान!

जियान बोला लेकिन मै तो स्वान कबीले में से नही हूं फिर कैसे?

सोवी _ चुप रहा । लेकिन वो जानता था कि सोलमेट होने की वजह से जियान भी पुस्तक छू सकता है!

तब तक वो दोनो गांव के पास आ गए सोवी ने कहा जियान तुम मेरे पीछे रहना हो सकता है गांव में कोई खतरा हो।

जियान _चिढ़ कर बोला मै भी योद्धा हूं और मुझे किसी के पीछे रहने की जरूरत नहीं है।

दोनो गांव में आ गए शाम भी हो चली थी सोवी ने कहा हमें रात यहीं रुकना होगा ।

गांव के पहुंचते ही वहा का माहौल बहुत खुशनुमा था वहा के लोग बहुत ही हसमुख और मिलनसार थे सब तरह की दुकानें और और वस्तु की उपलब्धता उस गांव को सुंदर बना रहे थे।

जियान मुस्कुरा कर बोला मुझे लगता है मुझे यहाँ शराब भी मिल सकती है !

सोवी_ बोला,अभी के लिए चुप रहो और एक लोहे के कारीगर से बोला यहां रुकने की कोई जगह मिल सकती है ।

कारीगर ने जवाब दिया "हा थोड़ी दूर जाकर आपको एक झोपड़ी मिलेगी वो किराए पर रहने की सुविधा देते है ।

सोवी ने कहा "आपका शुक्रिया

कारीगर बोला नए मुसाफिर लगते हो ?

सोवी _हां और वो दोनो आगे चल दिए ।

आधा गांव निकलने के बाद उन्होने देखा की वहा बहुत सारी झोपड़ी है।

जियान ने पास की दुकान में काम कर रही एक लड़की से कहा "सुनिए मोहतरमा

सोवी भी चुप चाप खड़ा था उसे समझ नहीं आया जियान करना क्या चाह रहा है।

वो लडकी जियान की तरफ़ देखने लगी।

जियान ने कहा क्या आप मुझे बता सकती है यहां रहने के लिए कौन सा सराय है हमें आज रात रुकने के लिए जगह चाहिए ।

लड़की_ने कहा आप सामने वाले सराय में चले जाइए

जियान बोला आपका शुक्रिया वैसे आप बहुत मीठा बोलती है जियान आपनी आदत से मजबूर था लड़कियों के साथ वो कुछ ज्यादा ही घुलने लगता था।

लड़की ने कहा शुक्रिया की क्या बात है नए मुसाफिर की मदद करना इस गांव की खासियत है ।

जियान ने सोवी से कहा देखा कितनी प्यारी है। ये क्या जियान ने मुड़ कर देखा तो सोवी सामने वाले सराय में जा चुका था ।

जियान जल्दी जल्दी सराय के अंदर गया।

एक औरत आकर बोली आओ बेटे !

जियान बोला यहां अभी सफेद पोशाक में एक लड़का आया था क्या आप मुझे बता सकती है वो किस कमरे में है ।

औरत बोली वो सीधा जाकर 5 वे कमरे में है अच्छा तुम वही हो जिसके बारे में उसने बताया है।

जियान ने कहा उसने क्या बताया है मेरे बारे में ।

औरत ने कहा_ उसको दो लोगो के लिए कमरा चाहिए था वो बोला एक खुबसूरत सा लड़का आए तो उसे मेरे कमरे में भेज देना औरत ये बोल कर चली गई।

जियान _ गुस्से में कमरे में गया। और सोवी से बोला तुम मेरे बारे में ऐसा क्यू बोलते रहते हो! मै आकर्षक हूं ये बात मुझे भी पता है तुम बोलते हो तो अजीब लगता है,,लड़कियां बोले तो बात अलग है वो फिर हंस दिया।

सोवी कुछ नहीं बोला ओर ध्यान लगा कर बैठ गया।

जियान_ वही बैठ गया और धीरे से बोला ये नियम का कितना पक्का है इसलिए तो सब इसे सोवी गुरु बोलते हैं दिन भर की थकान दी तो जियान वही बैठ बैठे सो गया।

बहुत देर बाद उसकी आंख खुली उसने देखा आधी रात हो चुकी थी सोवी वहा कोने में बैठ कर आंख बंद करके मंत्रो की रचना कर रहा था जियान को भूख लगी थीं बहुत जोर की

वो सोवी से बोला तुमने कुछ खाया क्या? मुझे तो बहुत भूख लगी है और आधी रात हो गई है अब तो कुछ मिलेगा भी नही तुम्हे मुझे उठाना चाहिए था वो जोर से चिल्लाया !सोवी ने आंख खोल कर देखा तो जियान मुंह बना कर बैठा था ।

सोवी फिर भी कुछ नहीं बोला जियान चुपचाप वही बैठ गया तभी जियान की नजर सामने गई ।

जियान ने कहा_अरे ये क्या ये तो भुने अखरोट है ये तो मुझे बहुत पसन्द है जियान समझ गया था कि सोवी उसके लिए अखरोट लेकर आया था । जियान बोला शुक्र है तुमने अकेले पूरा नहीं खाया ।

सोवी_ चुप चाप अभी भी बैठा था

जियान ने पूछा "तुमने खाया या तुम तबसे भूखे हो?

सोवी_अभी भी चुप था उसके चेहरे से अलग सी उदासीनता दिख रही थी।

जियान को अच्छा नहीं लग रहा था सोवी ऐसे चुप था तो वो अखरोट खाते हुए बोला तुम्हे कुछ हुआ है क्या?

आ अ कहीं तुम्हे उस लड़की से प्यार तो नहीं हो गया न ?जियान फिर उसे चिढ़ा कर हंसा।

सोवी_अभी भी चुप होकर उसे देख रहा था।

जियान को समझ आ गया कुछ बात जरूर हुई है जो सोवी उससे शाम से बात नहीं कर रहा था ।

जियान ने कहा_ कुछ हुआ है क्या? तुम शाम से मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे हो ?

सोवी_ बड़ी मुश्किल से बोला जाओ सो जाओ ,कल सुबह आगे सफर के लिए निकलना है। इतना कहकर चुप हो गया।

जियान ने उसे चिढ़ाने के लिए कहा कल जाने से पहले मुझे उस सुंदर लड़की से अलविदा कहना है आखिर उसने मेरी मदद की है।

सोवी_अब गुस्से में बोला तुम्हे समझ नहीं आता है की किसी अजनबी से ऐसे बात नहीं करते है, तुम्हे वो लड़की इतनी अच्छी लगी? वास्तव मे सोवी को बुरा लगा था।

जियान बोला "ओह तो तुम इसलिए मुझसे बात नही कर रहे क्योंकि तुम्हे मुझ से जलन हो रही है कि वो लड़की तुम्हे छोड़कर मुझसे बात कर रही थी।

बोलो बोलो तुम्हे इसलिए इसलिए गुस्सा आया न ?अब मै इतना आकर्षक हूं तो इसमें मै क्या कर सकता हूं ।

सोवी ने कहा _मुझे बुरा इसलिए लगा कि तुमने उससे ही बात क्यों की!

जियान बोला_इसका क्या मतलब हुआ?

सोवी ने कहा चुपचाप सो जाओ।

जियान_हा हा ठीक है चिल्ला क्यो रहे हो।

सोवी _अगली बार ऐसा करोगे तो आगे का सफर मै अकेले तय करूंगा।

जियान_ कुल प्रमुख का आदेश है और ये सब मेरी वजह से हुआ है पुस्तक वापस लेने से पहले मै तुम्हारा साथ नही छोड़ने वाला हूं ।

सोवी _तब तक वही बैठे बैठे सो गया था।

जियान उसे देख रहा था उसने सोचा सोवी सच में अकडू है वो मुझे सफर में अकेले छोड़ कर खुद जोखिम उठाने चला जायगा , जियान ने धीरे से खुद से कहा एक काम करता हूं चुपके से एक अदृश्य आध्यात्म धागा इसके हाथ में बांध देता हूं ताकि ये कही भी रहे मुझे पता चल जाए मुझे ये काम इसके सोते में ही करना है ताकि उसे पता न चले

जियान धीरे धीरे सोवी के आगे बढ़ा!..... सोवी के पास पहुंच कर वह धीरे से बोला अब मै अदृश्य धागा तुमको पहना दुगा, ताकि तुम कभी मुझे अकेला न छोड़ो!

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