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chapter 34

कार नैंसी के घर के सामने आकर रुक गई

मध्य गर्मी मैं सूरज पूरे जोरो पर था..नैंसी के घर के दरवाजा के सामने एक गूलर का पेड़ था जिस पर बैठी चिड़िया चहक रही थी 

अर्जुन ने कार का दरवाजा खोला और नैंसी के घर की तरफ चल दिया जैसे ही वो दरवाजे के पास पहुंचा तो उसने देखा लकड़ी के दरवाजे पर ताला लगा हुआ है

[क्या वो घर पर नहीं है ]

अर्जुन को इंप्रेस करने के लिए  रणवीर जल्दी आगे आया  और लकड़ी के दरवाजे को खटखटाने लगा

" मिस नैंसी.. ब्लैक क्या आप दोनों घर पर है "

किसी ने कोई जवाब नहीं दिया चिड़ियों की चहकने के अलावा आंगन पूरी तरह शांत था

अर्जुन ने अभी भी मुट्ठी भर पैसे हाथ में पकड़ रखे थे जो चुपचाप उसका मजाक उड़ा रहे थे.. उसने कल रात किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की बल्कि किसी और ने उसके साथ जबरदस्ती की है

ना केवल वो उसके साथ सोई है.. लेकिन उसे अपमानित करने के लिए पैसे भी छोड़ कर गई है और वो भी हजार रूपए 

कुछ समय तक दरवाजा खटखटाने के बाद रणबीर को   पसीना आने लगा.. उसका मुंह सूख गया था जब उसने पीछे मुड़कर अर्जुन की मुट्ठी में पैसे देखे तो हैरानी से बोला 

" यह हजार रुपए आपके पास क्यों है मिस्टर मेहरा? "

यह कहकर उसने एक और बार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली

" तुम्हें कल तक का इंतजार करने की जरूरत नहीं है तुम अभी काम छोड़ सकते हो "

अर्जुन अकेला रणवीर को छोड़कर कार मैं बैठकर वहां से चला गया.. रणबीर हैरानी से जाती हुई कार को देखने लगा जब तक वो उसकी नजरों से दूर नहीं चली गई

" अब मैंने क्या कह दिया.. हे भगवान मेरी किस्मत को आज किसकी नजर लग गई है "

 

200 किलोमीटर दूर लवासा सिटी में

शिविन ने अपनी कार एक बड़े आंगन के सामने रोखी और कार से उतरकर पीछे से दो लगेज निकालकर नैंसी की तरफ देख कर बोला

" बॉस आपने कहा था.. आपको अपार्टमेंट में रहना पसंद नहीं है इसलिए मैंने लवासा में सबसे शांत जगह पर आपके लिए घर ख़रीदा है.. यह घर बड़ा है साथ ही कुछ हद तक यह आपके गांव के घर की तरह दिखता है "

नैंसी ने चारों ओर देखा  छत पर ग्रे कलर की ईट और दीवारों पर रेड कलर के टेक्सचर के साथ यह घर पुराने घरों की तरह लग रहा था

" क्या यह घर महंगा है "

शिविन हवा में अपने हाथ लहरा कर बोला

" नहीं बॉस..  यह बिल्कुल भी महंगा नहीं है.. बस 80 लाख का है "

वीर ".."

नैंसी ने सिर हिलाया

" हां.. वास्तव में यह घर महंगा नहीं है "

[ क्या इन दोनों को 80 लाख कम दिख रहे हैं?.. क्या यहां सबसे ज्यादा गरीब में ही हूं?  ]

वीर लवासा सिटी मैं नंबर 1 कार्डियोलॉजिस्ट है चाहे तो बेईमानी से वो भी शिविन जितना अमीर बन सकता है.. पर उसे पैसो से नहीं अपने प्रोफेशन से ज़्यदा प्यार है ओर बड़ी शिददत और ईमानदारी से अपने काम को करना चाहता है 

ब्लैक अपने लगेज के ऊपर बैठ गया उसके चेहरे पर दुख और गुस्सा साफ झलक रहा है 

नैंसी लगेज को घसीट कर अंदर ले जाने ही वाली थी कि अचानक से ब्लैक चिल्लाया 

" मैं नहीं जा रहा हूँ.. मैं नहीं जा रहा हूँ "

नैंसी अपना एक हाथ कमर पर रख कर बोली 

" क्यों? "

" मॉमी.. अचानक से आप गाँव से यहां क्यों भाग आई "

" मैं यहां ज़रूरी काम से आई हूँ.. भाग कर नहीं आई हूँ.. जब काम पुरा हो जायेगा हम वापिस चलेंगे "

ब्लैक अपनी नन्नी ठुड्डी ऊपर उठाकर बोला 

" मुझे आप पर विशवास नहीं है.. क्या आप डैडी से भाग रही है मॉमी? "

वीर और शिविन दोनों लगेज उठाकर आंगन से जल्दी भाग गए.. दोनों मां-बेटे को युद्ध के मैदान में अकेला छोड़कर

नैंसी ने उसके सिर को सहलाया

" में क्यों उससे दूर भागुंगी "

लिटिल ब्लैक चेहरे पर सीरियस एक्सप्रेशन रख कर बोला

" मैं देख सकता हूं डैडी आप में इंटरेस्टेड है.. मॉमी क्या आप डैडी से नफरत करती है?  क्या इसलिए आप नहीं चाहती कि वो आपको तंग करें इसी वजह से आप उनसे  बचने के लिए गांव से यहां सिटी आ गई.. बिना उनसे गुडबाय किये... ओह्ह इसका मतलब यह है अब मेरे डैडी नहीं है.. मुझे पता था जो डैडी मैंने ढूंढे है.. आप उनको भगा देंगी "

नन्ना ब्लैक बोलते - बोलते भावुक हो गया ऐसा लग रहा था कि वो बस रोने ही वाला है

नैंसी ने हल्के से उसके सिर के पीछे मारा

" ऐसी बातें तुम कहा से सीख रहे हो.. तुम्हें वीर से अच्छी बातें  सिखनी चाहिए लेकिन उससे सीखने की वजह तुम पता नहीं कहां से यह बकवास सीख रहे हो?  मैंने तुमसे बोला है..  मुझे यहां जरूरी काम निपटाना है..काम हो जाएगा तो हम अपने घर वापिस चलेंगे.. अब तुम अंदर आ रहे हो या नहीं? "

ब्लैक अपना मुंह दूसरी तरफ मोड़ कर बोला

" मैं अंदर नहीं जा रहा हूं.. मैं यही खड़ा रहकर डैडी का इंतजार करूंगा.. आपको डैडी को यहां बुलाना होगा तभी मैं अंदर जाऊंगा "

नैंसी उसकी तरफ अपनी आंखें घुमा कर बोली 

" तुम्हे जो करना है करो.. मैं अंदर जा रही हूँ "

.......

सूरज पश्चिम कि तरफ ढल रहा है.. घर के अंदर शिविन और वीर घर की सफाई कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नैंसी खाना बना रही है

घर की सफाई करने के बाद शिविन चमकती आंखों से घर के चारों तरफ देखने लगा

" अब घर मैं रहने लायक वातावरण बन गया है.. है ना बॉस "

वीर बोला

" ब्लैक अभी तक अंदर क्यों नहीं आया "

नैंसी ने उदासीनता से जवाब दिया

" उसे बाहर खड़ा होकर अपने डैडी का इंतजार करना है तो उसे बाहर ही इंतजार करने दो "

घर के अंदर से हवा के साथ स्वादिष्ट खाने की खुशबू आ रही थी खाने की खुशबू सूंघ कर ब्लैक का पेट गरगराने लगा 

वो लगेज पर बैठकर भूखे पेट अपनी मॉमी.. अंकल वीर  और अंकल शिविन को आंगन में डाइनिंग टेबल पर भुना हुआ चिकन खाते हुए देख रहा था जिसे देख कर उसके मुंह से लार टपकने लगी

अंत मैं भुना हुआ चिकन डैडी के खिलाफ जीत गया.. ब्लैक ने हार मान ली और लगेज से उतरकर डाइनिंग टेबल पर एक कुर्सी सड़का कर बैठ गया और स्वादिष्ट चिकन मज़े से खाने लगा 

 

 

 

 

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