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क्राइम पार्टनर

जब भी ज्यादा बारिश हो, तबियत खराब , स्कूल से लेट हो गई हो‌,बस छुट गई हो,तो छाया कनिका के घर चली जाती थी।

तो आज भी बारिश की वजह से बस नहीं आने वाली थी। तो छाया आज कनिका के घर पर रूकने वाली थी।तो स्कूल से छुटने के बाद कनिका और छाया बात करते हुए जा रहे थे।

छाया कह रही थी कि तुम्हारे घर जाकर पहले पापा को फोन कर दूंगी । ताकी वो टेंशन ना ले। मुझे होम वर्क भी करना है।कीतना टेंशन है।

कनिका ने कहा अरे! तुम टेंशन मत लो,तुम्हारी मोम ने सुबह ही फोन कर दिया था। अगर ज्यादा बारिश हुई तो छाया को अपने घर पर ही रोक लेना। और होमवर्क पूरा करने की बात है तो नाव्या की होमवर्क बुक है ना ।

छाया और कनिका बात करने चलकर जा रहे थे तभी जोरदार बारिश शुरू हो गई। और वो दोनों एक दुकान की छत के नीचे जाकर अपना छाता निकाला,पर जब छाया नेअपना छाता खोला तो देखा कि छाता टुट गया है।उसे लगा कि सायद अनाया के साथ लड़ाई करते हुए टुट गया होगा, फिर उसने कनिका से पुछा तुम्हारा छाता कहा है?

कनिका ने बड़े ही आराम से जवाब दिया की स स्कूल मे ही रखदीया में ने छाता गया,

इतना सुनकर ही छाया को गुस्सा आ गया कहा कि तुम अपना छाता स्कूल में ही रख दिया , स्कूल को छाते की जरूरत है या तुम्हें। हमें भीगते हुए जाना पड़ेगा।और तुमने स्कूल में छाता क्यों रखा? बचाओ मुझे।

डरते हुए कनिका बोली,अगर छाता भीग जाता तो। हम मेरे रेस्टोरेंट चलते हैं। यही से एक गली छोड़कर ही हैं ।हम भागकर पुहंच जाएंगे।

वो दोनों भागते हुए रेस्टोरेंट पहुंची।वहा अंदर जाते ही कनिका के पापा अरे छाया, कनिका तुम दोनों भीग कैसे गई, पहले अंदर आओ में कनिका की मां को फोन कर के कपड़े मंगवाता हूं।तब तक बेठो में तुम्हारे लिए कुछ नास्ता और चाय भीजवाता हु।

छाया वहां पर बेठे बेठे बारिश को देख रही थी। तभी उसकी नज़र बाजु वाली टेबल पर गई वहां छे-सात औरतें बेठी हुई थी। उनमें से एक उनकी स्कुल टीचर वासुकी मेम भी थी ।वो सब देखकर छाया तुरंत ही मुंह फेर लिया और कनिका से पुछा अरे मेम यहां क्या कर रही है।

कनिका ने कहा मुझे क्या पता? चलो मेरे पापा से पुछते है। ऐसा कहकर वो दोनों कनिका के पापा के पास गई पुछा की ये इतनी सारी औरतें यहां क्या कर रही है?

कनिका के पापा ने कहा ये सारी औरतें बहुत ही अमीर है हर दस पंद्रह दिन में यहां इकठ्ठा होती है।

छाया ने कहा पर वो इकठ्ठा हो कर करती क्या हैं?

कनिका के पापा ने कहा वो मुझे नहीं पता। मुझे तो इतना पता है कि उनके यहां आने से मुझे प्रोफिट होता है।

कनिका और छाया अपनी जगह पर बैठ गए। छाया मन में सोचा की यहां कोई तो खीचडी पक रही है पर क्या ? जरुर कोई ना कोई बड़ी बात है वरना इतनी बारिश में मीटिंग क्यों करती? मुझे पता करना चाहिए ।

फिर वो दोनों उनके टेबल के पास जाकर बैठ गए।और बातें सुन ने लगे।

वहां एक औरत बोली की मीस.वासुकी हमारे बच्चे की रेंक कम नहीं होनी चाहिए। हमारे बच्चों का स्टेटस भी खराब नहीं होना चाहिए।और हम आपको आपके पैसे हरबार की तरह मीलते रहेंगे। लेकिन आप अपनी ड्यूटी अच्छी तरह से निभायेगा। आप को हमारे बच्चों के लिए ही प्रमोट कीया गया है।

इस में छाया को कुछ बातें तो समझ आ रही थी।पर कुछ अभी भी उसे समझ नहीं आ रही थी।इस बात का जवाब उसे कहा से मीलेगा इस सवाल में फंसी हुई थी। तभी कनिका की मां कपड़े लेकर आगई और दोनों ने कपड़े बदलकर नास्ता कीया। छाया की मां ने कहां तुम भीगकर क्यों आऐ तुम्हारे दोनों के छाते कहा है

छाया ने कहा मेरा छाता टुट गया था और कनिका नेअपना छाता बीमार ना पड़े इसलिए स्कूल में रख दिया है ना कनिका। फिर कनिका की मां ने कहा वाह बेटा साबास ! चलो अब कार में बेठो।

रात को कनिका के घर पर डीनर करके छाया और कनिका दो नो उसके कमरे में चले गए। कनिका तो सो कर खराटे ले रही थी।पर छाया को नींद नहीं आ रही थी।वो औरतें कीस बारे में बात कर रही थी। उन्होंने वासुकी मेम को कीस लीए प्रमोट किया? जरुर स्कूल में कुछ तो हो रहा है?इस बात का जवाब मुझे स्टाफ रूम से मिल सकता है।इस लिए छाया ने सोचा कि वो स्टाफ रूम जाकर पता करेंगी।उस समय रात के दस बज रहे थे। हल्की हल्की बारिश हो रही थी। छाया ने कनिका के घर से स्कूल का सबसे छोटा रास्ता लिया और छाया स्कूल के पीछे से दीवार फांद कर घुसी । उसने काली केप और मुंह पर लाल रुमाल बांध रखा था। ताकी कोई उसे देखे भी तो पहचाने नहीं। वो केमरे में आए तो चहरा ना दीखाइ दे।

वो स्कूल में स्टाफ रूम के तरफ बड़ी ही थी कि फायर अलार्म बजा और सामने से कोई भागता हुआ नजर आया। उसने भी काली केप और लाल रुमाल बांध रखा था। छाया उसे देखकर चोक गई। उसने कहा भागो। और वो छाया का हाथ पकड़ कर भागने लगा। तभी सामने से सीक्योरटी गार्ड आते हुए दीखाई दीए।तो वो दोनों उपर छत के तरफ भागे । छाया ने कहा छत का दरवाजा लॉकड है। फिर दुसरी सीढ़ी से नीचे उतरकर ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे वहां सीक्योरटी गार्ड पहले से सीढ़ियों पर हांफते हुआ खड़ा था।उसे देखकर फिर उपर की तरफ भागे।उन दोनों को गार्डस ने घेर लिया था। गार्ड कुछ करे उसके पहले। छाया और वो खीडकी की तरफ भागे और वहां से कुद गए। दोनों ने एक साथ दिवार फांदी और एक गली में छुप गए।वहां एक सीक्युरीटी गार्ड आया पर ठुंठ नहीं पाया।

छाया ने उसे कहा तुम हो कोन हो?एसी सब चीजें तो में करती हु वो भी कीसीको पता चले बिना। छाया ऐसा कहकर छाया ने मुंह पर से रूमाल खींच लिया। देखकर चोक गई कहा कि लक्ष्य तुम ,

लक्ष्य ने कहा हेलो क्राईम पार्टनर !

छाया ने बड़ी ही बेसब्री से पुछा तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम्हें क्या जरूरत पड़ गई ये सब करने की ? तुम्हारी वजह से पकड़ी जाती तो?

लक्ष्य ने कहा चुप कीतना बोलती हो,हम नहीं पकडे जाते, वैसे मुझे नहीं पता था कि तुम यहां मिलोगी।देखो हमारे कपड़े भी सेम है।तो अब तो हम दोस्त है ना?

छाया ने कहा कि नहीं बीलकुल नहीं, तुम और मैं.... छाया ऐसा कह कर वहा से चली गई। लक्ष्य भी चला गया।

अगले दिन स्कूल में सभी स्टूडेंट् को प्लेग्राउंड में बुलाया गया। वहा प्रिंसिपल बहुत गुस्से में था।सबको कल रात हुई घटना के बारे में बता रहा था की कल रात स्टाफ रूम में कीसीने आग लगा दी थी।वो आग लगाने वाले एक नहीं दो है और वो आग लगाने वाले तुम स्टूडेंट में से एक है।तो वो जो कोई भी है वो मेरे ओफिस में आकर गलती स्वीकार कर लेंगे तो में उसे जाने दुंगा।और हमें बाद में पता चला तो हम उसे पुलिस के हवाले कर देंगे। हमने पुलिस को बताया दिया है।

तभी पुलिस वहा आती है।उसे देखकर छाया को बहुत डर लग रहा था। क्योंकि छाया की पायल रात को दोडभाग में गीर गई थी। कहीं वो पुलिस के हाथ लग गई तो, मुझे गीरफ्तार कर लिया तो,ऐसा क्लास में बैठी हुई सोच रही थी। तभी क्लास में लक्ष्य सीधा छाया के पास गया धीरे से कहा क्या क्राइम पार्टनर डर लग रहा है ।

छाया ने कहा तुम जाकर अपनी जगह पर बैठ जाओ। तभी लक्ष्य ने पायल नीकाली और कहा की वैसे पार्टनर ये तुम्हारी है क्या?

छाया ने कहा हां ये मेरी है दो मुझे ।

लक्ष्य ने पायल देते हुए कहा कि तो क्या हम दोस्त हैं। मेने तुम्हे पुलिस से बचाया है अब तो भरोसा करो।

छाया ने सोचा कि अगर ये मेरा दोस्त बनाता है तो में वासूकि मेम के बारे में पता करने में आसानी होगी ‌।ऐसा सोचकर छाया ने लक्ष्य के साथ फ्रेंडशिप करली। लक्ष्य ने कहा तो हम दोस्त हैं।

छाया ने कहा नहीं क्राईम पार्टनर ।

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