ऐ धरती माँ कैसे सेह लेती हो गुस्ताखियाँ
इंसानों ने तो तेरा सीना चीर दिया
मारपीट और बमबारी से बर्बाद कर दिया
पेड़ पौधा, पहाड़ और नदिया नष्ट कर दिया
इंसान खुद इंसान का जीना हराम कर दिया
कैसे सह लेती हो यह तमाम दर्द
जो इंसानों ने तुमको दिया
ऐ धरती माँ कैसे सेह लेती हो गुस्ताखियाँ
इंसानों ने तो तेरा सीना चीर दिया
----Raj