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Poem No 37 तेरा इंतज़ार
तेरा इंतज़ार
मुझे आज भी है
मुझे छोड़ गए
सालों गुजर गए
रह ताकथा हूं मैं
एक झलक के लिए
तेरा इंतज़ार
मुझे आज भी है
----Raj
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