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Poem No 31 इक पल जो हाथ से छूट गया

इक पल जो हाथ से छूट गया

बस छूट गया, वो लौट कर नही आता

मानो सारा जहाँ छूट गया

जो लौट कर नही आता

बिते पल और बिते वक़्त

कभी लौट कर नाही आता

इक पल जो हाथ से छूट गया

बस छूट गया, वो लौट कर नही आता

----Raj

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