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Poem No 17 तेरी यादों के सहारे

तेरी यादों के सहारे

जी रहे हैं हम

तुम जो बिछड़ गये हो

कुछ यादें छोड़ गये हो

वो हसीन पल जो हम बितायें

अब हम उसके सहारे जी रहे हैं

तेरी यादों के सहारे

जी रहे हैं हम

----Raj

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