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तुम सच में मुस्कुरा रहे हो

Editor: Providentia Translations

लॉन्ग सिजु खुद को मुस्कुराने से रोक नहीं सका। इसी बीच , चुपके से देखते हुए पकड़े जाने के बाद , सु कियानक्सुन के चेहरे पर एक उदासी भरे भाव थे। लॉन्ग सिजु को इस सब पर बहुत प्यार आया। 

मैने इसके बारे सुना है , लेकिन मुझे पूरी तरह से क्या हुआ है उसके बारे में पता नहीं। क्या कोई मुसीबत है ?" लैन किंगचेंग ने ऐसा दिखाया जैसे उसे कुछ पता नहीं था। 

मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा वो भाई उस आदमी के खिलाफ मुकदमा चलाए| " 

लॉन्ग सिजु ने सीधे अपने इरादे को सामने रखा। उसके लिए इस मामले को सुलझाने के लिए लैन किंगचेंग को बुलाना कोई जरूरी नहीं था ,लेकिन यह काफी नाजुक समय था , ऐसा करना बेहद ही सुरक्षित होगा। 

"इसके बारे में.. " 

" अगर यह मुश्किल है तो रहने दो। " लॉन्ग सिजु ने गुस्से में कहा और फोन रखने ही वाला था। 

"एक मिनट रुको ... मैने ऐसा नहीं कहा कि मैं आपकी मदद नहीं करूंगी , लेकिन एक बार काम ख़तम होने के बाद आपको मेरा धन्यवाद् करना होगा। " लैन किंगचेंग ने निवेदन किया। 

 "बिल्कुल ! लेकिन मैं कभी भी इस व्यक्ति को परेशान होता नहीं देखना चाहता । " 

जब लॉन्ग सिजु ने देखा कि युवती ने अपनी जांच करवा ली थी , उसने जल्दी से फ़ोन रखा और परिक्षण कमरे में प्रवेश किया। लॉन्ग ने शांति से पूछा ," कैसा था ?" 

यह वैसा ही था जैसे डॉक्टर ज़ि फैन ने कहा था। जब तक यह पानी के संपर्क के नहीं आता तो यह घाव थोड़े दिन में भर जायेगा। " सु कियानक्सुन ने उसको देखने के लिए अपने सर को उठाया। 

केवल तब लॉन्ग सिजु सु कियानक्सुन को खींचता हुआ परिक्षण के कमरे से बाहर आया। वापिसी के रस्ते में , युवती ने अपने घर वापिस जा कर अपने छोटे भाई से मिलने के लिए पूछा , लेकिन लॉन्ग सिजु ने दृढ़ता से उसके अनुरोध को ठुकरा दिया।

सु कियानक्सुन अब केवल फ़ोन करके अपने छोटे भाई के हाल के बारे में पूछ सकती थी। आंटी झांग ने कहा कि सु जीए बेहद डरा हुआ है और वो इस वक़्त कंबल के नीचे छुपा हुआ है और बिना रुके कांप रहा है। 

"मैं घर जाना चाहती हूँ !" सु कियानक्सुन ने फैसला ले लिया था। यह पहली बार नहीं था जब उसे लॉन्ग सिजु को आनंद देना था। 

लॉन्ग सिजु के होठो के कोने मुड़ गए। वो बहुत खुश था। 

जब युवती ने देखा ,उसने कहा , बल्कि हैरान हो कर कहा ," आप वाकई में मुस्कुरा रहे है। " 

लॉन्ग सिजु की मुस्कान फीकी पड़ गई जब उसने यह सुना। तुम्हे गलती हुई है !" 

लॉन्ग ने युवती को अपनी बगल वाली सीट पर बिठाया और फ़ोन करना जारी रखा। 

सु कियानक्सुन चुपचाप बैठी रही। 

वो अपने बगल में बैठे आदमी को देखने से खुद को रोक नहीं सकी। उसे सोचा कि अब इस आदमी को क्या हो गया है इससे पहले ऐसा क्या था जिसके कारण वो मुस्कराता नहीं था। 

…..

तांग जुई को हस्पताल अच्छा नहीं लगा था , खासकर अस्पताल के बिस्तर पर लेटे रहना। इसने उन्हें उनकी दिवंगत मां की याद दिला दी, जिन्हें मरने के बाद भी इस तरह अस्पताल के बिस्तर पर रखा गया था।

इसलिए, उन्होंने अस्पताल छोड़ने के लिए समय का लाभ उठाया जब सी मंचेंग वार्ड में नहीं था। 

जब वो घर पंहुचा और जैसे ही अपार्टमेंट के अंदर तांग जुई ने कदम रखा उसने पूरे अपार्टमेंट पर नज़र घुमाई, लेकिन उसे गु मियां दिखाई नहीं दी। लिविंग रूम में जाते हुए उसने अपने सीने पर हाथ रख कर अपनी छाती को दबाया। जैसे ही वो सोफे पर बैठा , उसने ध्यान दिया कि कॉफ़ी के मेज़ पर तलाक के कागज़ पड़े थे। 

तांग जुई ने तलाक के कागज़ उठाते हुए जोर की सांस अंदर खींची और उस पर नज़र डाली। जब उसने देखा कि गु मियां ने पहले ही उस पर हस्ताक्षर कर दिए है , उसने सीधे ही उन कागज़ों के दो टुकड़े कर दिए !

सु कियानक्सुन को काफी चिंता होने लगी। वो एक पल के लिए हिचकिचाई और फिर उसने लॉन्ग सिजु की गोदी में कुड़के जाने की पहल की। 

लॉन्ग सिजु जो फ़ोन पर बात कर रहा था, उसने युवती को देखा। सु कियानक्सुन ने तुरंत ही ललचाने वाली मुस्कान दी " आह जुऐ , कृपा मुझे छोटे भाई से मिलने के लिए घर जाने दो। मैं वादा करती हूँ कि मैं दस मिनट में मिल के आ जाउंगी। " 

लॉन्ग सिजु की आँखे वासना से गहरी हो गई। जैसे ही युवती अपनी बात कहने के लिए अपने हाथ को आगे बढ़ाया , वो बेहद ही प्यारी लगी। " मैं तुम्हे घर जाने दे सकता हूँ... लेकिन एक शर्त पर। " 

युवती ने तुरंत ही सर हिला दिया। वह अभी कुछ भी करने के लिए सहमत होगी ताकि वह अपने छोटे भाई से मिल सके!

मुझे आनंद देने के लिए पहल करो … "लॉन्ग सिजु ने आगे बढ़ कर युवती ने गुलाबी होंठों पर अपनी ऊगली को रखा। उसके पेट के नीचे वाली जगह पहले से सूज गई थी। 

सु कियानक्सुन का चेहरा तुरंत ही लाल हो गया। उसने अपने नीचे के होठ को कांटा ,"मुझे...मुझे पता नहीं कैसे। " 

तुम सीख सकती हो कि कैसे करना है। खैर यह अब तुम पे है कि तुम घर जाना चाहती हो के नहीं ," लॉन्ग सीजु ने कहा। 

सु कियानक्सुन चुप हो गई। 

" जिन ….वापिस जाओ.. .. "

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