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टैंग मोर, तुम करना क्या चाहती हो?

Editor: Providentia Translations

"मैं ठीक हूंँ। मैं खुद दवाई लगा लूँगी।" टैंग मोर ने दोहराते हुए उसके हाथों से दवाई छीनने की कोशिश की।

हालाकि, अगले ही पल, उसका छोटा चेहरा उस आदमी की हथेलियों के बीच में प्यार से दबा दिया गया। उसकी आँखें चमकदार और रौबीली थीं और वह उस पर से अपनी नज़रें नहीं हटा पायी, "तुमने कोई अंडरगारमेंट नहीं पहना है, है ना?"

क्या बकवास है, उसे कैसे पता चला?

टैंग मोर का चेहरा शर्मिंदगी से लाल हो गया और वो उससे नज़र बचाने लगी। उसने दूर करने के लिए हाथ हिलाया। "नहीं…"

इस समय उस आदमी ने अपनी पोशाक को उठाने के लिए अपनी पतली उंगली को बाहर निकाला।

!!!

बस इतना ही…

"तुम क्या कर रहे हो! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई!" वह गुर्राई और उसके विश्वासघाती हाथों को पकड़ लिया।

गू मोहन ने एक गहरी साँस ली और उसकी गहरी करिश्माई आवाज़ कर्कश हो गई। "ऐसा क्यों है कि तुमने अंडरगारमेंट्स पहनने की ज़रूरत नहीं समझी, हम्म?"

टैंग मोर का छोटा चेहरा फिर से लाल हो गया और वह अपनी खोज टकटकी से बचने के लिए नीचे की ओर देखने लगी। उसकी पलकें कोमल तितली के पंखों की तरह फड़फड़ाने लगीं और उसकी आँखों में हिलने की हिम्मत नहीं थी। "मेरे कपड़े सभी गीले हैं, मेरे पास पहनने के लिए कुछ भी नहीं है ..."

"ओह! क्या संयोग है। तुम एक आदमी के बेडरूम में भाग में जाती हो, उसके बाथरूम में शॉवर लेती हो और नीचे बिना कुछ पहने उसकी शर्ट पहन लेती हो। टैंग मो'र, तुम क्या करने की कोशिश कर रही हो?"

उसके शब्दों से ऐसा लग रहा था कि जैसे वह जानबूझकर उसे बहका रही थी।

टैंग मोर को थोड़ा गुस्सा आ गया था। पर, उसने इसे सरल-सहज और निर्दोष अभिनय करने का मौका लिया। "मिस्टर गू, आप सही कह रहे हैं, मैं आपको लुभा रही हूंँ।"

वास्तव में, वह उसे चुनौती देना चाहती थी। आमतौर पर, वह हमेशा भावहीन और सर्वशक्तिमान की तरह पेश आता था, जैसे कुछ भी उसे हिला नहीं सकता। उस रात जब वह नशे में थी और उसने खुद को उसके पास ले जाने की कोशिश की, तो उसने बर्फीले ठंडे पानी की एक बाल्टी से उसे भिगो दिया। उसे बेहद शर्मिंदगी महसूस हुई और उसके स्वाभिमान को एक चोंट का सामना करना पड़ा था।

एक महिला के रूप में, यह जानना चाहती थी कि क्या उसकी उसमें कोई रुचि भी थी या नहीं।

गु मोहन हल्के से हँसा। भारी आवाज़ में, उसने चंचलता से पूछा, "तुम मुझे कैसे आकर्षित करने की योजना बना रही हो, हम्म?"

टैंग मोर एक रिश्ते के शारीरिक पहलुओं के लिए बिल्कुल नई थी। हालाकि, सू ज़ेह और उसने युवावस्था से ही दोस्ती कर ली थी, लेकिन इतने समय में ऐसा थोड़ी ही बार हुआ था जब इस जोड़े ने हाथ पकड़ा हो। उनका रिश्ता जिस तरह से आगे बढ़ा उसमें कभी शारीरिक संबंध बनाने की नौबत नहीं आई, और वह इस अंतरंग व्यक्ति के साथ कभी नहीं हुई थी।

हालाकि, वह जानती थी कि यह एक खेल की तरह था, जो भी अधिक साहसी होगा वह आखिर में विजेता होगा। वापस मुड़ने की इसमें कोई ज़रूरत नहीं थी।

टैंग मोर ने अपने गोरे हाथों को फैलाया और धीरे-धीरे आदमी के चेहरे की ओर बढ़ गया। यह आदमी शब्दों में बयान किए जाने से कहीं ज़्यादा हसीन था। अपनी नाजुक उंगलियों को उसके सुंदर नैन-नक्श पर घुमाते हुए के नीचे ले जाते हुए, वो हल्के से दक्षिण की ओर नृत्य करने लगी, उसके एडम ऐपल पर पहुँच गई, उसके मजबूत धड़ की ओर बढ़ते हुए वो उसकी शानदार ब्लैक बेल्ट पर जा कर रुक गयी…

उसने उसकी बेल्ट को पकड़ने से पहले उसे एक सुंदर और भोली मुस्कान दी।

उसकी कोमल उंगलियों के स्पर्श पर, गू मोहन ने अपना गला साफ किया, उसकी अंदर उसकी इच्छायेँ विस्फोट करने ही वाली थीं, जैसे ही उसने उसके स्पर्श को महसूस किया।

अपने हाथों को बढ़ाते हुए, उसने उसके कंधों को नीचे किया और उसे आलीशान बिस्तर पर लिटा दिया।

उसकी आँखों के आगे एकदम से अंधकार छाने लगा क्योंकि आदमी का मांसल शरीर उसके ऊपर चढ़ गया था।

टैंग मोर को कुछ सख़्त और गरम उसके ऊपरी थाई पर महसूस हुआ। होंठ भींचते हुए, वह इतनी स्मार्ट थी कि वह समझ सके कि यह क्या था।

उसने पलकें झपकीं और एक भौंह उठा ली। किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो एक वफादार और ईमानदार व्यक्ति की तरह लग रहा था, कौन जानता था कि वह इतनी जल्दी प्रतिक्रिया दिखाएगा?

"मिस्टर गू, आप काफी सख़्त हैं।"

गू मोहन ने उसकी पतली कमर को पकड़ रखा था। "तुम बहुत नख़रेबाज़ हो। अगर मैं कुछ प्रतिकृया दिखा कर प्रशंसा नहीं दिखाऊँगा तो क्या तुमको निराशा नहीं होगी?"

क्या? नख़रेबाज़?

जब से टैंग मोर ने फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया था, उसे अंतहीन तारीफ मिली थी। फिर भी, यह पहली बार था जब किसी ने उसे नख़रेबाज़ बुलाया था।

नख़रेबाज़। इसका इतना नकारात्मक अर्थ था। क्यों कि टैंग मोर एक सुसंस्कृत महिला थी, इस तरह के एक अश्लील शब्द ने उसे नाराज कर दिया।

"मिस्टर गू, मैं किस तरह से नख़रेबाज़ हूंँ?"

उसके सवाल को नजरअंदाज करते हुए, गू मोहन ने कोई जवाब नहीं दिया। उसे सिगरेट की जरूरत थी। हालाकि उसे अक्सर ऐसी आवश्यकता नहीं होती थी, लेकिन उसके भीतर झुलसा देने वाली गर्म इच्छा के कारण उसके अंदर उठने वाली भावनाओं को दबाने के लिए जो उसने उसके अंदर जला दी थी उसे थोड़ी निकोटीन की ज़रूरत थी।

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