webnovel

चौंकी हुई सु नान

Editor: Providentia Translations

म्यु युकेन ने बिना आवाज़ निकाले दबी हँसी ली,उसने शियाए को चिढ़ने दिया और चुप बैठा रहा और फिर धीरे से कहा, "ठीक है, मैं वास्तव में इसे कोई बड़ी बात नहीं समझता | तुम एक विद्रोही के साथ मिल गयी हो और यह एक अपराध है, वे राक्षस नहीं हैं, चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।"

जैसा कि यूकेन ने यह कहा, उसने अपनी आँखें फेरी और कुछ बोलने से पहले अपने हाथ के पन्ने को देखते हुए नीचे देखा, "दादाजी और दादी काफी प्यारे हैंं ,वे तुम्हें परेशान नहीं करेंगे। पिता भी मिलनसार और कोमल हैं, इसलिए उनके साथ संवाद करना बहुत कठिन नहीं है। माँ थोड़ी गंभीर और उदासीन दिखती हैं, और वह ज्यादा बात भी नहीं करती है, लेकिन असल में वह दिल से दयालु हैं और उनसे बात करना मुश्किल नहीं है| यदि तुम्हें लगता है कि बाकी लोगों के साथ संवाद करना कठिन है, तो तुम उन्हें अनदेखा कर सकती हो| तुम्हें बस इन कुछ लोगों को याद रखना है, बाकी की परवाह करने की ज़रूरत नहीं है।

"भले ही ऐसा लगता है कि म्यू परिवार बाहर से काफी विशाल है, पर इन कुछ वर्षों में, रिश्ते काफी हद तक फीके पड़ गए हैं। तुम्हें बहुत अधिक दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है। समय आने पर मैं बाकी सब बता दूँगा। मैं तब बता दूँगा कि तुम्हें किस चीज़ पर ध्यान देने की आवश्यकता है? मेरे साथ होने से, तुम्हें चिंतित होने की क्या आवश्यकता है?"

अगर यूकेन यह सब नहीं बताता, तो शी शियाए वास्तव में म्यू परिवार के बारे में कुछ भी नहीं जानती| उसने कभी ऐसी बातों पर ध्यान दिया ही नहीं|

शियाए ने इसके बारे में सोचते हुए सिर हिलाया और अपने सवाल बंद कर दिए। "तुम्हें सबके लिए उपहार खुद तैयार करना पड़ेगा, मुझे नहीं मालूम है कि उनको क्या पसंद है|" 

"हम्म," म्यू यूकेन ने जवाब दिया।

शी शियाए ने फिर कंबल उठाया और धीरे से बिस्तर पर आ गयी, उसकी तरफ सिर रखकर लेट गयी| 

म्यू यूकेन की नज़र शांत थी क्योंकि उसने देखा कि शियाए उसकी तरफ पीठ करते हुए लेट गयी है, इस विशाल बिस्तर पर आसानी से पाँच-छह लोग फिट हो सकते हैं, वह किनारे पर लेट गई, जबकि उसने दसवें हिस्से से भी कम जगह ली| यूकेन की मूक और गहरी आँखें थोड़ी झपकी, फिर उसने धीरे से कहा, "क्या तुम डर रही हो?"

जब शियाए ने यूकेन की बात सुनी तो उसका शरीर किसी कारण से चौंक गया और वह तुरंत कठोर हो गई। म्यू यूकेन देख सकते थे की शियाए की उंगिलयों ने कंबल को कसकर पकड़ लिया था,और कमज़ोर सी पड़ गयी थी|

"ना नहीं ..." शी शियाए की स्पष्ट आवाज आई|

हालाकि, जैसे ही शियाए ने कहा, तभी उसने सरसराहट को सुना जैसे किसी ने कंबल हटाया हो, और इससे पहले कि वह प्रतिक्रिया दे पाती, एक विशाल हाथ ने उसकी कमर पकड़ ली और उसे खींच लिया। उसने बड़े ही नाजुक तरीके से उसके कंधे की चोंट को बचाते हुए, उसे पकड़ा|

ना चाहते हुए उसे बेचैनी होने लगी, बेहोशी की गर्माहट उसके पीछे आते ही उसे कठोर बना दिया और उसने हिम्मत नहीं की हिलने की| उसकी नाक के पास आने वाली शांत और सुरुचिपूर्ण खुशबू ने उसे एक अचंभे में डाल दिया।

"चिंता मत करो। मैं तुम्हारी चोंट को नज़रअंदाज़ नहीं करूँगा| मैं तुम्हें समय देता हूँ, लेकिन मुझे उम्मीद है कि यह बहुत लंबा नहीं होगा।" उसकी गहरी आवाज़ में एक गहराई और कुछ समझदारी थी, जब शियाए ने किसी कारणवश यह सुना तो उसका दिल गर्मास से भर गया| 

वह एक पल के लिए चुप हो गई, फिर कुछ देर बाद उसने अपना सिर थोड़ा घुमाया, यूकेन की गहरी आँखों में देखने लगी| कुछ सोचते हुए हल्के से साँस ली , फिर उसने धीरे से जवाब दिया, "मुझे पता है। धन्यवाद।"

"मैं यह शब्द अब नहीं सुनना चाहता, ठीक है? अब देर हो चुकी है। सो जाओ।" यूकेन ने उसकी कमर को हल्का-सा छोड़ते हुए कहा|

जब वह और आगे नहीं बढ़ा, शी शियाए थोड़ी सामान्य हुई,| उसकी छाती से अस्पष्ट गर्मी उसकी पीठ को होते हुए गुजर रही थी, हवा में यूकेन का हसीन और शीतल ऑरा छा गया था, और उसकी साँस लेने की आवाज़ वह सुन पा रही थी|

शियाए ने अवचेतन रूप से अपनी आँखें खोलीं और यूकेन को देखने के लिए मुड़ गयी, यह महसूस करते हुए कि यूकेन की आँखें पहले से ही बंद हो गयीं थीं। उसकी लंबी पलकें, गर्दन और सुंदर चेहरा जो दीवार के लेंप की मंद रोशनी में बहुत अलग लग रहा था| 

वह अचानक मुस्कुराया और उसकी नज़र उस पर से हटाई| एकदम से उसे सुकून महसूस हुआ और अभूतपूर्व गर्मजोशी से वह भर गयी| थोड़ी देर बाद, वह फिर सो गई ...

अगले दिन जब वह सोकर उठी, तो उसके बगल का आदमी उसकी नज़र के सामने नहीं था| शी शियाए नहा-धोकर नीचे गयी और नीचे जाने के बाद, उसे एहसास हुआ कि पूरा विला खाली था, लेकिन डाइनिंग टेबल पर नाश्ता तैयार था।

शी शियाए बैठ गयी और कुछ दलिया खाने पर ही सू नान का फोन आ गया, फिर शियाए को याद आया कि उसने कल रात को सु नान से मिलने की योजना बनाई थी।

"शियाए, मैं पहले से ही बम्बू टी हाउस में पहुँच चुकी हूँ। तुम कब तक पहुँच रही हो? मुझे यह मत कहना कि तुम अब तक सोकर उठी नहीं या कहीं और भाग गई हो| इससे पहले, मैंने तुम्हारे अपार्टमेंट में जाकर लंबे समय तक डोरबेल बजाई थी। किसी ने जवाब नहीं दिया था !"

सु नान की बेचैनी से भारी हुई आवाज आयी, शी शियाए ने फिर चम्मच को अपने हाथ में से नीचे रख दिया।

"पहले कुछ खाने का आर्डर दे दो। मैं जल्दी आ रही हूँ।"

फिर, उसने पानी का गिलास लिया और कुछ घूँट पिए, उसके पास टेबल साफ करने का भी वक़्त नहीं था, वह सीधे कार की चाबी लेने के लिए ड्रॉर के पास गई और बाहर निकली गयी|

जब तक वह बैम्बू टी हाउस पहुँची, तब तक लगभग एक घंटा बीत चुका था। सु नान जो निजी कमरे में इंतजार कर रही थी, पहले से ही बहुत बैचेन थी| जब शियाए ने सु नान का चेहरा गुस्से से किंतु चिंतित देखा, तो शी शियाए ने उसकी चाय परोस दी, उसकी खूबसूरत आँखों में चमक आ गयी "मुझे माफ़ कर दो, तुम्हें मेरे लिए बहुत चिंता हो रही होगी सु नान। मैं ठीक हूंँ, मैं पिछले कुछ दिनों से काफ़ी अच्छी तरह से जी रही हूंँ।"

"तुम पिछले कुछ दिनों कहांँ चली गयीं थीं? मैंने तुम्हारे अपार्टमेंट में भी देखा, वहाँ भी नहीं थी और ना ही तुम्हारी कंपनी में। मैंने वह सब सुना जो उस रात भोज में हुआ था| उनको शरम आनी चाहिए सगाई करते हुए भी। क्या तुम्हारा दिल इतना टूट गया था की तुम निराश होकर कहीं छिप गयीं थीं या अकेले परेशान हो रहीं थीं ? "

सु नान ने शी शियाए को देखा और सोचा उसने जितना सोचा था उतनी मजबूत नहीं है शियाए, उसने कहा, "शी शियाए, ईमानदारी से बात कहूँ, मैं वास्तव में तुम्हें बर्दाश्त नहीं कर सकती, तुम बहुत जिद्दी हो। अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश मत करो! शी शिशिई, वह दो टके की औरत जो कि दिखावा करती रहती है निर्दोष होने का, उसे ऐसा लगता है उसके पास जाकर उसको चीर दूँ| उसकी हिम्मत कैसे हुई बेशर्म मुझे सगाई का निमंत्रण भेजती है? क्या बतमीज़ी है? उसने भी दयनीय रूप से कहा कि वह चाहती है कि तुम बेहतर तरीके से रहो, और वह तुम्हारे लिए हान यिफेंग को लौटाना चाहती है ,वह कुतिया! अब, हान यिफेंग से सगाई कर रही है ?! तुम्हें शायद मालूम नहीं लेकिन जब मैं आ रही थी तो मैंने उनको सगाई के जोड़े खरीदते हुए देखा ... मैं बहुत नाराज हूंँ। .. "

जब शियाए ने सु नान को गुस्से में देखा और बोलते हुए उसका गुस्सा बढ़ रहा था, शी शियाए जो शांति से उसके गुस्से को सुन रही थी अचानक से बोल पड़ी, "सु नान, मैं शादीशुदा हूंँ।"

"क्या? तुम्हारा क्या मतलब है 'शादीशुदा?"

शी शियाए द्वारा उसे रोकते हुए, सु नान ने शियाए को नाखुश होते हुए देखा, हालाकि ,शी शियाए उसकी चाय पी रही थी, और उसके दिमाग को एकदम से समझने लगी और अचानक उसे एहसास हुआ कि शियाए नेअभी क्या कहा है!

"शी शियाए, तुमने अभी क्या कहा? तुम विवाहित हो ? क्या तुमने कहा कि तुम शादीशुदा हो ?"

सू नान ने अपनी आँखें चौड़ी कीं और शी शियाए को देखकर वह दंग रह गयी|

Siguiente capítulo