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सॉरी, मैं भूल गयी थी कि आपको बीमारी है

Editor: Providentia Translations

लिन चे का दिमाग उस पल खाली हो गया। जैसे ही वह हेलीकॉप्टर में बैठी, उसकी आँखें बड़ी हो गयीं,और उसने अपने सिर को झटके से हिलाया।

लिन चे ने जब उस बड़ी सी मशीन को देखा,तो वह पूछे बिना रह नहीं सकी "हम इस तरह से अस्पताल क्यों जा रहे हैं?"

उसके बगल में बैठे गु जिंग्ज़ ने कहा,"क्यूंकि वह बहुत दूर है। और यह तेज़ चलता है।"

लिन चे ने उसकी ओर देखा।"वास्तव में, मेरी चोट को तत्काल इलाज की आवश्यकता नहीं थी।"

गु जिंगज़ ने उसे बिल्कुल शांत भाव से देखा। "लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि मेरे पास कल सुबह करने के लिए और काम भी हैं। अगर हम वहां कार से जाते हैं, तो हमें एक घंटा आने में और एक घण्टा जाने में लगेगा । जब तक हम घर पहुंचेंगे, तब तक शायद सुबह हो चुकी होगी ।"

"हम्म्म्म ..."

"हेलीकॉप्टर लगभग दस मिनट में वहां पहुंच जाएगा, इसलिए तैयार रहो।"

"ठीक है ..." लिन चे ने गु जिंग्ज को देखा। उसने मन में सोचा, शायद अमीर लोग इसी तरह से चीजों से निपटते होंगे । उसे भी इसकी आदत डालनी पड़ेगी ...!

जैसा कि पहले से अनुमान था, वे लगभग दस मिनट बाद अस्पताल की छत पर उतरे।

गु जिंग्ज ने उसे आगे बढ़ने से मना कर दिया और खुद उसे उठाकर नीचे ले गया।

वो पूरे रास्ते उसे गोद में उठाकर चला।

जब डॉक्टर उसकी जांच कर रहे थे, लिन चे ने अपने आप को दोषी महसूस किया। डॉक्टर ने पुछा , "आप किस तरह का दर्द महसूस कर रही हैं?"

"मुझे बहुत बुरी तरह से दर्द हो रहा है।"उसने गु जिंग्ज को देखने की हिम्मत नहीं की जो की उसके बगल में ही खड़ा था। वह उससे नज़रें नहीं मिलना चाहती थी।

उसकी अच्छी तरह से जांच करने के बाद डॉक्टर ने कहा,"मैडम गु, आपके घाव में ना तो सूजन है और ना ही कोई अन्य लक्षण हैं, इसलिए हो सकता है कि यह दर्द आपका वहम हो। आप तनाव में मत रहिये और अन्य चीजों के बारे में सोचें। शायद,इससे आपको दर्द महसूस नहीं होगा।

डॉक्टर के पास कोई और इलाज नहीं था; वह केवल इस तरह की राय दे सकता था।

लिन चे ने अपना सिर जोर से हिलाया।"तो इसीलिए दर्द होता है।"

क्यूंकि गु जिंग्ज उसे साइड से देख रहा था, लिन चे ने खिसयायी हुई मुस्कान दी। गु जिंग्ज ने उसे देखने से पहले अपनी गहरी आँखें दूसरी तरफ घुमाईं।

फिर उसने डॉक्टर से कहा,"फिर भी सुरक्षा के लिए,, हम अभी भी एक रात के लिए यहां रुकेंगे।"

लिन चे केवल हामी भर सकती थी।

कमरा पहले की तरह ही आई सी यू जैसा था। गु जिंग्ज़ ने प्रवेश द्वार पर सभी व्यवस्था कर दी थी ।

लिन चे खुद को दोषी मान रही थी। उसने गु जिंग्ज को अपने पतले से होंठों को कसकर दबाते हुए देखा। वह एकदम भावशून्य था ।और उससे बात करना बहुत मुश्किल था।

उसे देखकर लिन चे का दिल तेजी से धड़कने लगा।

लिन चे ने जब उसे उसकी तरफ पलटते हुए देखा, तो उसने तुरंत एक बड़ी सी मुस्कान दे दी।"आपको यहाँ बहुत मुश्किल हो रही होगी । इसलिए जल्दी सो जाइए।"गु जिंग्ज़ ने बैठने से पहले उस पर नज़र डाली।

लिन चे ने जल्दबाजी में कहा, "गु जिंग्ज, यहां आओ। मैं तुमसे बात करना चाहती हूं।"

गु जिंग्ज़ ने गहरी सांस ली और वहाँ से नहीं उठा।

लिन चे ने अपने मन में कुछ सोचा और सीधे बिस्तर से उतर गयी ।

पर जैसे ही वह नीचे उतरी और उसकी एड़ियां ज़मीन से टकरायीं, तो उसकी जांघ खिंच गई और उसे चोट में तकलीफ हुयी ।

उसने अपनी जांघ को पकड़ा और वह गिरने ही वाली थी ।

गु जिंग्ज की आंखों के आगे अंधेरा छा गया। बाकी सब चीजों को एक तरफ रखते हुए, वह जल्दी से आगे बढ़ गया। उसने अपनी बाहों को उसके कन्धों के नीचे फैलाया और उसे उठा लिया।

"लिन चे,तुम बिना किसी कारण लापरवाही से क्यों उठी?" गु जिंग्ज़ गुस्से में था। वह उसकी हरकतों से बहुत डर गया और उसे लगा मानो उसका कलेजा जैसे उसके मुँह तक आ गया हो ।

लिन चे को अब वास्तव में दर्द हो रहा था। उसकी भौंहे सिकुड़ गई थीं और जब रौशनी उस पर पड़ी तो उसका छोटा सा चेहरा और सिकुड़ गया।

गु जिंगज़ ने उसे पकड़ लिया और उसे आराम से लिटा दिया। जब उसने अपना सिर घुमाया, तो उसके होंठ लिन चे के कानों से रगड़ रहे थे।

उसके कोमल और नरम कान पर कुछ बहुत बारीक और महीन बाल थे। रौशनी पड़ने से वो महीन बाल चमक रहे थे और वह गु जिंग्ज़ को बहुत प्यारे लग रहे थे।

पर अचानक से उसे कुछ याद आया और वह एकदम से पीछे हट गया। वह उस ख़राब महिला से दूर जाना चाहता था।

लेकिन जैसे ही वह उससे दूर जाने वाला था, लिन चे ने दोनों हाथों से उसकी बांह खींच ली। "गु जिंग्ज़, पागल मत बनो," उसने धीरे से कहा। उसने गु जिंग्ज़ को एक स्पष्ट निगाह के साथ देखा,उसकी नज़रों से वह कहना चाह रही थी कि उसे उसके साथ की ज़रूरत है ।

लेकिन गु जिंग्ज की निगाहें उसके कान पर टिकी हुई थीं। उसके गोल, चिकने और छोटे कान को देखकर,गु जिंग्ज़ को उसे चूसने का पागलपन सवार हो रहा था।

क्या उसकी बीमारी फिर से उलटी दिशा में विकसित होना शुरू हो गई थी?

उसके छोटे से कान को देखकर उसका पूरा शरीर क्यों गरम हो गया?

उसने उसके हाथ को अभी भी अपनी बांह पर महसूस किया। जिन स्थानों पर उसने स्पर्श किया था, वे और भी अधिक गर्म हो गए, जिससे वह इतना उत्तेजित हो गया कि वह उससे दूर होना चाहता था।

"मुझे जाने दो, लिन चे।" उसके भाव और भी गहरे होने लगे । यह देखकर लिन चे अधिक चिंतित हो गयी।

"नाराज़ मत हो, गु जिंग्ज़...हब्बी, नाराज़ मत हो। जब एक शादीशुदा जोड़ा लड़ता है, तो क्या उसे अंततः सुलह नहीं करनी चाहिए। अब और नाराज़ मत हो।" लिन चे ने वास्तव में सभी उपाय कर लिए थे क्योंकि वह इस कठोर आदमी का दिल थोड़ा पिघलना चाहती थी ।

हालाँकि, गु जिंग्ज़ के हाव भाव में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ । बस,उसके चेहरे पर जो उदासी थी वह अब गुस्से की लाली में बदल गई। ऐसा लग रहा था जैसे वह बेहद गुस्से में था और इसने लिन चे को इतना डरा दिया कि उसकी आवाज थोड़ी धीमी हो गई। "हब्बी ... हब्बी, गुस्सा मत हो। मेरी हालत इतनी दयनीय है कि मैं बिस्तर से नीचे तक नहीं उतर सकती..."

उसने गु जिंग्ज़ की एक बाँह अपने दोनों हाथों से पकड़ ली, और उसकी तरफ एक छोटे से बच्चे की तरह देखा, और जब वह उसकी बांह को अपने हाथों से हिला रही थी तो वह बहुत ही दयनीय लग रही थी।

गु जिंग्ज़ ने जब उसकी कोमल आवाज़ बार-बार सुनी, तो उसने अपने हाथ को देखा जिसे वह हिला रही थी। यदि इस समय वह अपने हाथों को पीछे करके उसे सीधे बिस्तर पर धकेल देता, तो वह वास्तव में उसके नीचे आ जाती।

उसने अपने सीने में उठ रही आग को शांत करने की कोशिश की। लेकिन यह पागल औरत...क्या वह थोड़ी देर के लिए भी बिना हिले- डुले नहीं रह सकती है? उसकी चंचलता से गु जिंग्ज़ की आँखें चकरा गयीं।

"लिन चे, मैंने कहा मुझे जाने दो! क्या तुम्हें समझ में नहीं आता?"

गु जिंग्ज गुस्से में चिल्लाया।

लिन चे ने उस पर एक नज़र डाली। क्या अब वह सचमुच गुस्से में था?

तुरंत, उसने अपने दोनों हाथों को ढीला कर दिया, लेकिन उसने अपना संतुलन खो दिया और तुरंत पीछे गिरने लगी।

यह देखकर, गु जिंगज़ ने अपना हाथ उसकी कमर के चारों ओर लपेट लिया।

हालांकि,वह भी उसके साथ नीचे खींच लिया गया था। जिस दिशा में वह गिर रही थी, वह भी उसके साथ गिरता चला गया।

लिन चे की आंखें चौड़ी हो गईं। गु जिंग्ज़ के नरम, पतले होंठ उसके मुंह पर जोर से रगड़ गए।

गु जिंग्ज़ का खूबसूरत चेहरा उसकी आँखों के सामने आ गया, उसका चेहरा थोड़ा लाल हो रहा था।

लिन चे को अपने सीने पर दर्द महसूस हुआ।

उसने नीचे देखा, गु जिंग्ज़ का चौड़ा सीना उसके सीने को दबा रहा था।

तुरंत, लिन चे का चेहरा भी पूरी तरह से लाल हो गया।

इस बार, गु जिंग्ज़ स्पष्ट रूप से उसके स्तनों को अपनी छाती पर महसूस कर सकता था।

हालांकि,उसने लिन चे को देखा और तुरंत साइड हो गया और जल्दी से अपने आप को उसके शरीर से दूर कर दिया। उसकी गति बिजली की तरह तेज़ थी।

लिन चे का दिल अब भी ज़ोर से धड़क रहा था क्योंकि वह पहले उसके बहुत नज़दीक आ गया था।

सही में, यह अविश्वसनीय था। उस समय वह उसे किस करना चाहती थी। वह सच में पागल थी |

लीन चे के होंठ उसके होंठों के करीब जाने की कगार पर था।

क्या इसलिए कि उसने उसके साथ एक लंबा समय बिताया था, वह उसकी सुंदरता से बहुत आकर्षित थी ?

वास्तव में, गु जिंग्ज बहुत हैंडसम और बहुत कामुक था। यहां तक कि जिस तरह से वह पहले उसके ऊपर गिरा था वो काफी आकर्षक था । उसके होंठों की बनावट बेहद मोहक थी, लेकिन...उसका दिल किसी और का था।

लिन चे उस तरह की इंसान नहीं थी जो किसी का प्यार छीन ले।

और वैसे भी गु जिंग्ज के भावों से ऐसा लगता था की वह उससे नफरत करता है।

उसने अचानक अपने हाथ से अपना मुंह ढक लिया और उसे याद आया कि गु जिंग्ज़ को महिलाओं से एलर्जी है।

इसमें कोई आशर्य की बात नहीं थी वो उसे पीछे धकेल रहा था ।

लिन चे ने जल्दबाजी में सिर उठाया। "ओह नहीं, गु जिंग्ज़। मुझे माफ़ कर दो । मैंने यह सब जान बुझ कर नहीं किया था। मैं क्षण भर के लिए भूल गयी थी कि आपको कोई बीमारी है। इसलिए मैंने आपको खींचा और जाने से मना किया ।"

गु जिंगज़ की अभिव्यक्ति गहरी हो गई,उसने अपना सुंदर चेहरा थोड़ा उठाया |

और उसकी छाती पर देखा।अपने आप को रोक पाने में असमर्थ,उसने फिर से गौर से देखा।

लिन चे ने उसकी नज़रों को देखा और उनका पीछा करते हुए उसके साथ अपना सिर भी नीचे कर लिया।

गु जिंगज़ ने अपना हल्का लाल चेहरा दूर किया और अपने भावों को छिपाने के लिए,नज़रें हटा लीं। उसने बहुत आराम से कहा,"वैसे तुम्हारे स्तनों का आकार खराब नहीं है। वे काफी उभरे हुए हैं,क्यूंकि ये नकली नहीं हैं|" उसने जानबूझकर यह एक अलग से अंदाज़ में कहा|

" ये क्या बकवास है"।

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