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क्या मुझे मफरत और प्यार करना चाहिए

प्यार कोय आसान नहीं है , और नाहि उसे खरीदा जा सकता है। प्यार को तो सिर्फ मेहसूस किया जा सकता है । प्यार में कभी हार जीत नय होती क्योंकि सच्चा प्यार कभी नय हरता। प्यार हर कोय नय निभा सकता ।

प्यार कोय खेल नय है कि जब मर्जी हो तब खेले , जब मर्जी हो तब ना खेले। लेकिन आज कल के प्यार में सिर्फ खेल ही होता है। जेसेकी आज कोय पसंद आ जाता है और कल कोय और पसंद आ जाता है।

में आपको एक कहानी सुनाती हूं । एक लड़का और लड़की थे । लड़का लड़की के शहर से काफी दूर रहता था । सोशल मीडिया पर दोनों की बातचीत सुरु हुई । एक दिन लडके ने लड़की से अपने दिल की बात बतादी। उस लड़की ने कुछ दिन सोचा फिर उसने भी अपने दिल की बात बतादी। कुछ महीनों के बाद दोनों ने मिलने का सोचा । फिर वो दोनों मिले । मिल कर दोनों ने बातचीत की गुमे फिरे ।

उन दोनों का संबंध बड़ी अच्छी तरह से चल रहा था। कुछ महीनों के बाद लड़की को पता चला कि लड़के की पहले से ही सगाई हो गई थी । जब लड़की ने लड़के से पूछा कि सगाई वाली बात सच है या जूठ तब लड़के ने कहा कि में सिर्फ लड़की को देखने गया था । फिर लड़की ने इस बात को सच मान लिया । फिर पता चला की सगाई वाली बात सच थी । लड़की का लड़के पर से भरोसा ही उठ गया । उस लड़के ने एक बार भी नय सोचा कि जब उस लड़की को सच पता चलेगा तब उस लड़की पर क्या बीतेगी ।

प्यार कोय खेल नय है जो हर किसी के साथ खेला जाए। प्यार एक अहसास है जो मेहसूस किया जा सकता है। इसी लिए जिसे आप सच्चा प्यार करते हो उसे कभी जूठ मत बोलो । क्योंकि जब सच पता चलता है तब बोहोत दर्द होता है ।

इसी लिए जिसके साथ आप प्यार को मेहसूस करो उसके साथ ही अपना प्यार बटो । नहीं तो फिर आपकी जिंदगी एक खेल बनके रह जाएगी । प्यार को जीना सीखो लेकिन उसके साथ नय जिसके साथ आप प्यार को ही भूल जाव।

प्यार करो आंखे बंद करके करो लेकिन प्यार में इतने भी अंधे मत बनो की सच और जूठ का फर्क ही ना पता चले ।

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