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Khamoshi

Autor: AyeshaKhan
Urban
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Zusammenfassung

Suna Hai Khamoshiyo Ki Zuban Nahi Hoti lekin Meri Khamoshi Bezuban Nahi Hai Jis Tarah Ek Khamosh Samundar Apne Andar Tufaan Lekar Rehta Hai ,Kuch Aesi Hi Hai Ye meri Khamoshi

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