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उसे सिर्फ खुद की छवि के बारे में परवाह थी

Redakteur: Providentia Translations

सु कियानक्सुन पहले अस्पताल गयी। वह आधे घंटे के लिए सु जिए के साथ रही और मु बाई से कुछ पैसे उधार लिए। उसके बाद, वह पीछे के प्रवेश द्वार से होकर निकल गई और किआओ परिवार की हवेली जाने के लिए एक टैक्सी ले ली।

सु कियानक्सुन के आगमन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। आखिरकार, वह सु परिवार की महिला हुआ करती थी। सभी ने सु परिवार की अनमोल छोटी राजकुमारी को पहचान लिया।

करीब दो साल पहले सबने उन्हें आखिरी बार देखा था, लेकिन सु कियानक्सुन के रूप में आये परिवर्तन ने सभी को चकित कर दिया। हालांकि सु कियानक्सुन को तब भी बदसूरत नहीं माना जाता था, लेकिन तब वह उतनी तेजस्वी नहीं हुआ करती थीं जितनी की अब थीं। हर कोई उससे आँखें नहीं हटा पा रहा था।

एक लम्बी काले रंग की पोशाक पहने हुए, युवती ने कालीन के फर्श पर लम्बे-लम्बे कदम बढ़ाये। उसके अति सुंदर चेहरे, जीवंत व्यवहार, आँखें जो सितारों की तरह चमक रहीं थीं, और शांत भाव के साथ, उसके बारे एक गरिमामय हवा थी। भले ही हर कोई उसकी तरफ देख रहा था, लेकिन उसकी चाल पूरी तरह से बिना कोई घबराहट के थी और यहाँ तक कि वह भी। यह सब ऐसा था जैसे वह इन सभी चीज़ों के लिए अभ्यस्त थी और सभी ध्यान और प्रशंसा की हकदार थी।

जब किआओ येरन, जो कि प्रवेश द्वार के पास मेहमानों का स्वागत कर रही थी, जब उसने देखा कि सु कियानक्सुन कितनी उच्चतम और लुभावनी लग रही थी, तो उसने अपनी मुट्ठी कस कर पकड़ ली। वह वास्तव में एक चाकू लेना चाहती थी और बिना उस कोई दया के उस फूहड़ की सौंदर्य को नष्ट कर देना चाहती थी।

वह समझ नहीं पा रही थी कि इतनी अच्छी छवि के ख़राब हो जाने बाद भी ये छोटी फूहड़ कैसे सभी का ध्यान आकर्षित कर सकती है। चिंतित हो कर, उसने ज़िया चक्सी को देखा, जो उसके बगल में खड़ा था। जैसी कि उम्मीद थी, वह भी उस छोटी से फूहड़ लड़की के द्वारा मोहित हो गया था। उसकी निगाह सु कियानक्सुन पर टिकी हुई थी।

सु मन्नी के चेहरे के भाव भी अपरिवर्तित रहे, लेकिन उसकी निगाहें बेहद ठंडी थीं। 'मुझे हमारी पिछली बैठक के दौरान ही कोई दया नहीं दिखानी चाहिए थी और इन दो छोटी अवैध संतानो को एक टुकड़े में हवेली छोड़ने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी!'

किआओ बोनियन का भाव भी थोड़ा रुखा था। 'जैसी कि उम्मीद थी, यह लड़की मुझे कुछ परेशानी जरूर देगी। इसने क्या पहना हुआ है?'

सु मन्नी ने अपनी बेटी के हाथ को पकड़ के खींचा, और तभी किआओ येरन को एहसास हुआ कि वह अपना धैर्य खो चुकी है। कुछ महिलाएँ पूरे समय उसे घूर रही थीं। उसने शर्मिंदगी में अपना सिर नीचे कर लिया।

"कियानक्सुन, आप यहां हैं। आपके पिता और मैं हमेशा आपकी चिंता करते हैं। अब जब आप घर पर आ गयीं हैं, तो आपको आज से हमारे साथ ही रहना पड़ेगा। यह आपका घर है।" सु मन्नी हमेशा गुमराह करती थी क्योंकि वह अपनी खुद की छवि के लिए ही सबसे ज्यादा परवाह करती थी।

भले ही वह वास्तव में सु कियानक्सुन को अभी गाला घोंट के मार देना चाहती थी, फिर भी वह एक स्पष्ट मुस्कुराहट बिखेर रही थी, मानो सु कियानक्सुन उसकी अपनी बेटी थी।

"आंटी, अब जब आप और मेरे पिता ने इतना खुश और प्यार भरा परिवार शुरू कर दिया है, तो मैं आपको परेशान नहीं करुँगी।" सु कियानक्सुन ने अपनी मासूम आँखें झपकी, पूरी तरह से भोली और अहिंसक दिख रही थी।

उसके इस एक बयान ने उनके आसपास के सभी लोगों को याद दिलाया कि सु मन्नी केवल एक घर तोड़ने वाली थी। उसके ऊपर, उसने अपनी दत्तक बड़ी बहन के पति को भी बहकाया था, जिसके परिवार ने उसे पाला था। इस तरह के काम को बहुत अच्छी तरह से कृतघ्न और बेईमानी के रूप में वर्णित किया जा सकता है।

कोई बात नहीं, कि सु मन्नी अपनी भावनाओं को कितनी अच्छी तरह से छुपा सकती थी, वह थोड़ा स्तब्ध हो गयी थी। सु कियानक्सुन ने जो कहा, वह सबके सामने उसके चेहरे पे पड़े भारी थप्पड़ के समान था।

"बहन, तुम अंत में यहां आ गयी हो। हमारे सगाई समारोह में शामिल होने के लिए धन्यवाद। मैं उस दिन की अप्रिय घटना के लिए माफी मांगती हूं। मुझे पता है कि मैं गलत थी। मैं तुमसे थप्पड़ खाने के ही लायक हूं ... आह, मुझे इस बात का उल्लेख नहीं करना चाहिए था।"

किआओ येरन को अभिनय करने की प्रतिभा सु मन्नी से विरासत में मिली होगी; जैसी माँ वैसी बेटी। अभिनय ही था जो उन्होंने बेहतरीन किया।

जिस समय किआओ येरन ने यह कहा, तो हर कोई इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि शायद सु कियानक्सुन ही किआओ येरन को परेशान करती होगी।

"यह अच्छी बात है कि आप जानती हैं कि आप गलत थीं... इसके अलावा, इस समारोह का आयोजन मेरे मंगेतर के साथ आपकी सगाई का जश्न मनाने के लिए हुआ है। बेशक, मुझे आपको व्यक्तिगत रूप से बधाई और शुभकामनाएं देने आना ही पड़ता।"

सु कियानक्सुन निश्चित रूप से किआओ येरन को इतनी आसानी से जाने नहीं देती। वह पीड़िता की भूमिका निभा सकती थी और सहानुभूति की भीख माँग सकती थी, लेकिन सु कियानक्सुन को उसके तरह खेलने का कोई भार नहीं था।

किआओ येरन ने ऐसा दिखावा किया जैसे वह बुरी तरह हिल गई हो। वह लड़खड़ा गई और ज़िया चक्सी की बाहों में गिर गई। उसके आँसू उसके चेहरे से नीचे गिरने लग गए, जैसे कि एक टूटी हुई माला से मोती। "चक्सी, मुझे पता था कि मेरी बड़ी बहन मुझे माफ नहीं करेगी ... लेकिन, मैं यह केवल अपने बच्चे की खातिर कर रही हूं।"

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