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रोना बंद करो

Redakteur: Providentia Translations

गू मोहन अपने एक घुटने पर बैठ गया और टैंग मोर के नाजुक शरीर को ढँकने के लिए अपना कोट उतार दिया। एक हाथ से उसने उसके छोटे से चेहरे पर हाथ रखा और उसे सहलाया। वह अत्यंत दयनीय लग रही थी। 

उसके पूरे चेहरे पर छोटे-छोटे आँसू थे, उसकी नाक और आँखें लाल थीं और यहाँ तक कि उसके चेहरे पर हथेली की छाप भी धधकते हुए अंगारे जैसी लग रही थी। उसे दयनीय नज़र से देखते हुए वह दुबारा से सिसकियाँ ले कर रोने लगी| उसने उसके दिल को और भी ज़्यादा तोड़ने के उद्देश्य से ऐसा किया होगा।

गू मोहन ने उसकी पतली कमर को पकड़ लिया और उसके हिलते हुए होंठों को चूम लिया, उसने कहा, " अब और नहीं रोना, ठीक है? तुम्हारे रोने से मेरा दिल कई मिलियन टुकड़ों में टूट जाएगा।"

जब उसने उसके शरीर को स्पर्श किया तो वह पत्ती की तरह काँप रही थी और वह जल्दी से उसके काले कोट में घुस गई। यह कोट अभी भी उसके शरीर के तापमान से गर्म था और यह बिलकुल उसके स्वच्छ, मर्दाना शरीर की खुशबू की तरह महक रहा था। उससे सुरक्षित गंध आती थी और उस क्षण में वह सुरक्षित और महफूज महसूस करने लगती थी। टैंग मोर ने अपनी दो पतली उंगलियाँ बढ़ा दीं, उसकी कमीज़ पर हाथ रखा और हँसते हुए कहा, "गू मोहन, मैंने तुम्हें फोन करना बंद नहीं किया ... तुम्हारा नाम, तुम यहाँ अब क्यों हो? मैं ... मैं बहुत डर गई हूँ?" , मुझे गले लगा लो।"

गू मोहन उसे कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसके लाल होंठ चूमने के लिए आगे झुक गया ।

टैंग मोर ने उसकी मजबूत कमर को कसकर पकड़ लिया| गू मोहन ने उसके मुँह में अपनी जीभ को अंदर धक्का देने दिया और उस जुनून के साथ चूमा कि वह काँपने लगी और उसका दिल उत्तेजना से भर गया।

वह अपनी जीभ से उसके मुंह के अंदर टटोलने से खुद को नहीं रोक पाया, लेकिन उसने सिर्फ आत्म नियंत्रण का प्रयोग किया और अपनी पकड़ ढीली करने से पहले थोड़ी ज़्यादा देर के लिए उसे चूमा। उसके चेरी जैसे होंठ उस गरम चुंबन के बाद चमकने लगे थे और उसने मुँह फुला लिया। "मैंने एक चुंबन के लिए नहीं, आलिंगन के लिया कहा था।"

"लेकिन मैं तुम्हारी आँखों से देख सकता था कि तुम चाहती थी कि मैं तुम्हें एक चुंबन दूँ।"

बेशर्म! वह वह खुद था जो चुंबन चाहता था, वह कैसे उसे पर इस बात का आरोप लगा सकता था कि उसे चुंबन चाहती थी!

"अध्यक्ष, हमें इस आदमी से कैसे निपटना चाहिए?" एक अंगरक्षक ने पूछा।

"अध्यक्ष गू, कृपया मुझे छोड़ दें, कृपया मेरे जीवन को छोड़ दें| यह वह थी, यह टैंग मोर है जिसने मुझे लुभाया। उसने अपने कपड़े अपनी मर्ज़ी से उतार दिए और मुझसे अपने साथ सेक्स करने के लिए कहा, यह उसकी सारी गलती है, मेरी नहीं। मुझे फँसाया गया है।"

हेन डोंग जमीन पर झुक गया, अपने सिर को जमीन पर पटक दिया क्योंकि वह गू मोहन के आगे खुद को गिड़गिड़ाने से खुद को रोक नहीं सका। फिर भी गू मोहन ने उसकी हरकतों को नज़रअंदाज़ कर दिया और उसे एक इतनी ज़ोर से लात मारी कि हेन डोंग जमीन पर लुढ़क गया और उसने मुँह से खून की उल्टी कर दी।

यह आदमी शैतान था | उसने उसे उकसाने की हिम्मत नहीं की और उसने टैंग मोर पर दोष मढ़ दिया।

हेन डोंग की घृणित हरकतें एक नए स्तर पर पहुँच गई थी। टैंग मोर कुछ बोलना चाहती थी, लेकिन उसने गू मोहन को हँसते हुए यह कहते सुना, "तुम दावा करना चाह रहे हो कि मैं उसके लिए बहुत उबाऊ हूँ और वह अब मेरी बजाए तुम्हारे में दिलचस्पी दिखने लगी है? क्या तुम ... मेरे सामने दिखावा कर रहे हो?"

हेन डोंग स्तब्ध रह गया और जब उसे एहसास हुआ कि उसके शब्दों में क्या असर हो सकता था तो एक सुनहरी मछली की तरह उसका मुँह खुला और दुबारा बंद हो गया| 

गू मोहन की ठंड नज़र हेन डोंग पर जा कर रुक गई। "बेकार आदमी, तुम कुछ भी दिखावा करने के योग्य नहीं हो, आखिर तुमने किन यावेन को अपने प्यार में पड़ने के लिए मना भी कैसे लिया?"

किन यावेन का नाम सुनने के बाद टैंग मोर ने कुछ सोचा और हेन डोंग की तरफ देखा।

लेकिन एक बड़ी हथेली अचानक सामने आई और उसके सिर के पिछले हिस्से को अपनी बाँहों में खींच लिया, और उसे छेड़ते हुए कहा, "आज्ञाकारी बनो, उसे मत देखो। जब तक मैं इस घृणित आदमी के साथ सब कुछ निपटाता हूँ, तब तक इंतज़ार करो| फिर मैं अपनी पैंट को उतार दूँगा और मेरे पास जो कुछ भी है तुम्हें कार में दिखा दूँगा। "

गू मोहन के होठों के कोने ने एक सुंदर गोलाकार बनाया, हालांकि उसकी आँखें गुस्से से भरी हुई थीं।उसने हेन डोंग को कहा, "मैंने कभी तुम्हारे बेकार के जीवन को दूर करने की योजना नहीं बनाई थी, हालांकि तुमने मुझे अनावश्यक रूप से उकसाकर ऐसा करने के लिए उकसाया है। क्यों ना तुम्हें असक्षम बना दिया जाये, क्योंकि इसी से सारा मामला शुरू हुआ है।"

हेन डोंग ने अपने सामने खड़े आदमी को देखा और वह हकलाने लगा। "आ-अध्यक्ष गू ... नहीं, नहीं ...!"

एक अंगरक्षक आगे बढ़ा और हेन डोंग की टाँगों के बीच एक पैर रखा, उसके बाद उसने जबरदस्ती उसके मध्य भाग पर बलपूर्वक पैर रखा।

"आह !!" हेन डोंग बुरी तरह से चीखा, गुफा ताज़ी खून की बदबू से भर गई।

अपनी टांगों के बीच कस कर हाथ रखते हुए, वह बेहोश होने से पहले दर्द के कारण जमीन पर लुढ़क गया।

गू मोहन अभी भी हमेशा की तरह शांत था, वह एक इंच भी नहीं हिला और अपनी बाँहों में मौजूद महिला को बचाने के लिए उसने सब किया, यहाँ तक कि खून भी सूँघा। उसने उदासीन लहजे में कहा, "इस घृणित आदमी को पुलिस स्टेशन में फेंक दो, कुछ लोगों को ढूँढो जो इसकी अच्छी सेवा कर पाये।"

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