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निंग शहर में सबसे सुंदर

Redakteur: Providentia Translations

निंग शहर।

एक महंगे और शानदार प्रेसिडेंशियल कमरे में, एक पतला सुंदर भव्य शरीर बिस्तर पर पड़ा हुआ था। जो सुंदर काली पोशाक उसने पहनी हुई थी, लगभग पूरी तरह से फटी हुई थी, जिसमें से उसकी नरम, नाजुक त्वचा जो बर्फ की तरह सफेद थी, दिखाई दे रही थी। उसके लंबे काले बाल उसके कंधों पर हल्के से गिरे हुए थे, जिससे उसके पतले कंधे बेहतरीन जेड की तरह पारदर्शी दिखाई देते हैं।

बिस्तर के पास जो आकृति खड़ी थी, उसने युवती के मुलायम काले बालों को दूर हटा दिया, जिससे उसका खूबसूरत चेहरा दिखने लगा। उसके होंठ जो चेरी ब्लॉसम की तरह गुलाबी थे बोले, "गर्मी ...बहुत गर्मी है..."

अच्छा है कि ये गर्मी है।

बिस्तर के पास खड़े व्यक्ति ने तिरस्कार पूर्ण तरीके से कहा, फिर एक फोन निकाला, और वो एक कॉल करते हुए बाहर चला गया।

"क्या आप जल्द ही आ रहे हैं? वो कमरा नंबर 2608 में है। दवा का असर दिखना शुरू हो गया है। आप जिस पल यहां आएंगे, उसी पल से वो कर सकते हैं, जो आप चाहें। एक बार काम पूरा करने के बाद मेरे लिए कुछ चटपटी फोटो लेना याद रखें।"

"चिंता मत करो। ये मेरी छोटी बहन अभी भी कुंवारी है और निंग शहर की युवा सुंदरता है, जो हर किसी को अपनी खूबसूरती से मार सकती है। आप इस बार बहुत भाग्यशाली हैं।"

कमरे का दरवाजा बंद हो गया। फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने ये नहीं देखा था कि बिस्तर पर जो लड़की थी, उसकी मोटी, घुमावदार पलकें पहले ही खुल चुकी थीं।

नान याओ, जिसे नान जी की सौतेली मां, नान याओ अपने साथ ले कर आई थी, जब उन्होंने नान परिवार में शादी की थी। वो नान ज़ी से 6 महीने बड़ी थी और आमतौर पर शांत रहती थी और खुद के काम से मतलब रखती थी। ये पूरी तरह से अप्रत्याशित था कि वो नान जी को, उसके आने वाले वयस्कता समारोह के दौरान नशे की दवा देगी!

नान जी ने बिस्तर से उठते ही अपने कमजोर शरीर को संभाला। उसके पूरे शरीर में अपरिचित गरमाहट की एक धारा जल रही थी। उसने अपने सूखे होंठों को चाटा और तुरंत बाहर भाग गई।

वो नान याओ की योजना को सफल नहीं होने दे सकती थी।

लिफ्ट की आवाज अचानक से आई जब नान जी तय कर रही थी कि किस दिशा में दौड़ना है।

वो तुरंत घबरा गई।

ये शायद वो व्यक्ति था जिसे नान याओ ने आने के लिए कहा था।

नान जी जल्दी से विपरीत दिशा में भागी।

उस व्यक्ति ने उसे उस क्षण देखा, जब वो लिफ्ट से बाहर निकला, और जोर से चिल्लाया, "रूक जाओ! भागो मत!"

नान जी को पता नहीं था कि वो कितनी देर तक भाग रही थी। वो थक गई थी, और वो एक दरवाजे से टेक लगाकर खड़ी हो गई, जो व्यक्ति उसका पीछा कर रहा था, वो उसी गलियारे के कोने में मुड़ता हुआ दिखाई दे रहा था, जहां वो थी।

दवा असर करने लगी थी।

उसके पास अब और दौड़ने की ऊर्जा नहीं थी, उसके दोनों पैर अपनी सारी ताकत खो चुके थे।

क्या वो वास्तव में बच नहीं पाएगी?

इस समय, नान जी को अहसास हुआ कि जिस दरवाजे पर वो झुकी हुई थी, वो ठीक से बंद नहीं था। बस थोड़ा सा धक्का देकर दरवाजा खुल गया।

नान जी ने जल्दी से कमरे में प्रवेश किया और दरवाजा बंद कर दिया। वो कालीन लगे फर्श पर गिर पड़ी।

उसका सिर भारी हो रहा था और उसके चारों ओर सब कुछ घूमने लगा था।

उसके चेहरे पर एक अप्राकृतिक लालिमा थी, हालांकि इस चमकीले रंग से उसके मूल रूप से उत्कृष्ट चेहरे की विशेषताएं और भी करामाती दिखाई दे रहीं थी।

उसने अपना मुंह खोला और हांफने लगी। उसके शरीर के अंदर की तेज गरमाहट ने उसके शरीर से सारी ऊर्जा निकाल दी थी।

उसे पानी पीने की जरूरत थी।

उसे अपनी प्यास बुझाने की जरूरत थी।

नान जी अंधेरे कमरे में टकरा गई।

वो अचानक किसी चीज से उलझ गई थी। वो आगे गिर गई, एक आदमी के ऊपर जो शांति से बिस्तर पर लेटा था।

"ओह।"

कमरे में रोशनी बंद थी। पर्दे भी कसकर बंद थे, जिससे किसी भी प्रकार का प्रकाश कमरे में नहीं था। नान जी कुछ भी नहीं देख पा रही थी।

उसका चेहरा किसी गर्म जलती हुई चीज के ऊपर दबा हुआ लग रहा था।

अंधेरे में, आदमी ने अपनी गहरी आंखे खोलीं। उसकी सुंदर विशेषताएं अंधेरे में छुपी हुई थीं, लेकिन उसकी आंखे एक जानवर की तरह खुली हुई थीं और चुभ रही थीं। "कौन है?"

नान जी को पता नहीं था कि यहां एक आदमी क्यों था। उसकी आवाज कर्कश और गर्मजोशी के बिना किसी संकेत के ठंडी थी, लेकिन उसके लिए, नान जी को ये एक जीवन रेखा की तरह लग रही थी।

उसकी इन्द्रियां उसे बता रही थी कि उसके पास कुछ है जो उसकी मदद कर सकता है।

उसने अपने हाथ में उस चीज को पकड़ा और सहलाया जिसे वो दबा रही थी और नशे की हालत में, प्यार से कहा "छोटी बिल्ली, अच्छी बनो। इतना हिलो मत। जी जी [1. जी जी का मतलब बड़ी बहन है] वास्तव में बहुत प्यासी है, इसलिए मुझे जाने दो और पहले पीने के लिए कुछ पानी ढूंढने दो।"

लड़की की आवाज बहुत कोमल और मंत्रमुग्ध कर देने वाली थी। जब वो बोलती थी, तो उसकी गर्म सांसें आदमी के उस हिस्से को घेर लेती थीं, और उसके पेट के निचले हिस्से की ओर एक गर्म लहर दौड़ जाती थी।

हालांकि, इस समय उसके पास हिलने के लिए कोई ऊर्जा नहीं थी।

"आपको यहां किसने भेजा है? स्क्रैम ..."

वो आदमी अभी तक बोलना खत्म नहीं कर पाया था जब उसकी नाक पर नरम होंठ महसूस हुए। एक सुगंध जो केवल एक लड़की की हो सकती थी, ने अचानक उसकी सारी इन्द्रियों को घेर लिया।

उसका सारा शरीर तिलमिला गया।

नान जी को नहीं पता था कि उसे क्या हुआ है। वो कुछ अलग ही बर्ताव कर रही थी। उसने अपने आप को उस आदमी के सपाट पेट के ऊपर झुका दिया, फिर अपनी प्रवृत्ति का अनुसरण किया और बिना किसी विचार के उसके लाल होंठ उस आदमी के होंठों पर दबा दिए।

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