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चुंबनो के कारण नींद से जाग जाना

Redakteur: Providentia Translations

आधी रात को निंग क्षी बिस्तर पर अपने ख़यालो में खोई हुई, लेटी हुई थी|

जो भी लड़का उसके आस पास ज्यादा भटकता या उसके साथ सोने को बेताबी दिखाता वह उसे मार-मार कर अधमरा कर देती थी, खासकर जो शादीशुदा होते और जिनके हाथ पर शादी की अंगूठी का निशान रहता उनकी तो वह और भी ज्यादा पिटाई कर देती थी|

उसकी सेक्स में कोई भी रुचि नहीं बची थी|

आखिरी बार उसने दिल से सेक्स का आनंद शायद आज से 5 साल पहले ही उठाया था, जिसकी सच्चाई ने उसे अंदर तक तोड़ कर रख दिया था| आज उसे सेक्स के नाम से घिन आती है|

उसने यह सब लू टिंग को चिढाने के लिए ही कहा था| इससे पहले कि वह उसके उस घिनौने अतीत के बारे में कुछ जान पाये, अपने आपको इन सब से दूर कर लेना ही ठीक होगा|

उसका दिल और दिमाग आज बहुत ही अशांत थे| उसे बुरे-बुरे सपने आ रहे थे, उसे कई आवाजें सुनाई पड़ रही थी, " किस हक से तुम मुझसे झगड़ा कर रही हो? हमारे बीच खून का रिश्ता है बस उसे ज्यादा कुछ नहीं|"

"किस मुंह से तुम उस नाजायज़ बच्चे के बारे में पूछ रही हो? क्या तुम उसे जन्म दे कर पालने-पोसने वाली थी?"

मैं निंग याओहुया तुम्हें अपनी बेटी मानने से इंकार करता हूँ, तुम्हारा निंग परिवार से कोई रिश्ता बाकी नहीं बचा|"

" निंग क्षी मुझे माफ करो पर अब हमारा रिश्ता खत्म हुआ, आज से मैं तुम्हारी अपनी बहन की तरह परवाह करूँगा|"

इन सब आवाज़ों से दूर जाने के लिए वह दौड़ने लगी| दौड़ते हुए अस्पताल की छत पर पहुँच गयी| उसने नीचे झाँककर देखा, नीचे स्याह अंधेरा था, जो उसे अपनी तरफ बुला रहा था| इस अंधेरे को गले लगाने के लिए वह छत से कूद पड़ी|

कूदने के बाद वह इस सपने से नहीं जागी परंतु दूसरा सपना शुरू हो गया पर यह डरावना सपना नहीं था, यह कुछ रोमांटिक सपना था...|

ऐसे सपने उसे पहले भी आ चुके थे,परंतु इन सपनों के अंत में भी वह अपने आपको डरा हुआ और मजबूर पाती थी पर आज कुछ अलग था|

आज एक के बाद एक चुंबन उसके माथे, आँख, नाक, गले पर बरस रहे थे|

उसे इन चुंबनो से घिन नहीं आ रही थी, यह कुछ अलग सा अहसास करा रहे थे, उसे खास होने का अहसास करवा रहे थे|

पर यह था कौन...?

ओह लग रहा है|

यहाँ क्यों काटा?

लू टिंग ने अपने आपको रोकने की बहुत कोशिश की पर वह खुद को रोकने में नाकामयाब रहा| निंग क्षी के कमरे में आने के बाद उसका इरादा उसे जगाने का नहीं था, पर खुद को रोक नहीं पाया और ज्यादा ज़ोर से किस करने लगा जिससे निंग क्षी जाग गयी|

यह औरत उसको पागल बना देती थी|

निंग क्षी के गले पर हल्का सा चुंबन देने के बाद उसके अंदर उसे और ज़ोर से चूमने की तीव्र इच्छा उठी और उसने उसे वहाँ ज़ोर से चूम लिया था|

उसके मुह में खून का स्वाद आ गया और निंग क्षी के गले से चीख निकाल गयी|

लू टिंग अब बर्फ की तरह ठंडा पड़ गया| उसकी पीठ जकड़ गयी|

निंग क्षी की गर्दन मे उसका सिर गड़ा हुआ था , निंग क्षी अब भी दर्द से चिल्ला रही थी| निंग क्षी ने उसे याद दिलाया, "मै अभी-अभी ही सोयी हूँ मरी नहीं हूँ कि आपकी इस हरकत से जाग नहीं पाऊँगी|"

शुरू में तो वह सोने का नाटक कर रही थी पर बाद में वह इस दर्द को और झेल नहीं पायी, काफी दर्द करने लगा था|

लू टिंग की रात के अंधेरे के जैसी काली स्याह आंखे निंग क्षी की आंखो से मिली, उसने अपना सिर उठाया, एक उंगली निंग क्षी के गालों पर फेरी और पूछा, " क्या मैने तुम्हें जगा दिया?"

ऐसा बोल कर उसने निंग क्षी के दोनों हाथों को उसके सिर के ऊपर धकेल दिया और उसे कसकर पकड़ कर उसे फिर से चूमने लगा|"

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