1 Unnamed

उफ्फ ये चुप्पियाँ ...

उसने कहा कि जा रहा हूँ

डरना जायज़ था

वो रह नहीं पायी आखिर पूछ बैठी .. मुझे छोड़कर क्या ?

अरे !! मैंने ऐसा कब कहा

हम्म ..

जैसे दोनों समझ गये और फिर साथ चलने लगे दोनों

वो सोच रहा था कि अब तो कुछ बोले ये ।अब तो कुछ बात हो फिर से हम दोनों की पुरानी हँसी बीच में आकर हमारी सुलह कराये

और वो सोच रही थी..

कि अब मैं और कितना खुल कर कहूँ ...

चलते हुए कई बार हाथ से हाथ टकरा रहे हैं दोनों सामने देख कर चल रहे हैं पर जैसे सब ठहर गया है ..चुप्पियों ने एहसास की दस्तक को दबा दिया है ...पर फिर भी साथ साथ एकदूसरे की फिक्र और चाहत लिए उस लम्हें को जी रहे हैं

#pranjali ...

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